Labels

Thursday, April 29, 2021

आसमाँ से झाँक मुझे उदास मत रहने दे

 

आसमाँ से झाँक, मुझे उदास मत रहने दे;
आस को पूरी कर दे, प्यास मत रहने दे !

चल दिखा कर राह मुझे, रहबर अंधेरों में;
दुख मिटा कर, दर्द आसपास मत रहने दे !

जिंदगी मेरी इसी दम पर गुजर जायेगी ;
जुनून-ए-इश्क में, होशो हवास मत रहने दे !

ख़त्म नहीं होगी तलाश तेरे जलवों की ;
खुद पता दे, मुझे ना शनास मत रहने दे !

हमनवां, तू हबीब, महरम-ए-पिन्हाँ भी तू ;
कर दुआ क़ुबूल, आजिज आज मत रहने दे !

पैरहन तो ऊपरी, तनु रेशम हो या कपास ;
पहनू मैं इंसानियत, फिर नाज़ मत रहने दे !....''तनु''

वो भी पल गुज़र गए जो मुश्किल के थे

वो भी पल गुज़र गए जो मुश्किल के थे ;
मिला न कुछ जिंदगी निहां मंज़िल के थे !

ख़्वाब टूटे हैं, परेशान रहा हूँ मैं ;
भूलता हूँ कि तसव्वुर इसी ग़ाफ़िल के थे !

इस अधूरी जिंदगी के सदके चला हूँ ,
कभी संग मेरे कुछ क़दम क़ामिल के थे !

शक कहाँ है दर्द की दौलत मिली है ;
फैसले कहाँ, अब गुनाह भी आदिल के थे !

इन सबूतों से अभी कुछ भी नहीं साबित;
बंजर ज़मी में पाँवों के निशां बादल के थे !

लिख गयीं कितनी किताबें तदबीर की ; 
उनमें लिखे नक़्ली हरफ़ फ़ाज़िल के थे !

छोड़ तमन्नाओं का दामन 'तनु' है वहम ;
चाँद गढ़ते हाथ भी कहीं क़ातिल के थे !...... ''तनु''


Monday, April 26, 2021

सादगी थी जलाल था, क्या था ?


सादगी थी  जलाल था, क्या था ?
नूर का वो  जमाल था, क्या था ? 

आँख से मय, लब मिसरी, उसके, 
थी नज़ाकत, कमाल था, क्या था ?

बेहिसाब इश्क़ के हिसाबों का,  
लम्हा लम्हा गुलाल था, क्या था ? 

ख़ुश्क प्याले शराब थे साहिब ,
एक आलम मिसाल था, क्या था ? 

पुरसुकूं मंजर था निगाहों में ,
ख़ुद ख़ुदा ही इक़बाल था, क्या था ?  

जाने इतने सवाब कब होंगे ,
दाव था  बहरहाल था, क्या था ?

रंग निखरा रहा जवा दिल का, 
के ज़मीर बेमिसाल था, क्या था ? 

क्यों जियादा जिया ज़ियारत में, 
नेक ही तनु  ख़याल था,  क्या था ? .... ''तनु''

 


Monday, April 19, 2021

मौत न दे तू जीवन दे, स्वस्थ बना नव यौवन दे


 मौत न दे तू जीवन दे, स्वस्थ बना नव यौवन दे !
सुगंधित बयार सुखद पल, उम्र पूरी और स्मरण दे !!
बाग खिले कलियाँ महके, राह आसान जल निर्मल,
पावन चिंतन मन भगवन, वन बगिया नव स्फुरण दे !!.... 'तनु'

Monday, April 5, 2021

यूँ तिनका बनना सहा नहीं जाए

 

बनूँ तिनका सहा नहीं जाए !
खास भी तो रहा नहीं जाए !!

गुल चमन में खिला नया-नया सा !
ख़ुशबू इतनी कहा नहीं जाए !!

मधुकरी तितिल या कि हो भँवरे!
चमन छोड़कर, हा!! नहीं जाए !!

छाँव अंबुआ बयार ठंढी सी !
आम बौर इतरा नहीं जाए !!

ज़लज़ले औ क़हर सहे हमने !
बोल साथी कहा नहीं जाए !!

मौज ही मौज में चली मौजें !
हाँ अकेले बहा नहीं जाए !!

ग़म कुर्बान कर''तनु''हँसी ले ले !
जब ख़ुशी से नहा नहीं जाए !!..... ''तनु''