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Sunday, July 11, 2021

मेरे तसव्वुरात की वुसअत मुबारक़ हो मुझको

 मेरे तसव्वुरात की वुसअत मुबारक़ हो मुझको; 

खिलती कलियों की ये सौगात मुबारक़ हो मुझको!  


नम हवा, जरा जमीं का टुकड़ा सूरज की रौशनी;  

बीज फट पौधा बना, बनफूल मुबारक़ हो मुझको!


बेग़रज़ होके ये प्यार की डोरी बाँधी उससे; 

कायनात समझ लूँ सलाहियत मुबारक़ हो मुझको! 


फूल में झाँको, वही रंगत, वही खुशबू मोहती;   

ख़ार जो सरजद ना हुआ वही मुबारक़ हो मुझको! 


है भरोसा दुनिया मुझको, हर शय में क़शिश कायम;

सजीली धनक की पाक़ीज़गी मुबारक़ हो मुझको!.... ''तनु''

कुरबतों में बारहा सहते रहे

क़ुरबतों में बारहा सहते रहे ;
दरमियां इक फासला भरते रहे !

हर किसी की आँख इक आइना है ;
देखादेखी अनदेखा करते रहे !

मसअला दर मसअला हर मसअला ;
सिलसिला दर सिलसिला टरते रहे !

मुद्दई की चुप्पियाँ फिर चुप्पियाँ ; 
फैसले का फैसला पढ़ते रहे !

धुनकियों से धुनक डाला धनक को ;
 यूँ रुई रुई आसमा करते रहे !

बेहिसी ओढ़ कर रहबर सो गया ;
धूप  में हम आईना धरते रहे !.... ''तनु''





Monday, July 5, 2021

नसल नयी



 नसल नयी 

क़लम चली नहीं 

फसल गयी। ... ''तनु''