चमन चाहती हूँ, गुल भी चाहती हूँ ;
ख़ुशियाँ ही ख़ुशियाँ सदा चाहती हूँ !
जहाँ आसमान हो ज़मीं की पकड में ;
हो ऐसा खुदाया यहाँ चाहती हूँ !
मजबूरी आए न हिस्से किसी के ;
यही चाहती हूँ जी यहाँ चाहती हूँ !
रग़ों में रहे हमेशा ही रवानी ;
जिस्मो को जोशे-रवां चाहती हूँ !
जहां सिर्फ़ मेरा, रहे मेरा जाना ;
अजी चाहती हूँ, 'तनु' हाँ चाहती हूँ !... ''तनु''