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Tuesday, December 22, 2020

अभी तो ये इब्तदा है,

अभी तो ये इब्तदा है,   कोई अंजाम नहीं है; 

भरा हुआ पैमाना है,  ये खाली जाम नहीं है! 

हर वक़्त क्यों लगे हो खुद को सही सिद्ध करने में , ,,

जिंदगी तो जिंदगी है,   कोई इल्जाम नहीं है !!.... ''तनु''



Sunday, December 20, 2020

अब तो इस संसार से, मुक्ति धाम की गेह !

 स्मृतियों के हार पहन, मौन हो गयी देह ;

अब तो इस संसार से, मुक्ति धाम की गेह !


तन पीड़ित मन रीतता, इस दुनिया के बीच ;

बरसों बरस लगा रहा, इस दुनिया से नेह !


कहाँ मिला था आसरा, यहीं कहीं है स्वर्ग ;

अब दुख का क्या काम है, बरसा हो जब मेह!


अनुभव की खेती हुई, फसल हुई भरपूर ;

जीवन संध्या काल है, उमर बन गयी खेह !


अनुभव की कीमत बहुत, इस दुनिया के बीच;

चाँदी जैसे केश हैं, उर दरिया है नेह !


जिनका नव संसार है, जीवन जिनका फूल ;

मुदितमना विहसित रहें, कभी नहीं हो छेह !.... ''तनु''





Tuesday, December 15, 2020

आँसू आँखों में डबडबाते हैं


आँसू आँखों में डबडबाते हैं; 
नीचे गिरने से हिचकिचाते हैं

हर तज़ुर्बा सबक़ सिखाता है; 
रोते रोते कभी खिलखिलाते हैं!

अंजाम चाह कर नहीं मिलते; 
हार से डर कर डगमगाते हैं!

आशियाना यूँ उजाड़ने वाले ;
देखते हैं क्या, गिड़गिड़ाते हैं !

क़ायदा रखते तो ये नहीं होता; 
टूटते कौल, दिल कसमसाते हैं !

नींद से डरना कभी नहीं वाज़िब;
ख़्वाब नींद में  ही दनदनाते हैं !

आज़माईश असीर पर कैसी? 
जो परिंदों सा फड़फडाते हैं ! ... ''तनु''

 

Monday, November 30, 2020

तू कहाँ है तुझे कहाँ ढूँढूँ


तू कहाँ है तुझे कहाँ ढूँढूँ,
ख़ैरियत का पता कहाँ ढूँढूँ!

ये सही नहीं मुझे भुला देना,
तू बता दे  तुझे कहाँ ढूँढूँ!

बीच अपने कहाँ दूरियाँ थी, 
छूटता सिलसिला कहाँ ढूँढूँ!

तू बुलाता नहीं सदायें दे के,
गूँजती थी सदाएँ कहाँ ढूँढूँ! 

आँख से दूर कश्ती कहीं डूबी, 
नाख़ुदा हुआ ख़ुदा कहाँ ढूँढूँ!

दिल की कलियाँ मसोसती हैं दिल, 
''तनु''  चुभे काँटे कहाँ कहाँ ढूँढूँ!.... ''तनु''




 

 


 


मैं दिल-ए-अजीज़ ही न बन जाऊंँ !



मैं दिल-ए-अजीज़ ही न बन जाऊंँ !
चाँदनी चाँद की ही न बन जाऊंँ !!

चाँद उतरे ज़मीं पर रूबरू हो!
साँझ पी लूँ सबा ही न बन जाऊंँ !!

आज़माओ न मेरी क़ुव्वत तुम!
मैं कहीं प्यार ही न बन जाऊंँ !!

अलग मेरा जहां, जहाँ से अलग !
मैं जहाँ का जहां ही न बन जाऊंँ !!

दायरे दायरे फना हैं ख़ुद में!
मैं सिफ़र सिफ़र ही न बन जाऊंँ !!

कौल, वादा, क़रार, लफ़्ज़, बयान!
'तनु' एक जुमला ही न बन जाऊंँ !!.... ''तनु''





Thursday, November 26, 2020

ख़ाक में दस्तार मिली , इज़्जत मटियामेट

 

 ख़ाक में दस्तार मिली, इज़्जत मटियामेट !
बिकती जाती जिंदगी,   भरते खाली पेट !!

रहे पेंच दस्तार के,  दिली अज़ीज़ वक़ार !
सर ने सजदा ना किया,  सजी रही दस्तार !!

हिफ़ाज़त हुई न सर की, लुटे दरो दीवार !
बिक जाये ये जिंदगी,  बिके नहीं दस्तार !!

किस फितरत में खो गये,  लोगों के किरदार !
बात सभी झूठी रही,        नकली थी दस्तार !!

 आज सभी इंसान के,     सस्ते है किरदार !
 झूठ दिखावा शान में,   बिक जाती दस्तार !!

जली बिटिया की खुशियाँ,  क़दम तले दस्तार !
किस फितरत में लुट गये,    सस्ते से किरदार !!.... ''तनु''

Wednesday, November 25, 2020

हर तरकीब लड़ाना छोड़ा !


हर तरकीब लड़ाना छोड़ा !
जोखिम और उठाना छोड़ा!!

हल ना होगी यही हुआ फिर !
हमने बात बढ़ाना छोड़ा !!

होती हर दम उसकी पूरी !
नूरे नज़र झुकाना छोड़ा !!

कडवी बात दवा के जैसी !
लो जी को समझाना छोड़ा !!

तूफां, बिजली, इंद्रचाप में !
मन को अब उलझाना छोड़ा!!

शोख़ लिबासों को छोड़ा था !
अब हमने फकीराना छोड़ा !!

''तनु'' मटमैला दिल देखा तो !
उसको ग़ज़ल सुनाना छोड़ा !!... 'तनु'




Tuesday, November 10, 2020

बढ के सीने से लगाऊँ कैसे


बढ के सीने से लगाऊँ कैसे !
वो मेरा है पर, मनाऊँ कैसे !!

तार टूटा सुर सजते ही नहीं !
टूटती हैं रगें सहलाऊँ कैसे !!

रोग इक बार में ही कट जाये !
दौरे हाज़िर ग़म भुलाऊँ कैसे !!

ये हवाएँ फिर नमी ले आईं है !
तुझको मैं सब से बचाऊँ कैसे !!

जाने क्यों आज ये लहू रिसता है !
ये ज़ख़्म अपना दिखाऊँ कैसे !!

मैं 'तनु' सार और अयस भी कहाँ !
उस पारस से बदन सटाऊँ कैसे !!.... ''तनु''

Thursday, October 22, 2020

ग़ज़ल गीत ओ शायरी,

 

ग़ज़ल गीत ओ शायरी, पल पल मेरी चाह!
प्रेम जगाये बाँसुरी , विहग गगन की राह!!

विहग गगन की राह, कल कल गा रही नदिया!
झरनों का संगीत, मगन फूलों की सखियाँ !!

तितली भौंरे मीत , नाचता सारा अंचल!
छेड़े मन का मीत, शायरी गीत ओ ग़ज़ल!!... ''तनु''

Tuesday, October 20, 2020

समता सुंदर भाव है

 

समता सुंदर भाव है, अहंकार दें त्याग!
भेद भाव हैं नर्क के, अवदारित से भाग!!

अवदारित से भाग, साधना की बलिहारी !
सेवा का है धाम, पावन कल्याणकारी!!

कहती 'तनु' समझाय, रखें सबसे ही एका !
अहंकार दें त्याग, सुंदर भाव है समता!!.... ''तनु''

माया मन की चाहना,



माया मन की चाहना, भटक जाय इंसान !
गर विवेक खोया हुआ, लिपटा रहे अज्ञान!!

लिपटा रहे अज्ञान, भ्रमित ही जीवन खोता !
सोयी राह प्रशस्त, रात दिन खाता गोता !!

कहती 'तनु' समझाय, झूठ का जीवन भाया ?
रहते मन भरमाय, कौन घर रहती माया ?... ''तनु''



Saturday, October 17, 2020

होंठ हर हाल तो सिया होता,

घूँट गम के कभी पिये होते 

होंठ हर हाल तो सिये होते !


कोई इतना भी तो न था मुश्किल, 

दर्द सहकर कभी जिये होते !


लफ्ज़ दिल के आर पार होते हैं,

सोच समझ कर कह लिये होते !


 जो चुभी बात तीर के जैसी, 

 देर बाद कुछ कह  लिये होते 


वक्त ये नहीं किनारा करने का,

साथ कभी तो बह लिये होते !


जिंदगी छोटी, शिकायतें लम्बी,

 बिन कहे भी तो रह लिये होते !


दर किनार करते ख़ुशी अपनी,

मुझको अपना कह लिये होते !!


मिल बैठ 'तनु' कही सुनी होती,

दर्द के पहाड़ ढह लिये होते !..... ''तनु''

Monday, September 28, 2020

आप हम को गुलाब कहते थे ;

 

आप हम को गुलाब कहते थे ;
आब का जमीं को जवाब कहते थे !

चूमकर ये जबीं हमारी तुम ;
जिया .. कभी माहताब कहते थे !

जुल्फ दिल जां नज़र हमारी को ;
गीत, गजल, की किताब कहते थे !

मेरा जीवन, जिंदगी, जाने जाना ;
जानेमन, जी - जनाब कहते थे !

सँवरते ही रहे कभी आँखों में ;
नज़ारों सा नायाब कहते थे !

हमनशीं, हमनवा, हमक़दम, हम ही ;
पा लिया जहांँ सवाब कहते थे !

दोस्त एक 'तनु' ही तो थी दुनिया ;
तुम हम ही को नवाब कहते थे !.... ''तनु''






Thursday, September 24, 2020

सीधा जन फाँसी चढ़े,

 

सीधा जन फाँसी चढ़े, सैनिक घूँसे खाय,
न्याय नीति की बात भी, लगती नहीं सुहाय !

लगती नहीं सुहाय, भूले शपथ विधान को !
मनमानी की राह, चलाते जन जहान को !!

नेता बनना चाह, जिंदगी कटे सुभीता !
जीना इत्मीनान, भले मरता हो सीधा !!... ''तनु''

इल्तिजा का उस पर असर ही नहीं


इल्तिजा का उस पर, असर भी नहीं !
नज़र में नहीं, निगाहें असर भी नहीं !!

मानता नहीं, वो मेरी हरिक बात को !
अब बंधन नहीं, गुजर बसर भी नहीं !!

कौन जीता है, जिंदगानी किसी की !
उस मंजिल में नहीं, इस डगर भी नहीं !!

चैन खोकर, क्यों तड़प प्यास है पाई !
हो मुकम्मिल कहाँ, कम क़सर भी नहीं !!

खो गयी है क़शिश, रिश्ता भी डूबता !
बंधन से मुक्त हुए, हद असर भी नहीं !!

नज़र में नहीं हो, अब जेहन में नहीं तुम !
गुम दिलो जां से, अब मफ़र भी नहीं

कसम जी की लीजिये, क्या बन गयी हूँ !
टूटते रुक़्न भी, मैं अब बहर भी नहीं !!

क्या तजुर्बा ''तनु'' जिंदगी का नहीं ?
दर-बदर का मारा हूँ शजर भी नहीं !!... ''तनु''


Sunday, September 20, 2020

मेले ठेले खो गये ,


मेले ठेले खो गये, सोये सब त्योहार !
सूनापन दिल में बसा, नयना देखें द्वार !!
नयना देखें द्वार, सपन हुए सब चूर से !
पाहुना नहीं आय, राम राम भी दूर से !!
नहीं किसी से बात, रुलाये यही झमेले, ,,
खोयी रेलमपेल, याद आते हैं मेले !! ... ''तनु''

शाइस्ता नहीं

 शाइस्ता नहीं माहौल शहर का, क़ुरबत नहीं रही !

मुरझा गये हैं फूल शजर पर, मुहब्बत नहीं रही !!

सुब्हा का मंज़र है धुंधला अब सबा ठहरी कहाँ ?

की खुशियाँ देख लेना आँख की चाहत नहीं रही !!... . ''तनु''

Saturday, September 19, 2020

रगों में कलियाँ चटकी

 रगों में कलियाँ चटकी चटकी, अरमानों की बस्ती में !

चली उमंगें खनकी खनकी, हिमाकतों की कश्ती में !!

मनालें जश्ने उल्फत टूट के करलें आज मुहब्बत, ,,

जगी खामोशी दहकी दहकी, ख्वाहिशों की हस्ती में !!.... ''तनु''

Saturday, September 12, 2020

गरीबी की कहानियाँ

 

गरीबी की कहानियाँ, लिखी गयी हैं स्वेद !

जीवन एक किताब है, कितने इसके भेद !!

किसी पेट को रोटियाँ,    और कोई बेहाल  , ,,  

दिन दिहाड़ी बीत रहा,   रात जताये खेद !!.... ''तनु''

                                 

Friday, September 11, 2020

शारदे माँ की महिमा

शारदे माँ की महिमा, पारिजात की जात !

मेरी हिन्दी फूल सी,    महक रही है बात !!

स्वर व्यंजन की गरिमा, ध्रुवपद नाद निनाद, ,, 

मोती से आखर सभी,  पढ़कर हो निष्णात !!.... "तनु"

नयन नदी

नयन नदी के तीर पर, आँसू की तकदीर !

छलक गया तो नीर है , मन में है तो धीर !!...'तनु'

आँचल


डसती हैं नाकामियाँ,  बनकर काले नाग !
दुखी मन से आह भरूँ,  भूल गयी हूँ फाग !!.... 'तनु'


सागर सी गहराइयाँ, ऐसा मेरा प्यार !
आँचल में मेरे रहा,  ममता और दुलार !!.... 'तनु'

Thursday, September 10, 2020

कुल्हाड़ी की लकड़ी


कुल्हाड़ी की लकड़ी पर, हुए पेड़ हैरान !
तू तो हमरी जात की, करती हमें तमाम !!

करती हमें तमाम, क्यों देती मौत सस्ती ?
कैसी तेरी चाह, बसी कातिल की बस्ती ??

तुझे नहीं पहचान, लकड़ी तू है अनाड़ी !
यही मेरा इमान, काटना काम कुल्हाड़ी !!...... ''तनु''

चाँद की चाँदनी लजाने लगी!

 

चाँदनी चाँद की लजाने लगी! 

रात भी अब ग़ज़ल सुनाने लगी!! 


ख़्वाहिशों का हुजूम लेकर के!

गुम हुई चाह भी सताने लगी !!


मंज़िलें, राह, इश्क़ की बाँहें !

साथ हमराह अब लुभाने लगी !!


आपने कह दिया हमने माना !

झूला मदहोशियाँ झुलाने लगी !!


रंग में, कायनात, तरन्नुम भी !

ये ही तो सच है जताने लगी !!


जागता रूआं,रगें, धड़कने भी !

'तनु' यही इब्तिदा है बताने लगी !!... ''तनु''


Saturday, September 5, 2020

आपने हँस के देखा तो जिंदगी गाने लगी !

आपने हँस के देखा तो जिंदगी गाने लगी !

इश्क अगर ऐसा है तो बंदगी आने लगी !!

दौलतें ही दौलतें हैं आज गरीबखाने में , ,,

एक खिड़की खोल दी, तो चाँदनी आने लगी !!... ''तनु''

ज्ञान पिपासा बावरी

 ज्ञान पिपासा बावरी, नीयत इसकी नेक !

प्यासी की प्यासी रही, पीये कूप अनेक !!... ''तनु''

Friday, August 28, 2020

तेरे बग़ैर किससे रूठूँ किसको मनाऊँ !

 तेरे बग़ैर किससे रूठूँ किसको मनाऊँ !

ख्वाहिशें कितनी सभी भूलूँ किसको जताऊँ !!

बेज़ार हैं गुल और चिड़ियों की चहक नहीं , ,,

कैसे वीणा तार छेड़ूँ किसको सुनाऊँ !! ... ''तनु''


Friday, August 21, 2020

हुई कहाँ जाने की लो जी सुबह सुबह तैयारी ??

 हुई कहाँ जाने की लो जी सुबह सुबह तैयारी ??

गजानना आओ सजा रखी है मोदक की थारी ,

और कहीं की करना ना तुम जाने की तैयारी , ,,

भोग लगाओ मोदक तो आये हमरी भी बारी !!... 'तनु'

  कण-कण में वो रम रहे, अणु-अणु में आभास ।

वही जगत आधार हैं, जीता है विश्वास !! ... 'तनु'


अपने मन को न यूँ अधमरा कीजिये


अपने मन को न यूँ अधमरा कीजिये!
मानिये प्राणायाम जरा कीजिये !!

साँस का बंधन यूँ थोड़ा सा योग !
जैसा कहते वैसा करा कीजिये !!

रोज़ सुबह सूरज उगने के पहले !
उठिये गहरी साँसें भरा कीजिये !!

ये क्या कि थोड़े में थक क्यों गए हो !
अजी अधिक खाने में डरा कीजिये !!

मुरझाया सा तन लालिमा से भरे !
योग से सींचिये जी हरा कीजिये !!

हर जगह न मिले नामचीं चारागर !
योग अपनाइये तज़किरा कीजिये !!

इक तंदुरुस्ती है हज़ार नियामत !
आसन से जीवन सुनहरा कीजिये !!... ''तनु''

Wednesday, August 19, 2020

जिंदगी में किताबों की अहमियत है


जिंदगी में किताबों की अहमियत है!
किताबें हैं तो जिंदगी की कीमत है!!

किताबें बदल देती जिंदगी की दिशा!
बुरी किताबों ने खोई आदमियत है !!

किताबें कभी पढ़ो तो समय लगता है !
इस तरह बढ़ा रही जिंदगी कीमत है !!

बिन किताबों आधा इंसा का संसार !
जिंदगी इनके बिन जैसे अज्जियत है!!

वक्त औ जिंदगी दोनों ब-दस्तूर चले!
पढ़ना पढ़ाना एक अच्छी नीयत है !!

वन कितने पी गयी ज्ञान पिपासा लिये !
प्यास की प्यास ही इसकी मसरूफियत है!!

यूँ पढ़ा, पढाया है, पढ़ाते ही गये!
किताबों से जीवन यही वाकफियत है !!.... ''तनु''

Tuesday, August 11, 2020




कान्हा झूलते झुलना,    डोर यशोदा हाथ ,   
खनक रहे हैं कंगना,   फूल हँसे औ पात !
फूल हँसे औ पात , देखी छबि मनमोहिनी 
कूल हँसे औ घाट ,     चन्द्र सजते रोहिणी !!
भादों की है रात ,      नन्द घर आये कान्हा  
गोकुल गाँव प्रभात ,  हर्षित हैं देखि कान्हा    ..तनुजा ''तनु ''

Sunday, August 9, 2020

नज़र नज़र में अब डर दिखाई देता है!

 

नज़र नज़र में अब डर दिखाई देता है!
ये ही तो अब अकसर दिखाई देता है!!

जिंदगी में अज़ाब और सूजी आँखें!
दिल जलता है अंदर दिखाई देता है!!

दॉंत कटी रोटियों का मोल भूला है!
इतना गिरा है अब्तर दिखाई देता है!!

तमाशबीन भी क्या कोई कभी सुनेगा!
अब तो हरिक अफ़सर दिखाई देता है!!

शक ओ शुबहा तो अभी भी कायम!
''तनु'' वो देवता अगर दिखाई देता है!!... ''तनु''

Friday, July 31, 2020

चौमासो दुमासो व्यो

चौमासो दुमासो व्यो,  रीता वै ग्या कूप, 
परा जावतां वादरा,     वदती जावे धूप!
जल  सेतो नीचो घणो,  रूँख जड गई सूख !
रूँखड़ा वना धरा रो,कसो विगड ग्यो रूप!!---- "तनु"
कोरोना के राज में,    तगड़ी भागमभाग!
साफ सफाई का सभी, आलापे मिल राग!!
आलापे मिल राग,  हर पल भरम में रहते!
धोते फल औ साग,  बात भी दूर से करते!!
बदल गये हैं भाग,   हर तरफ को कोरोना!
तगड़ी भागमभाग,   खूब भगाय कोरोना!!... ''तनु''

Sunday, July 26, 2020

दुख की गोटी साँवली

दुख की गोटी साँवली,  सुख की धोली गोट,
जीवन झेलता ही गया,जंग नियति की ओट !

जंग नियति की ओट,   न्यारी खेती कर्म की !
पाप पुण्य की चोट,    कभी जागते मर्म की !!

मन मत रखना खोट,   आयेगी छाँव सुख की, 
उतरेगा यह  कोट,      जायगी बदली दुख की !!... ''तनु''

Saturday, July 25, 2020

मनवा घायल चैन कहाँ,

घायल मनवा चैन कहाँ,     रिसते सगले घाव,
रसना के रस गुम हुए ,        बैरी मन के चाव!
दिन रुकता न रात रुकी, पल की क्या है बात ,,
कर्मो की बिसात बिछी,   अब विधना के गाँव!--''तनु''

नैया दरिया से दूर है,

नैया दरिया  से दूर है,  देखी ना पतवार ! 
दूर सजन का गाँव है , जाना सागर पार 
मरीचिका सी जिंदगी, जीना भी दुश्वार !!
रोती जाती साँझ भी,  जीवन है बस रार !!... ''तनु'' 

Friday, July 24, 2020

दामन में खुशियाँ रहें

 दामन में खुशियाँ रहें, खिले चेहरे नूर,
 लिये दुआ हम आ गए,  होय बलाएँ दूर!

 होय बलाएँ दूर,         रहें कान्हा बलिहारी,
  सदा सेहत उत्तम, सभी मौसम हितकारी!!

  ''तनु'' बरबस कहजाय, यही जोड़ी मनभावन!
  आँगन तारे चाँद,            रहेंगी खुशियाँ दामन!!.... ''तनु''

Thursday, July 23, 2020

चलते रहना राह पर

चलते रहना राह पर,  रखना लक्ष्य निगाह !
जिंदगी अंक गणित है,   दुखों से ही निबाह !!
दुखों से ही निबाह,     बस थोड़ी सी है ख़ुशी , ,, 
अंधी जग की राह,      और साँसें बची खुची !
मंज़िल आती पास,    रुक मत साँस के चलते!                                                             
निश्छल है मन आस,     राह पर रहना चलते !!... ''तनु''

Friday, July 17, 2020

ये अभिलाषा,



ये अभिलाषा, भूखा ना हो !
भूखा ना हो,  नंगा ना हो !!

नंगा ना हो,  सुख सारे हों !
सुख सारे हों, खुशियाँ हर-घर!!

खुशियाँ हर-घर, सुख अपार हो!

सुख अपार हो, ये अभिलाषा !!,,,, ''तनु''



Tuesday, July 14, 2020

आती जाती राह है,

आती जाती राह है,              मंज़िल तू मत छोड़ !
जिंदगी अंक गणित है,   ग़म कम कर सुख जोड़ !!
ग़म कम कर सुख जोड़,  ख़ुशी के बाग़ लगा ले, ,, 
अंधी जग की दौड़,             घात से इसे बचा ले !
इस चातक की प्यास,      बुझाये बूँद जो स्वाति ! 
निश्छल है मन आस,       वह ही काम है आती !!... ''तनु''










Thursday, July 9, 2020

तेल बिना कोई चराग़ रोशन नहीं !
फूल बिना कोई जहां गुलशन नहीं !!
ये जीवन है मालिक का दिया हुआ, ,,
चाह बिना कोई जीवन , जीवन नहीं !! तनु

Sunday, July 5, 2020

शोहरत थोड़ी सी


शोहरत थोड़ी सी मिल गयी, बहुत है मग़रूर होने को!
कभी भी फिसलके गिरने को, सारा ग़ुरूर खोने को!!
नींद खोकर बेचैन होकर, बनते खेल खिलौनो से, ,,
देखिये तरक़ीबें हैं कई, यहाँ मशहूर होने को !!... ''तनु''

Thursday, July 2, 2020

खुशियाँ सारी हों दामन में,

खुशियाँ सारी हों दामन में,
साज छिडे हों मन भावन में!

सौंधी सी खुशबू जीवन हो, ,,
भीगे माटी ज्यौं सावन में!!---"तनु"

Wednesday, July 1, 2020

मुकम्मल होती हैं दुआएँ सारी!
वो रहबर है झूठी दुनिया दारी,
हसरतें अपनी सभी मालूम उसको, ,,
देर सवेर पूरी होती है वो सारी!!---"तनु"

Saturday, June 27, 2020

ज़िक्र न करो कहानी में!

सिर्फ़ अँधेरों का ही ज़िक्र न करो कहानी में!
कुछ चराग़ तो रखो खुशियों की अगवानी में !!
दहलीज तक आयी जिंदगी मना लो उसको, ,,
साजिशें भूल जाओ इस नई जिंदगानी में!! ... ''तनु''

करते तो फरियाद

चुप चुप क्यों सहा तुमने,  करते तो फरियाद!
हो सकता था घुटन से,        हो जाते आज़ाद!!
हो जाते आज़ाद ,   अगर जो दिल की कहते !
अपनो के आघात,      अकेले तुम  ना  सहते!!
दिल से हो बेज़ार,       बने अपघाती छुप छुप !
गये  हौसला हार,    क्यों सहा तुमने  चुप चुप!!... 'तनु'

तगड़ी भागमभाग!

कोरोना के राज में,    तगड़ी भागमभाग!
साफ सफाई का सभी, आलापे मिल राग!!
आलापे मिल राग,  हर पल भरम में रहते!
धोते फल औ साग,  बात भी दूर से करते!!
बदल गये हैं भाग,   यह है रोज का रोना!
तगड़ी भागमभाग,   खूब भगाय कोरोना!!... ''तनु''