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Saturday, April 30, 2016



दिल यहाँ दरिया , जो लहर ख़ुशी से उठे !
ना जलन जला, .जो धुँआ खुदी से उठे !!
नयन नीर झरता   आशीष दिल से है , ,,,,
आक़िल बन कर ........जो तू खूबी से उठे !!...तनुजा ''तनु ''
                              

Wednesday, April 27, 2016





कभी तो आ !!!



कभी तो आ तू मेरी नींद से पहले !
रहके इंतज़ारी में कभी तू भी दहले !!

रोज़ कयामत की बात करता है क्यों !
क़यामत रोज़ है तेरे आने से पहले !!

सुनसान रास्तों पर मकां चुप से हैं !
अरमां जलते तिश्नगी बढ़ने से पहले !!

घर दीवार-ओ-दर शल हुए राह तक के !
कि दिल की बात कोई कैसे दिल से कह ले !!  

जुगनू सूरज ढूँढते कुछ शाखों पर सोगए !
चांदनी चाँद में सोयी सहर होने से पहले !!..... तनुजा ''तनु ''






Monday, April 25, 2016



सुगना !!!


रे मना मत बन बदरंगा सुगना;
रंग तेरा हरियल सुन्दर सुगना !

भर मन की उड़ान, नभ खुला अपना;
खो कर ख़ुशी, न रह तू दबा सुगना ! 

पेड़ टूटा , मीत भी है अनमना;                  
गीत गाकर, जगत तू रिझा सुगना !

पिंजरे में पिंजर!!! कल था , कल ना ;
देह माटी,    साँस के बिना सुगना !

देह सबकी अलग, पोशाकें अलग;
साँच से अब आँख मत चुरा सुगना !!

सजन तो परदेस, कौ  नहीं अपना ;
काल चला ?  चल !! कर अब भला सुगना !!,,...तनुजा ''तनु ''




Sunday, April 24, 2016




ईश्वर ने वसन पहनाए रंग हमारे पाँच ; 
दिल हमारा उजला सच्चा चाहे तुम लो बाँच !
एक डाल के पंछी हम तो सदा रहेंगे साथ, ,,,,
भूलना मत महान बनाये संग हमारा साँच !!,,''तनु ''

Saturday, April 23, 2016





तमचरों की तपिश ताप से जलाए जहां को ;
कौन तपोनिधि तपोबल से बचाए जहां को ?? 
क्रोध,अभिमान, धन, रूप, जलन की गर्मी से .... 
आह !! अहरह तपाय, सताय , जलाए जहाँ को !!...तनुजा ''तनु ''

Friday, April 22, 2016





लहरों पर लहराई लहरों सी ;
गहरी थी गहराई गहरों सी !
दूर क्षितिज पार बंधन के थी , ,,,
प्रीत पर पहुनाई पहरों सी !!..तनुजा ''तनु ''


Thursday, April 21, 2016


ॐ हं हनुमते नमः 
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प्रभवे हे महाकाय कपीश्वर ;
दीनबन्धु सर्वतंत्र सुरीश्वर !
हरि मर्कट विभीषण प्रियकर , ,,,
पिंगलाक्ष महातेज हृदयेश्वर !!.. तनुजा ''तनु''

ज्ञान का सागर हनुमान हमारे ;
सागरोत्तारक प्राज्ञाय सहारे !
वज्रकाय राम भक्त केशरीसुत , ,,,,
शूर शांत दांत वागधीश सखारे !! .... तनुजा ''तनु''

Sunday, April 17, 2016

ज़लज़ला

लो ख़ाक होकर जिंदगियाँ ये धूल में जा मिली ;
दहकते अंगारों पर थी जली कलियाँ अधखिली !
ज़लज़ला ये कैसा आया फ़िराक ही फ़िराक है??
ऐसा कौन चाहे ? ना थी किसी की चाहतें दिली , ,,,...तनुजा ''तनु''


ज़लज़ला 

दूर तक धुआँ धुंधलका, ढेर टूटे मकानो का था ;
चुप हो गई ,... कुछ देर पहले रूठी अज़ानो का था !
ये कहर था खुदा का जो जलजला बन के आया , ,,,
क्या क़र्ज़ था जमाने ?  या जुल्म जमानो का था !!.... तनुजा ''तनु ''

Wednesday, April 13, 2016



राज़ 


खोजिए राज़ कहाँ पाएंगे ;
फूल गुलदानों  मुरझाएँगे !

खैर से सफर गुजरता कैसे ?

बिछड़ आप रह ही जाएंगे !

क्या वक्त था कल का, क्यों सोचे ? 

जो हुआ भूलकर जी पाएंगे ,

नीयत इंसान की बिगड़ जाये ; 

अजनबी राहजनी कर जाएंगे ! 

कोशिशें बहुत नतीजा है सिफर ;

आजिज़ आ हम रो ही जाएंगे !

हम चले अपनी सलीब उठाकर !
मंज़िल कभी तो पा ही जाएंगे !! ...तनुजा ''तनु''






झुर्रियाँ

अश्कों का सैलाब बहाती झुर्रियाँ रह गयी ;
फूल काँटों में भी खिलाती झुर्रियाँ रह गयी !

वो जवानी की मौज वो प्यारे दिन बचपन के ;
रोज़ संगत-असंगत सजाती झुर्रियाँ रह गयी ! 

पाबंदियाँ, संस्कार और वक्त , ,,गज़ब के रहे ;
बुलंदियाँ छूती लक्ष्य को पाती झुर्रियाँ रह गयी !

जिंदगी के दिन कटते अँगुलियों की पोर पर 
करम रेखाएँ घिसी,  हँसाती झुर्रियाँ रह गयी !

दिल अनुभवों का खज़ाना तो चल साथ बाँट लें ;
फिर न कहना ये दिल दुखाती झुर्रियाँ रह गयी !

 छोड़ दुनिया की शय यहीं, जाना सबको है कहाँ ;
 ख़्वाबों ख्यालों के गीत सुनाती झुर्रियाँ रह गयी !

 आस है देखूँ ज़माना, उन आँखों से बचपन की ;
 अँगुलियों की छुअन दिखाती झुर्रियाँ रह गयी !

 चल पड़े वो जानिब-ए-दरिया सबको ही भूलकर !
 चेहरे पे उनके लहराती  झुर्रियाँ रह गयी !!..... तनुजा ''तनु ''











Monday, April 11, 2016



चाँदनी


चाँदनी लहर पर उतरी पूछो ;
संग किसके कहाँ चली पूछो ?

शब भर लहरों पर सोकर के ;
सहर को कहाँ गुम हुई पूछो ? 

जानकर भी बनी बडी नादां ;
मानो खुद को खोजती पूछो ?

छुअन कैसी हल्की नरम सी है ? 
शोखियाँ लहरों की हुई पूछो , ,,,

चाँद में थी कुछ तल्खियाँ लेकिन ;
होकर पुरनूर क्यों घुली पूछो ?...तनुजा ''तनु ''




Sunday, April 10, 2016

कायनात !!!


दिन को सूरज लिए निहारती हूँ एक निगाह से ; 
रात को चांद लिए निहारती हूँ  एक निगाह से ! 
मैं कायनात हूँ समाया हुआ मुझमें ही खुदा है , ,,
हँसाती हूँ  इक आँख रुलाती हूँ एक निगाह से !!! .. तनुजा ''तनु ''

Friday, April 8, 2016

झूला


सुख दुःख की पींगे भरता, जीवन झूला झूल रहा ;
घाव सबके समय भरता, ये खोया पाया भूल रहा , ,,,
नभ छूता धरा को छू कर कैसा अनोखा दोलन ??
खुशियों के फूलों सा झरता,  कभी चुभता शूल रहा !!!... तनुजा ''तनु ''

Thursday, April 7, 2016








मंज़िलों की हद कहाँ पर खो गई ?? 
चाँदनी भी चलते चलते सो गयी, ,,

टूट कर एतिबार दिलो जां पस्त से , ,,,
आँख रोई दामन फिर भिगो गई !!,

लहद यही मेरे लिए है प्यार में ??
खार दिल में चाँदनिया चुभो गई , ,,

नेकियाँ बदी से ज्यादह थी कहीं, 
कौन से हिसाब में कमी हो गई ?? 

सनद किसको औ जहां किसको मिला ??
नाम जद मैं नहीं बहारें हो गई  , ,,,

गुल,सितारा,चाँद भी क्या हसीन है , ,
मुस्तनद है कौन ?  ये कहानी' हो गई  !!!...तनुजा ''तनु ''



Saturday, April 2, 2016

विश्वास 

ईश्वर सभी जगह है विश्वास कीजिये;
कण कण में वो रचा है आभास कीजिये !
माया सारी रची  यहाँ उसके ही दम से, ,,,
कभी उदासी सी, कभी है उजास कीजिए !!.... तनुजा ''तनु ''