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Sunday, December 9, 2018

हिम बीज बोइये



शिशिर की शीत घनी, गए हैं सिकुड़ दिन, 
बहुत बड़ी रैन है, मुँह ढाँक सोइये..  
शरारती हवा हुई,  रही है चुभाय पिन, 
किरण मोती धूप में, गिन गिन पोइये..  
ठिठुरती रात गयी, भोर किरण ग्वालिन,  
लेकर के ओस चली,  अँचरा भिगोइये..  
दाँतों की किट किटर, सन्नाटों के पल छिन, 
गाँव में जमाव बिंदु, हिम बीज बोइये .. ''तनु''

Saturday, December 8, 2018

मिटटी मेरी

मिटटी मेरी आज मुझसे, बात करने पर अड़ी है ;
और ज़िद उस पर कुम्हार की, थाप करने पर अड़ी है !

रूप कितने रंग कितने बिखर बिखर निखरी हुई ;
वक़्त से सँवरी मिटी, फिर रात करने पर अड़ी है !

सूरज चमका तप गयी चाँद दमका चमक गयी ;
चाँदनी में मिटटी की गुड़िया घात करने पर अड़ी है !

 तेज़ चलती आँधियों  में रेत उड़ती जायगी अब  ;
तब तो गल के मानेगी बरसात करने पर अड़ी है !

गोद खेले कल्प तो  रूठ कर के बंजर बन जाती ;
ज़लज़ला पलना झुलाती ज़ुल्मात करने पर अड़ी है !

उसमें  स्वर है साज उसमें अनहोनी होनी भी वो  ;
'तनु'  झगड़ा किसलिए, ये बात करने परअड़ी है !... ''तनु'' 

वो


वो कमा कर लाती है !!
क्यों न किसी को भाती है ,....
आह!! वो बिना मोल बिकी
रोटियों से ज्यादह सिकी ,

उठ तारों की छाँह चली ,
भिनसारे ही करम जली
दोपहर तक टूटे कमर
धूप देखे बुझती नजर,
नज़र हर घडी, ..  घडी टिकी
आह!! वो बिना मोल बिकी, ,,

धो सबका मैला गंदा ,
बर्तन आँगन औ कंथा ,
शाम ढले  बने  तंदूर ,
श्राप ताप बना सिंदूर ,
कंगना महावर टीकी
आह!! वो बिना मोल बिकी, ,,

लाल संग , ,,,, लाल का काम
काल संग , ,,, काल का काम
रिश्ता है या व्यापार
औरत ?? अनोखा संसार
बात बताना ना जी की, ..
आह!! वो बिना मोल बिकी , ,,

दर्द की बात कौन कहे ?
आँसू आँख से मौन बहे ,
कैसा उसे वेतन मान , ,,
मुफ्त का जानता जहान
देखें घूरें जहाँ दिखी ,..
आह!! वो बिना मोल बिकी। ....  ''तनु''






Friday, November 30, 2018

बहुत से ग़म हँसना पड़ेगा ही !

 बहुत से ग़म हँसना पड़ेगा ही !
  ऐ मुक़द्दर लड़ना पडेगा ही !!

काट अपनी कहाँ रखूँ  बाहें ! 
वो दुश्मन बन गया लड़ेगा ही !!

जिंदगी अब ज़ख़्म ज़ख़्म है तू !
घाव को तो रिसना पड़ेगा ही !!

आसमाँ भी कभी रहा खाली ?
वो सितारे कुछ तो जडेगा ही !!

 दे दे सब्र करूँ इंतज़ार मैं !
मालिक आना तुझे पड़ेगा ही !!... ''तनु''


लो अब दर्द सहना पड़ेगा ही !



लो अब दर्द सहना पड़ेगा ही !
ज़ख़म तो है बिगड़ा, सड़ेगा ही !!

अब हुआ है गहरा, रिसा सड़कर !
काम का ही नहीं कटेगा ही !!
   
आ गयी है ख़िज़ां गयी बहार !
पीला  है ये त्ता झड़ेगा ही !!

ये ज़रूरी नहीं परिंदा फिर !
पर घायल गर हैं उड़ेगा ही !!

आँख कहती जुबाँ नहीं कहती !
प्यार दिल को हुआ जुड़ेगा ही !!... ''तनु''

Monday, November 26, 2018

कमसिन किरणें




कमसिन किरणें हैं खड़ी, ठिठुरे उनके पाँव !
आग तापती रैन है,       अब ना भाये छाँव !!

 दिन सिकुड़े छोटे हुए, कौन खा गया धूप !
 तन गहरी सुइयाँ चुभे, शीत दिखाये रूप !!

कोहरे की चादर में,   धुंधला गयी भोर !
रवि रथ के सगरे अश्व, हुए बहुत कमजोर !!

 हिमालय की अटारियाँ, उतरे सफेद हंस !
 हिम के पाखी सो रहे,  पंख हो गये नंस !!

 किरणों से दिन बुन रहा, धर कर अनगिन रूप !
 मोती चुनता ओस के,          सूरज भूप अनूप !!... ''तनु''


Wednesday, November 21, 2018

दर्पण छायी मलिनता, रोये जब है आँख !
मुखड़ा धुंधल हो गया,  खोय ख़ुशी की छाँक !!
आँसू की लड़ियाँ चली  ,  अधर गये हैं सूख, ,,
मलिन मन, जी की खुशियाँ,  कोउ सके ना आँक ?... ''तनु''

अँखियाँ




नयन अंजुरी में भरी, सपनों की सौगात !
यूँ ही छलक जायेगी ,  बातों ही में बात !!

नयन अंजुरी जल रहे, जैसे जल में  मीन !
सजल नयन में राम हैं, तन मन तुझमें लीन !!

अँखियाँ झील हो गयी,  हुए समंदर नैन ! 
ये सुख दुख की टोकरी,  मालिक तेरी देन !!... ''तनु''

दर्पण छायी मलिनता


दर्पण छायी मलिनता, रोई जब जब आँख !
दुख के दिन गुम हो गयेहँसती है अब आँख !!
सपन समेट जाग गयी, आँखें मलती भोर , ,,
आया सुदिन फूल खिले पाय ख़ुशी की छाँक  !... ''तनु''  

दर्पण आई मलिनता


दर्पण आई मलिनता, रोई जब जब आँख !
मुखड़ा धुंधला गया,  खोय ख़ुशी की छाँक !!
आँसू की लड़ियाँ चली  ,  अधर गये हैं सूख, ,,
मलिन मन, जी की खुशियाँ,  कोई सकता आँक ?... ''तनु''

Tuesday, November 20, 2018




  शरद ऋतु की चाँदनिया, मधु से मीठे बैन !
      पल पल याद करुँ तुझको, खो कर दिल का चैन ! 
          सोये ना ये आँख रे ,  पलकों बीते रैन , ,,
               जनम जनम से राह में , पाथर से दो नैन !!... ''तनु''

Saturday, October 27, 2018

कायनात अक्स उसका सम्हालो इसको,
ज़र्रे ज़र्रे से करो प्यार निखारो इसको !
उसके नूर से है सँवरी ये शाम सुरमई ,
जीवन जीवन सा जियो ना उजाड़ो इसको !!... ''तनु

Sunday, September 23, 2018

वहाँ बारिशें इनायत की यहाँ पर ग़म बरसते हैं!
सदा ख़ानाबदोश से होकर सनम हम भटकते है!!

तलातुम ही तलातुम जिंदगी हमने रौनकें खोई !
ख़्वाबों में आ जाओ देखो सूरत को तरसते हैं!!

बुझ गयी आवाज लेकिन यादों की बस्ती बड़ी !
शराफत की नगरी भली वफ़ाओं में महकते हैं !!

क़द्र तेरी करुँगा अपने वक़्त से नवाजा तूने ! 
चहरों से हट गयी नक़ाब परिंदे फिर चहकते हैं !!

किसी ने आज मेरे नाम हँसी - ख़ुशी लिख दी !
कतरा ही तो था समंदर अब बादल बरसते हैं !!... ''तनु''


Friday, September 21, 2018

जाना नदिया पार हो

जाना नदिया पार हो, इक ही साधन नाव!
और बैकुंठ जाइये, मनवा सत ले चाव!.. ''तनु'' 

इक ही साधन नाव है, जाना नदिया पार!
सत्यपालना कीजिये,    हो जाएं भव पार !!.. ''तनु''

खाली करके मेघ को

 खाली करके मेघ को, खिलती जाती कास!
तेरे बिन जी लूँ कहे,   बिन जल की मैं घास!! ***तनु


कास खिली बरखा गयी,धरती धारे धीर!
बादल बरसे उड़ गये, ऐसी सुखमय पीर!!***"तनु"

हरित तृणों की नोक पर

हरित तृणों की नोक पर,श्वेत पुष्प संसार!
हँसती संग बयार के,  ये कास की बहार !!
बरखा अब तू लौट जा, काहे करती रार !
कास विदाई दे रहे, झूम झूम हर बार!!*** "तनु"

लो किरण किरण छुप गयी,  बादलों के अनंग !
भगीरथी गीत महिमा,    गाये गान मृदंग !!
बड़बोला उद्वेलित है ,    डोला समीर संग, ,,  
स्नेह  पूरित मुग्ध उड़ा,  जलधर हुआ पतंग !! .. ''तनु''

जिंदगी में अपना कोई उसूल तो  रखना,
सफ़र बहुत है लम्बा सामान फज़ूल मत रखना !
बोझ कोई भी हो गुनाहों का बोझ ना हो, ,,
बेख़ौफ़ तू चला चल कोई  रसूल मत रखना!! ... ''तनु''
मेरी हिन्दी फूल सी ,महकी महकी बात!
पढ़ना देखो प्यार से, देना ना आघात!
व्यंजन और स्वर लेकर , छाया नाद निनाद, ,,
वाणी की महिमा कहे,पारिजात की जात!!"तनु"
विश्व आँगन हिन्दी का,
भाँति-भाँति के बोल!
विभिन्न भाषाएँ लिए,
जग में बजते ढोल!!•••"तनु"

विश्व आँगन हिन्दी का,
भाँति-भाँति के बोल!
विभिन्न भाषा के बजे,
जग में सुंदर ढोल!!•••"तनु"

विश्व आँगन हिन्दी का,
 खूब खिलाओ फूल!
गुलाब सी खुशबू लिये,
महका दो तुम शूल !!•••"तनु"

विश्व आँगन हिन्दी का,
 खूब खिलाएँ फूल!
गुलाब सी खुशबू लिये,
महकाएं हम शूल !!•••"तनु"

मेरी हिन्दी फूल सी ,
महकी महकी बात!
वाणी की महिमा कहे,
पारिजात की जात!! "तनु ''

मेरी हिन्दी फूल सी ,
महकी महकी बात!
पढ़ना देखो प्यार से ,
देना ना आघात!!!"तनु"
अब कहाँ नदियाँ रह गये नाले है;
अनसुने से कहीं रह गये नाले हैं!

बेच ईमान , नियामतें भी बेच दी! 
आस्तीन के नाग रह गये काले हैं!!

थालियों झूठी में मुँह मार फिरते!
 छीन कितने ही खा गये निवाले है!!

बोलते कितनी सफाई से झूठ हैं!
काम सफाई के रह गये टाले है!!

जीहुजूरी चपलुसी में मशगुल हैं!
अतिव्यस्त निठल्ले रह गये ठाले है!!

तनु रवानी को उनकी लगे ना नज़र,
बासती कढ़ी में उबाले ही उबाले हैं!!.. तनु 

विधना विषमय बेल को, मत दीजे आधार !

ये फैले तो अमि हरे, मर जाये संसार !!  'तनु'

डसती  हैं नाकामियां,  बनकर काले नाग!
दुखी मन से आह भरूं,   कैसे खेलूँ फाग!! 'तनु'

Wednesday, September 19, 2018



दर्द के हवन कुंड में ,        आहूत मनोभाव !
पीर जल जल कर पिघले,  बहुत गंभीर घाव !!... ''तनु''

दर्द के हवन कुंड में, जलती जी की पीर !
मनोभाव आहूत हैं,     घाव बहुत गंभीर !!... ''तनु''

हौले हौले चाँदनी,  सहमी सहमी आय!
सपनों के मोती यहाँ, पलक पलक बिखराय!!... "तनु"

मेरी कविता भाव की , देना ना आघात!
देखो छूना प्यार से ,छुईमुई से ज़ज़्बात!!"तनु"

मेरी कविता हृदय की ,देना ना आघात!
देखो छूना प्यार से ,छुईमुई से ज़ज़्बात!! "तनु"

Saturday, September 8, 2018

इंद्रचाप मोहक रे,

लो किरण किरण छुप गयी,  बादलों के अनंग !
भगीरथी गीत महिमा,    गाये गान मृदंग !!

बड़बोला उद्वेलित है ,    डोला समीर संग, ,,  
स्नेह पूरित मुग्ध उड़ा,  जलधर हुआ पतंग !! 

मचल गयी है बिजुरिया, उड़ा अनोखा रंग ! 
थर थराया तड़ाग तो ,     छुपी जैसे निषंग !!
माटी संग बूँद घुली,  सभी हुई बदरंग !
कूद चलती पोखर से,  बूँद फिर बूँद संग !!

इंद्रचाप मोहक रे,    देख धरा भी दंग !
किरणों की कारीगरी, निखरी नभ के अंग !.... ''तनु''

लो किरण किरण छुप


लो किरण किरण छुप गयी,  बादलों के अनंग !
भगीरथी गीत महिमा,    गाये गान मृदंग !!
बड़बोला उद्वेलित है ,    डोला समीर संग, ,,  
स्नेह  पूरित मुग्ध उड़ा,  जलधर हुआ पतंग !! .. ''तनु''


विधना विषमय बेल को, मत दीजे आधार !
ये फैले तो अमि हरे, मर जाये संसार !!  'तनु'

डसती  हैं नाकामियां, बनकर काले नाग 
दुखी मन से आह भरूंकैसे खेलूँ फाग

अब कहाँ नदियाँ रह गये नाले है;
अनसुने से कहीं रह गये नाले हैं!

बेच ईमान , नियामतें भी बेच दी  
आस्तीन के नाग रह गये काले हैं

थालियों झूठी में मुँह मार फिरते
 छीन कितने ही खा गये निवाले है

कितनी सफाई से झूठ बोलते हैं
काम सफाई के रह गये टाले है

जीहुजूरी चपलुसी में मशगुल हैं
अतिव्यस्त निठल्ले रह गये ठाले है

बोलते कितनी सफाई से झूठ हैं,
काम सफाई के रह गये टाले है!
जीहूजूरी चापलूसी में मशगुल हैं,
अतिव्यस्त निठल्ले रह गये ठाले है!
तनु रवानी को उनकी लगे ना नज़र,
बासती कढ़ी में उबाले ही उबाले हैं!


हौले हौले चाँदनी,सहमी सहमी आय!
सपनों के मोती यहाँ, पलक पलक बिखराय!!... "तनु"

मेरी कविता भाव की , देना ना आघात!
देखो छूना प्यार से ,छुईमुई से ज़ज़्बात!!"तनु"

मेरी कविता हृदय की ,देना ना आघात!
देखो छूना प्यार से ,छुईमुई से ज़ज़्बात!! "तनु"

खाली गगरी मेघ की, फूल गये हैं कास!
मुड़ कर देखे न बदरा, है ऐसा  आभास!!

मुड़ कर देखे न बदरा, नीला हैआकाश!
खाली गगरी मेघ की, देखो खिलते  कास!"तनु"

जिंदगी में अपना कोई उसूल तो  रखना
सफ़र बहुत है लम्बा सामान फज़ूल मत रखना
बोझ कोई भी हो गुनाहों का बोझ ना हो
बेख़ौफ़ तू चला चल कोई  रसूल मत रखना

मेरी कविता हृदय से,देना ना आघात!
देखो पढ़ना प्यार से छुईमुई से ज़ज़्बात!!"तनु"

विश्व आँगन हिन्दी का,
भाँति-भाँति के बोल!
विभिन्न भाषाएँ लिए,
जग में बजते ढोल!!•••"तनु"

विश्व आँगन हिन्दी का,
भाँति-भाँति के बोल!
विभिन्न भाषा के बजे,
जग में सुंदर ढोल!!•••"तनु"

विश्व आँगन हिन्दी का,
 खूब खिलाओ फूल!
गुलाब सी खुशबू लिये,
महका दो तुम शूल !!•••"तनु"

विश्व आँगन हिन्दी का,
 खूब खिलाएँ फूल!
गुलाब सी खुशबू लिये,
महकाएं हम शूल !!•••"तनु"

मेरी हिन्दी फूल सी ,
महकी महकी बात!
वाणी की महिमा कहे,
पारिजात की जात!! "तनु ''

मेरी हिन्दी फूल सी ,
महकी महकी बात!
पढ़ना देखो प्यार से ,
देना ना आघात!!!"तनु"

मेरी हिन्दी फूल सी ,महकी महकी बात!
पढ़ना देखो प्यार से, देना ना आघात!
व्यंजन और स्वर लेकर , छाया नाद निनाद, ,,
वाणी की महिमा कहे,पारिजात की जात!!"तनु"

Friday, September 7, 2018

🌺🌺एक मोती 🌺🌺, ,,,किरण किरण मर गयी लो मेघों के अनंग है ;

· 

किरण किरण मर गयी लो मेघों के अनंग है ;
बूँद-बूँद भगीरथी महिमा अनूप गान मृदंग है !
समीरण संग डोला रहा उद्वेलित बड़बोला है , ,,
पूरित स्नेह लुब्ध मन मुग्ध हुआ मनवा पतंग है !! .. ''तनु''

ओ पाखी विश्वास के

ओ पाखी विश्वास के, जकड़े रहना बाँह, 
धँसना मत रे बावरे,  कीचड़ जैसी राह !
कैसी मन की मलिनता, शहद देख ललचाय, ,,
ओ रे साखी सुकृति के,    नहीं भूलना चाह !!... ''तनु''

Thursday, September 6, 2018

रोय रही रजनी बेचारी भादों की झड़ी का 🌺 .. . एक मोती

रोय रही रजनी बेचारी,     खोय गया मान है ,
आ गया बादलों का उत्सव, घन गर्जन गान है !
रही डराय चमक बिजुरी की, पवन आघात हैं , ,,,
नींद सितारों की खोय गयी, कैसा व्यवधान है !!.. ''तनु''

Saturday, September 1, 2018

बेटियों तमन्ना जगा लो जिगर में,

बेटियों तमन्ना जगा लो जिगर में, 
फूल बिखरे कितने हैं इस डगर में !

चापलूसी रास तुम्हे ना आएगी, 
तुम अलीम* अव्वल रहना गुज़र में ! . .... बुद्धिमान 

आईने से दूरी तुम बनाकर रखो,  
 खूब सायों की पहचान है शहर में !

तुम खुदी और ख़ुदा में शमिल रहो, 
आजकल नक़्ली खुशबुएँ हैं अगर में !

 तीर कुछ तरकश में तुम अपने रखो, 
 की सियासी मसअले सुर्ख़ हैं ख़बर में !

राह चलतों का यकीं तुम करना नहीं,
है गुज़ारिश ना गुनाह हो नज़र में ! 

जाँफिज़ा* हो बदनीयत न रखना कभी, ... आत्मिक सुख देने वाली 
 बहुत सी खुशियाँ होंगी रहगुज़र में !!... ''तनु''                   

Friday, August 31, 2018

मत करना ये भूल !

अंकुर था सींचा नहीं,   की यह कैसी भूल !
सूख गया हैं गात जब,  क्या सींचे रे  मूल !!

रोय रही रजनी बेचारी, खोय गया मान है !
आ गया बादलों का उत्सव, लो गर्जन गान है !!
बिजुरी की चमक डराय रही , करे पवन आघात , ,,
नींद सितारों की खोय गयी , कैसा व्यवधान है !!... ''तनु''


निर्दय होकर तोड़ना, मत करना ये भूल !
 शोभित होते डाल पर,   रंग बिरंगे फूल  !!

अफवाहें तो झूठ है,       और सभी निर्मूल !
करके विश्वास इनपर, मत करना यह भूल !!

अच्छी बात है अच्छी,   बुरी बात है शूल !
चुभे शूल तो दर्द है, मत करना यह भूल !!

अंकुर सँवार लीजिये,  बाकी सब निर्मूल !                      
पात फूल पर जल नहीं, सीँचा जाता मूल !!.. ''तनु''

जीवन अपना खतरे में है , करें सभी उपचार !


जीवन अपना खतरे में है ,
करें सभी उपचार ! 
धरती अपनी धधक रही है, 
मचता हाहाकार !!

जीवनदायिनी हवा बिगड़ी , 
चली मौत की ओर !
जहरीली गैसें हैं फैली , 
हम सबके चहुँओर ! 
सुबके सुबक कर सृष्टि चाहे , 
प्यारा सा व्यवहार .!!... जीवन अपना खतरे में है 

ओज़ोन परत टूटी जाए 
टूटी जीवन आस 
ईंधन के अतिशय प्रयोग से, 
बिगड़ा सकल विकास !
कई जीव तो नष्ट हो गये,
कई हुए तैयार !! ... जीवन अपना खतरे में है 

ट्रेफिक नियमों को अपनाये,
सुंदर जीवन भोग !
हरित क्रांति औ श्वेत क्रांति भी , 
अपना करके योग !
स्वर्ग से सुन्दर मधु है जीवन, 
करना तनिक विचार !!... जीवन अपना खतरे में है 

तेल बचाये जीवन पायें, 
फैलाकर हर ज्ञान !
संसाधन संग जल बचायें ,
रखना होगा ध्यान !
धरती अपनी माँ समान है ,
सुंदर दें आकार !!...  जीवन अपना खतरे में है 

सूखा है तो कहीं बाढ़ है, 
सूरज खोये छाँव !
शीतल भीनी पवन खो गयी, 
जले पेड़ के पाँव !
बंजर धरती बने बिछौना ,
खोना ना संसार !!... जीवन अपना खतरे में है। . ''तनु''

Wednesday, August 29, 2018

क्रोध

क्रोध दुश्मन इंसा का,  सब कुछ करे तबाह !
चुप रह कर सह जाइये, करता मौन निबाह !!

 क्रोध करें ये हक नहीं,  अगर सही हैं आप !
क्रोधित हों ये हक नहीं,अगर गलत हैं आप !!

मन से ज्यादह ये चले, कड़वी होय जुबान !
खो जाता है क्रोध में,    बुद्धिमान गुणवान !!

 काम करके थके नहीं , क्रोध करे थक जाय ! 
 जब सिंहासन क्रोध है ,   बुद्धि भ्रष्ट हो जाय !! 

बढ़ाये गलतफहमियाँ, रिश्तों में विष घोल !
क्रोध चढ़े जब नाक पर, कड़वे होते बोल !!

क्रोध को जब हराइये,  कुछ क्षण रहिये मौन !
खुद-ब-खुद चला जायगा, फिर बातें हैं गौण !!

मूरख प्रकटे क्रोध को,    बुद्धिमान है मौन!
शांत चित्त वश में रहे,  बुद्धिमान सम कौन!!

मन की पीड़ा आप तो,  कह सकता न अबोध !
जो कह सके न बात को,  उसको आता क्रोध!!

ख़ुद को  देता है सजा ,  जाने ना परिणाम! 
क्रोधी मानुष का सदा,   बुरा हुआ अंजाम !!

व्यक्ति की कमजोर कड़ी, गन्दी आदत क्रोध !
खो जाता है मान भी,       नियंत्रण का न बोध !!

अपने दिल की ना कहे,    जी दूजे का खाय !
जिद अपनी ही करके,   जुबाँ बुरी कर जाय !!

क्रोधित के व्यवहार का,  होगा क्या परिणाम ?
बुद्धिमान या बुद्धू हो,     हुआ बुरा अंजाम !!... ''तनु'' 

दिलों में सबके भाव भर दो



दिलों में सबके भाव भर दो और अटल विश्वास भरो,  
भारत माँ के वीर सपूतों  कण्ठ-कण्ठ में राग भरो !

विपदाओं से मत घबराओ नहीं झुकाओ तुम खुद को,
जो विपरीत हवाएँ फिर भी कदम बढ़ाओ नहीं टरो !

जायेंगे सब जो थे आये,कल जो था कल बीत गया,
हम भी होंगे नही यहाँ कल, हारो मत तुम नहीं डरो !

टाले से न मौत है टलती, काम टालते क्यों रहना,
इच्छा शक्ति द्विगुणित रखकर, सभी परीक्षा पार करो !!

शाम ढलती सूरज छिपेगा, गहन अँधेरा है भारी, 
आँधी में भी दीप जलाओ, कपटी तमस को तुम हरो !!

आजादी के दिन झण्डे को, नभ से ऊपर लहराओ, 
ऊँचा रहे तिरंगा अपना, जय जय मंगल गान करो !!... ''तनु''

Tuesday, August 28, 2018

फूल कहाँ हूँ मैं अरी,

फूल कहाँ हूँ मैं अरी,  रही अगन की खान !
पास आयी अगर कहीं ,   खो जायेगी जान !!  
खो जायेगी जान,        प्रीत ना मुझसे कर तू , ,, 
चल मत अब इस राह, अभी बेमौत न मर तू 
कितनी है मासूम ,          तेरी कैसी है भूल !
मैं हूँ ज्वाल कराल,     तू समझ रही है फूल !!... ''तनु''