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Tuesday, April 24, 2018

भाव हीन हिय वीथिका,


भाव हीन हिय वीथिका, कलयुगी है उफान !
अभी किनारा दूर है ,        जागा है तूफ़ान !!

उड़ती सूखी पत्तियाँ,    हवा निभाये साथ !
कभी ले जाय दूर तक, कभी छोड़ दे हाथ !!

रीते घट की पीर को ,        कौन करेगा दूर !
जल बिन जल जल रह गये, सपन हो गये चूर !! 

धर्म ध्यान अब गौण है ,  कदाचार ईमान !                     
मानव कुत्ता हो गया,   योग कर रहे श्वान !!

जीवन इक जंजाल है,  उलझ उलझ क्यों रोय !
आप करनी सुधार ले , मन कलुषित को धोय !!

जीवन इक जंजाल है, उलझ उलझ क्यों रोय !
आप करनी सुधार ले ,  क्यों तू कलुषित होय !!.. ''तनु''
                             



Monday, April 23, 2018

घट में घट को धार के,

घट में घट को धार के, घट को दिया बनाय !
माटी निर्मल मानसी ,    शीतलता उपजाय !!

रीते घट की पीर को ,        कौन करेगा दूर !

जल बिन जल कर रह गये, सपन हो गये चूर !! 

घट की ऐसी लालसा ,      घट रीता ना होय !

जल विहीन जो घट रहे,जल जल मरघट होय !!

ज्ञान घाट पर घट रखे,  लगते सस्ते दाम ! 

बेचनहारा प्यास से ,    लेत राम का नाम !!

खोय गयी पनिहारियाँ,  रीते घट है घाट !

घट छाई मजबूरियाँ , कौन रखेगा पाट !!

रीते घट की पीर हूँ ,  
हर पल घटती श्वास !

रीता हूँ तो प्यास  हूँ,      भरा रहूँ तो आस !!.... ''तनु''

Thursday, April 19, 2018

ज्ञान पिपासा बावरी ,लखे नहीं दिन-रात !

ज्ञान पिपासा बावरी ,लखे नहीं दिन-रात !
मूरख अज्ञानी सहते, बात बात पर लात !!

रवि शशि की पोषित धरा, छाया काल नंत !
तम की चादर सो रहे,   कोटि कोटि विषदंत !!... ''तनु''

सिमटती साँस में पली,


सिमटती साँस में पली, अंतिम पल की आह !
प्राण पखेरु उड़ चले,     नील गगन की राह !!

हरि नयनों में खो गयी,    जीवन की ये साँझ !
अनहद दूर सुनाय रे ,     मनवा बजती झाँझ !!... ''तनु''



गुमनाम हुए नामा-बर तो कौन संदेश पहुँचाये!


गुमनाम हुए नामा-बर तो कौन संदेश पहुँचाये!
ग़ुम हुई मेरी पहचान तो  कौन संदेश पहुँचाये!!

बुतकदे में है न मस्जिद में वो कहीं मौजूद!
तार दिल के जुड़े नहीं तो कौन संदेश पहुँचाये!!

जब उससे लौ लगी सारे बंद दरीचे हो गए!
ख़ातिर, लिहाज़ टूटे तो कौन संदेश पहुँचाये!!

ये दिल बे-आरज़ू नहीं चादर थी चाहतों की!
मौन थी बुनकर इबादत तो कौन संदेश पहुँचाये!!

तअ़ज्जुब है मेरी दीवानगी ना जान पाए तुम !
नहीं पैग़ाम हवाओं को तो कौन संदेश पहुँचाये!!... ''तनु''

Wednesday, April 18, 2018

बहती रहे अम्न की ख़ुश्बू 

कभी सियासत न पहुंचे आपके गाँव में ;
प्यार से रहें सभी इक दूजे की छाँव में !
ये नफरतों का ज़हर कहीं बहा दो तुम , ,,
अम्न की ख़ुश्बू बहती है यहाँ हवाओं में !!... ''तनु''

Tuesday, April 17, 2018

संताना भगवान की, म्हाने चलणो साथ !

संताना भगवान की,   म्हाने चलणो साथ ! 
नार हो या के नर हो,  ज्यूँ दन ने या रात !!
ज्यूँ दन ने या रात,   म्हाने मिली या जिनगी !
नी बदलो नी घात,     मिली ने करां बंदगी !!
खुद समझी लां बात, करम रा घणा बखाणा !
मिल्यो यो वरदान,          ईश थारी संताना !!,,, ''तनु''

Monday, April 16, 2018

संताने भगवान की , हमको चलना साथ !


 संताने भगवान की ,   हमको चलना साथ !
 नारी हो या कि नर हो, हम उनके दो हाथ !! 
 हम उनके दो हाथ ,  प्यार से चले जिंदगी !    
 जैसे दिन औ रात ,   अच्छी जानो बंदगी !!   
 खुद ही समझो बात,   जाय न कोई जताने ,
 ऐसा हम वरदान,        भगवान की संताने !!... ''तनु''

Saturday, April 14, 2018

आगे होंगे वे ही अब तो, जिसने खाया छीन;

आगे होंगे वे ही अब तो,   जिसने खाया छीन;
होंगे जालिम मलिन मना ही, तत्व ज्ञान में लीन !
जैसी करनी वैसी भरनी, पाठ हुआ निर्मूल , ,,
गयी भैंस पानी में भइया, गिनो एक दो तीन !!... ''तनु''

रीते घट की प्रीत में , हुआ जीवन बेकार !
जब लग घट जीवन रहा, जीवन किया निसार !!... ''तनु''

Friday, April 13, 2018

नारी बच्चों का हुआ , जमकर के आखेट

नारी, बच्चों का हुआ , जमकर के आखेट ! 
शर्म खो गयी मनुज की, हुआ जंगली ठेठ !!
हुआ जंगली ठेठ ,       यह तो नहीं था पहले ?
बच्चों का आखेट ?   सुन कर दिल रहे दहले !
छोडो ये विध्वंस,        क्या मति गयी है मारी ?
मत दो ऐसे दंश ,            यहाँ पूजनीय नारी !!...  ''तनु'' 

आया विनाश काल है, हुई बुद्धि विपरीत !

आया विनाश काल है, हुई बुद्धि विपरीत !
मत पछताना बाद में, जब कुछ जाये बीत !!
जब कुछ जाये बीत, यह तो नहीं था पहले ,
ऐसी है क्या रीत,  सुन कर दिल रहे दहले !
बच्चों का आखेट,   इंसा तेरे क्या भाया !
कैसे भरता पेट,   विनाश काल है आया !!... ''तनु''

सियासतदान की नज़र, इक दूजे के थाल !


सियासतदान की नज़र, इक दूजे के थाल !
टुकड़ों पर गुर्गे पले ,  खूब उड़ रहे माल !!
खूब उड़ रहे माल,     नज़रें बेटियों पर है,  
भरे हुए हैं थाल,      गिद्ध निगाहें मगर है , ,,
शामिल अंधी दौड़,  झूठे समर्थक महान !
मानवता दी छोड़,    हमारे सियासतदान !!... ''तनु ''

Thursday, April 12, 2018

जाइ वे बेट्याँ तो पीर बेट्याँ री समझो ;


जाइ वे बेट्याँ तो पीर बेट्याँ री समझो ; 
पराई वे बेट्याँ तो पीर बेट्याँ री समझो !  

ऐसो के है एक दन घूड़ा रा दन पलटे , ,,
थां फेंकी बेट्याँ तो पीर बेट्याँ री समझो !!

कोठरी काजल री तो काळा से वंचजो 
निभाई वे बेट्याँ तो पीर बेट्याँ री समझो !  

लम्बी चौड़ी वातां रो कई सार नई हे  ;
सताई वे बेट्याँ तो पीर बेट्याँ री समझो ! 

जानवर से वत्ता वई ग्या इंसान बणो  रे 
भायी वे बेट्याँ तो पीर बेट्याँ री समझो ! .... 'तनु'

Wednesday, April 11, 2018

सुबहो शाम तेरा नाम लिया करती हूँ ;


सुबहो शाम तेरा नाम लिया करती हूँ ;
लब-ए-खा़मोश लिए जिया करती हूँ !

गुज़रा नौबहार सफ़र तनहा तनहा ;
तन्हा दिन अँधेरी रात ज़िया करती हूँ !

ये तिश्नगी मुक़द्दर बन गयी धीरे धीरे ; 
अश्क़ औ बेबसी का जाम पिया करती हूँ !

है टूटा दिल और पैबंद ज़िन्दगी में लगे ;
याद गुदड़ी में लम्हों को सीया करती हूँ ! 

हो गयी कोई ख़ता क्या मुझसे तो बता ;
बारहा यही तो पैग़ाम दिया करती हूँ !

मेरी तहरीर इक बार तो पढ़ ऊपर वाले ;
 ऐ ज़िन्दगी मैं तुझे सलाम किया करती हूँ !

'तनु' हालात की खबर उनको ना मिले ;
के मैं हूँ की नहीं गुमनाम जिया करती हूँ !!.... ''तनु''


Sunday, April 8, 2018

लिखा किसने किसको मिला, उसका इंतजार है ख़त ;

लिखा किसने किसको मिला, उसका इंतजार है ख़त ;
दिल की हालत का देखो, कैसा ये ग़ुबार है ख़त !

झलक दिखलाता चेहरा तुम्हारा तहरीर में ; 
फैलती कैसी बशाशत कि बना नौबहार है ख़त !

पाकर तुझे दिल की सुना,  दीवानी बन फिरती हूँ ;  
अजी अपने आप पर ही, जान करे निसार है ख़त !

के रंजो ग़म में मैंने, उसे सीने से लगाया ;
अगर रोने लगूँ मैं तो, रोता ज़ार-ज़ार है ख़त !

तेरी खुशबुओं में ग़ुम, तू मेरे आँसुओं में तर ;

जाने कितनी बातों का, तेरी राज़दार है ख़त !

जलन के मारों की कभी, है आह भी जला देती ;
फेंका, जलाया, छुपा दिया, जुल्म का शिकार है ख़त !!... ''तनु''


Saturday, April 7, 2018


दिल के बहलने की तदबीर चाहिये ;
उनके हाथों लिखी  तहरीर चाहिये !
नसीब में सबके मुहब्बत नहीं होती, ,, 
दे खुदा मुहब्बत की जागीर चाहिए !!,... ''तनु''

हम चले तुम रोना नहीं हरदम खुश रहो;

 हम चले तुम रोना नहीं हरदम खुश रहो;
 साँस टूटी देह झूठी!!! हमदम खुश रहो!

  उम्र-ए-रवाँ का काफिला चलता चला;
  आ गये लो जाने के मौसम खुश रहो!

  चाह ऐसी शाम-सहर सीने से लगकर;
  सो जाऊँ रात गुजरे ना आलम खुश रहो!!... ''तनु''

बिजलियों के काफिले हैं गुबार नहीं है;


बिजलियों के काफिले हैं गुबार नहीं है;
बूँद कोई शबनमी इसमें शुमार नहीं है!

लाख आँधियाँ उठे चाहे हों बर्क़ हज़ार;
तुम से क़ुर्बत तुमसा ग़मगुसार नहीं है!

आदत बुरी है ये चुपके से तुम्हे देखना;
नहीं मलाल खुद आप शर्मसार नहीं हैं!

जानते हैं कि बुझती नहीं जी की लगी ;
जो शमा जल के पिघली सोगवार नहीं है !

लो  सदा दे रही फ़ज़ायें ख़ामोशियों को ;
ये गुलों का मौसम है कहीं ख़ार नहीं है !... ''तनु''

Thursday, April 5, 2018

बात उनमें कुछ न थी यूँ निसार होते रहे ;

बात उनमें कुछ न थी यूँ निसार होते रहे ;
वो चुभ हमारे दिल में खार खार होते रहे !

आज़मायेंगे कब तक वो आज़माने वाले;  
बे-इख्तियार वो थे हम बेकरार होते रहे ! 

बहुत जगह दिल में नियामत अल्लाह की;
बे -ग़म रहोगे तुम हम ग़म गुसार होते रहे !... ''तनु''



Wednesday, April 4, 2018

सारे मकां उसके सारे दर खुले हुए हैं ,

सारे मकां उसके सारे दर खुले हुए हैं ,
हरे भरे शजर है सारे सर खुले हुए हैं !
खुशबुएँ सच्चाई की हक़ीकत की महक है, ,,
हरिक हुनरमंद सारे हुनर खुले हुए हैं !.. ''तनु''

आज कैसे ये किरदार हैं जानता हूँ;

आज कैसे  ये किरदार हैं जानती  हूँ;
कौन किसका तलबगार है जानती  हूँ!

बोलता सच जान भी गर जाये मेरी ;
झूठ अब  सिपहसालार है जानती हूँ !

मौसमों की चाह थी परिंदे उड़ गए ;
कायनात ही  शाहकार है जानती  हूँ !

आँख तकती राह और दिल वीराना ;
तिश्नगी का  इज़हार' है जानती  हूँ !

नहीं देता कोई तलब से भी सिवा यहाँ ;
तौलकर बेचे,  बाज़ार हैं जानती हूँ !,,, 'तनु'



Tuesday, April 3, 2018


की दिल के बहलने की तदबीर नहीं मिलती;
कश्मीर में जन्नत है पर तस्वीर नहीं मिलती!
बच्चों को तो इस आग से तुम दूर ही रखते , ,,
हरेक को भारत की जागीर नहीं मिलती !!... ''तनु''

सारे इल्जाम हमीं पर जता देते है लोग ;
हम समझे थे रहबर का पता देते है लोग !
कैसी तबाही की तरफ भागती है ये दुनिया, ,, 
की जाने किस को पयम्बर बता देते हैं लोग !!.   ''तनु''

Sunday, April 1, 2018

गलतियों की थैलियों को ;
बारहा क्यों तौलता हूँ !

हासिल यही इस उम्र का ;
माफ़ करना भूलता हूँ !

है इसीलिए ये जद्दोजहद ;
डोलता फिर डोलता हूँ !!,... ''तनु''
दिल की कैसे कह दूँ ,आह की तासीर से ;
 रंग उड़ते ही गए ,     पुरानी तस्वीर से !
 दिल बर्बादियों का इतना भी मलाल न कर , ,,
 मैंने पाया है बहुत कुछ पर ताख़ीर से !!... ''तनु''