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Saturday, March 31, 2018


मेरे इस परिवार में, हाथी घोड़े बैल ;
पगड़ी है सरदारजी,अच्छी रेलम पेल ,,
अच्छी रेलम पेल , खड़ा मैं लिए तूलिका !
ऊँचे पूरे वृक्ष , और छोटी सी कलिका !
खुशियों का संसार,  खिल खिल हँसते सवेरे, 
सारे हैं दमदार ,  इस परिवार में मेरे। .. ''तनु ''

यूँ बहारों में खिली कली हम हैं;

यूँ  बहारों में खिली कली हम हैं;
रेत में आ कर मिली नमी हम हैं !

दे जाते तुम्ही तो कितने रंग नये ;
वो तुम्हारी जान महजबी हम हैं !

माँगते हो खुद ही रुख़सत हमसे ;
वो खुदा का बन्दा वो नबी हम हैं !

सिर्फ मैं औ तुम ही तो हैं हर सूं ;
आसमा है समाया वो जमीं हम हैं !

चूम कर जो रौशन हुआ हमीं से ;
चाँद निखरा हम से वो जबीं हम हैं !... ''तनु''

मैं तो झरती रेत हूँ

मैं तो झरती रेत हूँ , बहती जाती धार ; 
जब रहती हूँ थार में, चढ़ी टीलों बयार !
चढ़ी टीलों बयार  ,  धरा में सुप्त सरसती ;
जलाती गरम झार,जब धरा आग उगलती !
करूँ थोड़ा विश्राम, खनन कुछ रुक जाए तो !
मुझे कहाँ आराम ,   पवन संग उड़ती मैं तो !!,... ''तनु''

Thursday, March 29, 2018


तू  निगहबाँ शान  लिए बैठा हूँ ;
तुझसे राब्ता आन लिए बैठा हूँ !

वक्त सदा ही रहा इम्तहानों का ;
हर माहौल में अज़ान लिए बैठा हूँ !

दीन की जानिब रुख कीजिये  ;
कैसे कैसे अरमान लिए बैठा हूँ !

एहसास तकानों के सलामत रहें ;
तड़पा हूँ  अहज़ान लिए बैठा हूँ !

साज़ में पर्दे की खनक बाकी है ;
मैं साँसों का गान लिए बैठा हूँ !

ख़्वाब की ताबीर में गुम हुआ  ;
झोलियों  ईमान लिए बैठा हूँ !.. ''तनु''








Wednesday, March 28, 2018

पोलो भीतर ढोल का, गावै पड़ता मार 
बोल सुहाणा दूर का, दीखै भारी भार !!
दीखै भारी भार,    मंगल वाद्य हमारो,
ले डुग्गी मिरदंग,  हरमुनिया एकतारो  , ,,
संग झाल खड़ताल,  शंख डम डमरू बोलो!
सुषिर मधुर झंकार ,  पखावज ढोलक पोलो!!... ''तनु''

Tuesday, March 27, 2018

नेट से जब इश्क हुआ ,  बीत गयी कब रात ;

हुआ सवेरा देर से ,  कहाँ सुबह की वॉक!

कहाँ सुबह की वॉक ?  सुबह कब संध्या होती ;


पिज़ा बर्गर खाए  ------   नसीब न रोटी होती, ,,,,,


मोटा चश्मा फिगर गुम यूँ उड़ते जेट से;


टंकित होती बात इश्क हुआ जब नेट से !!.... तनुजा ''तनु ''

इश्क हुआ जब नेट से,  बीत गयी कब रात ;

हुआ सवेरा देर से ,  कहाँ सुबह की वॉक!

कहाँ सुबह की वॉक ?  सुबह कब संध्या होती ;

पिज़ा बर्गर खाए  ------   नसीब न रोटी होती, ,,,,,

मोटा चश्मा फिगर गुम करते जिस पर रश्क़ ,... 

टंकित होती बात हुआ जब नेट से इश्क !!.... तनुजा ''तनु ''

Monday, March 26, 2018

ख़ाब ये सारे सुहाने रखे यहीं ;
जिंदगी के ये खज़ाने रखे यहीं !

दौर-ए-उम्र को जी लिया मैंने
जज़्बातों के ख़त पुराने रखे यहीं 

बे ख़ता सर को झुकाया ना कभी,
साँच के मीठे तराने रखे यहीं !!

बाशिंदों से प्यार मुहब्बत बहुत की, 

मौत के जीते  बहाने रखे यहीं !!

'तनु' है अब नहीं मुझे कुछ ढूँढना , 
ख्वाब-ओ-ख्याल के ज़माने रखे यहीं !!,,,''तनु''
है गुनाह कोई नाकाम सी चीज़ ;
मलूँ तो मैल सा छूटे है तन से !
अगरचे धुँए सा बिखरा हुआ हूँ, ,, 
साँस भी खुटे ना खुटे है तन से !! ... ''तनु''

Saturday, March 24, 2018

चुरा फूलों से ख़ुश्बू कुछ गुनाह ले लूँ ;

चुरा फूलों से ख़ुश्बू कुछ गुनाह ले लूँ ;
तुम आओ तो मौसमों से पनाह ले लूँ !
कहाँ  है स्वर्ग,  सीढ़ी बहुत ऊँची लम्बी , ,,,
फरिश्ता कोई मिले संग गवाह ले लूँ !!..''तनु''

Friday, March 23, 2018



आ गया आँखों पानी क्यों कर!
हो गयी शाम सुहानी क्यों कर !!

हो गयी बात पुरानी फिर भी !
याद है मुझको जुबानी क्यों कर !!

 कौन कहता है जिंदगी सच्ची !
 फिर बन गयी कहानी क्यों कर !!.... ''तनु''

याद आने के लिए होती है ;
वो न जाने के लिए होती है !

चूम होठों से लगा लो तो ;
गुनगुनाने के लिए होती है !

जाग कर जो रात बीती कोई ;
अजी रुलाने के लिए होती है !... ''तनु''

Tuesday, March 20, 2018


चाँद बिन चाँदनी नहीं, सूरज बिन ना धूप;
बिन तुम्हारे बालकों,       नहीं सुहाए चूप  !
अति प्यारी किलकारियाँ, मोहक है मुस्कान ,... 
किसके मन ना भायगा बालक वाला रूप !!... ''तनु''

Monday, March 19, 2018

हर दुकान सजी हुई

हर दुकान सजी हुई, हमने आज़ार ही देखे;
पेट भरने की फ़िक्र ने, सजे बाजार ही देखे !
झूलती साँसे रही आस निरास के झूले में, ,,
और फिर बाद मरने, खुले अब्सार ही देखे !!.. ''तनु''

Sunday, March 18, 2018

आपकी मनोकामना , हमने की स्वीकार !


आपकी मनोकामना , हमने की स्वीकार !
इस जीवन में आप भी , कभी न पावै हार !!
कभी न पावै हार,      जीवन शान से बीते, 
भरे रहे घट थाल,       कभी ना होवें रीते। 
बाजे ढप मिरदंग ,   धनके  ढोलक थाप की !
शरणाइ रही बाज ,  लुभाये खुशी आप की !!... ''तनु''

Monday, March 12, 2018

भीतर पोला ढोल है ,  कहे ढाक के पात ! 
ढोल कहे तुम भी वही , पात तीन हैं गात !!

पंछी की परवाज़ है , आफताब की ओर !
मानो छूना चाहता ,   आसमान का छोर !!

हाथ पकड़ कर राह में, चला हर कदम संग !
मन उसका था बावरा , उड़ गया ज्यों पतंग !!


पात पवन उड़ाय रही ,  सारे बंधन तोड़ !
कितने घात शाख सहे ,  टूटा रे गठजोड़ !!


हाथ पकड़ कर राह में, चला हर कदम संग !
मन उसका था बावरा ,       जैसे उडे पतंग !!

परिपूरित हो आस से ,  हो पतझड़ का अंत !
कोमल कोंपल को लिये, स्वागत करो बसंत !!


सलीक़ा मुझे ही नहीं , परखूँ क्या व्यवहार !
कितने परदों चेहरा ,      मरीचिका है थार !!

वंशधरों  के सामने,  समझ करो व्यवहार !
सीख ही लेते देखते,  जैसे हों आचार !!

सपने में भी घाव थे , दुखों का ही दुलार !
अपनी सूली सेज सी ,  काँटों से है प्यार !!

सपने में भी घाव थे , दुखों का ही दुलार !
अपनी सूली सेज सी ,  काँटों के हैं हार !!... ''तनु''

Thursday, March 8, 2018

कौन कहता है किसी ने बेवफाई की,


कौन कहता है किसी ने बेवफाई की,
साथ साथी चलता रहा रहनुमाई की !

टूट करके मिलती है जब भी मिलती है!
बात करता मैं रहा अपनी परछाई की!!

खोल कर सारे वो दरवाजे चली आती!

ज़ेहन तुझसे किसी सूरत नहीं रिहाई की!!

ओढ़ कर सोया किया मैं दररोज़ उसे!

ज़िंदगी भर ही, इसी की तो कमाई की!!

उसका हर बोसा ''तनु''रूहानी होता है !

डरता रहता बात करता नहीं जुदाई की!!,,, ''तनु''

यूँ ही ढ़ोना ना हुआ,

जिंदगी को दम बदम यूँ ही ढ़ोना ना हुआ,
ये ज़िद रही आफ़ताब क्यूँ तिकोना ना हुआ !
घूमते ही रह गये  उफ़ चकरियों की तरह, ,, 
गोल कमरा था की क्यों कोई कोना ना हुआ!!... ''तनु''

Tuesday, March 6, 2018

पोला भीतर ढोल के

पोला भीतर ढोल के,  गाता है आघात !
बोल सुहाने दूर के  दिखता भारी गात !!
दिखता भारी गात,  मंगल वाद्य हमारा
ले डुग्गी मिरदंग ,  हरमुनिया एकतारा , ,,
संग झाल खड़ताल ,  शंख डम डमरू बोला !
सुषिर मधुर झंकार ,  पखावज ढोलक पोला !!... ''तनु''

संग ले किस संग का

संग ले किस संग काये गलियाँ भर गयी ,
नज़र ऐसी नज़र की लो कलियाँ मर गयी !
ख़्वाब के मंज़र सभी आँखों में रह गए , ,,,
की सियाह सियाह हो,  रंगरलियाँ जर गयी !!.. ''तनु''


बरसों से दुनिया वही,   ये जग कहाँ नवीन !
कभी सुमन की सेज पर, कभी सोय संगीन !!

पोला भीतर ढोल के,  कहे ढाक के पात !
तुम वहीं के रहे वहीं,    पात तीन हैं गात !!

मन उपवन में आज तो,        नाच रहे हैं मोर !
अनगिन कलियाँ खिल गयी ,महकी महकी भोर !! ... ''तनु''

Monday, March 5, 2018

बदरिया ने फागुन में,



बदरिया ने फागुन में,  ऐसा किया धमाल ,
सर्द तीखी सी बरसी,      बुरे हो गये हाल !
बुरे हो गये हाल,    तोड़ सभी करार रही !
भूल गयी  व्यवहार,  मदिर कभी बयार रही !!
चढ़ते कैसे ताप,      ओढ़ वायरल चदरिया , ,,
जगत करे संताप,   बरसे फागुन बदरिया !!...''तनु''







Sunday, March 4, 2018

रम्ज़ हर्फ़-ए-दुआ

ये पर्दा -ए -दिल हमें नजर आता ही नहीं,
रम्ज़ हर्फ़-ए-दुआ बन नज़र आता ही नहीं,

कितने पर्दे और कितने रंगों का है जेहन,
आइना रक्खूँ कहाँ नज़र आता ही नहीं, !

ये चुप सी क्यों लगी है दीयों की लवों में,
सिलसिला रौशनी का नज़र आता ही नहीं,!

ख़िज़ाँ गयी क्यों सूखे हैं शजर अभी भी,
बहारों का वो मौसम नज़र आता ही नहीं,!

जंग के लिए हाथों में तो खंज़र ही उठ गए,   
दुआ में  उठता हाथ नज़र आता ही नहीं, !

दीजिये दिल और ले भी लीजिये  'तनु',
वो एहसास प्यार का नज़र आता ही नहीं,!!... ''तनु''