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Tuesday, November 29, 2016











बात दिल की सुनना पड़ेगा भी ! 
दिल कहीं सीने में धड़केगा भी !! 

छंद न छनक रहे बिखरी मसि सी !
ये कलम अक्षर कुछ जड़ेगा भी !!

लौट कर आ सकी नहीं उर्मियाँ !
कौन है जो उन्हें पकड़ेगा भी !!...तनुजा ''तनु''

Monday, November 28, 2016

बीत गए पल 


ताक में जगरते
 दीये 
थे कभी 
और छाँह में 
कोई गुल्लक 
थी
 तोड़ी !!

लीपा हुआ 
आँगन 
सौंधी मिटटी की 
ख़ुश -बू 
कच्चे पथ 
 ने
 छोड़ी !!

ढूँढकर 
 ईंट के बीच
 से 
जगह बना
 चली किरण 
पहुँच गयी
 पौढ़ी !!


पुराना
 नया 
मासूम बचपन
 ने 
जवान हो 
नीले आकाश
 की छत 
ओढ़ी!!

निकलता 
हाथ से 
फिसलता 
रेत सा
 वक्त की
 किसने 
राह है
 मोड़ी !! .....तनुजा ''तनु '' 


प्रेम जगत साझा करे ,  पाप न साझा होय !
अपने पाप की गठरी,   खुद ही ढोनी होय !!..तनु 

Saturday, November 26, 2016




देख अमीरी समय की,  पूछे तेरी जात !
ईश्वर तो तू है नहीं,    तेरी बात न बात !!

इठला कर मत डोल रे,  छोड़ सकल अभिमान .. 
लाठी बे -आवाज है ,  कब कर जाये घात !!... तनुजा ''तनु ''



घड़ी 

 घड़ी एक रुक जाइये , सुनिये जी की बात !

 जी में वीराने पलते,         नैनों से बरसात !!

 इक घडी जो बीत गयी,  दिलों को गयी रीत !

 हँसी नहीं वो हुनर था,      जादूगर मनमीत !!

 नाज़ है औ अदा वही,   बन जाऊँ मैं आप !

 देख लो यही प्रीत है ,   नहीं घड़ी का श्राप  !!

 एक घड़ी की उमरिया ,  बीती जाय बहार !
 पलपल तेरे ध्यान में ,     सदियों का श्रृंगार !!

 एक घड़ी की बेबसी,  बना गयी लाचार !
मन की पीड़ा दोगुनी,    कैसे हो इज़हार !!..... तनुजा ''तनु''









घड़ी 

 घड़ी एक रुक जाइये , सुनिये जी की बात !

 वीराने पलते जी में ,         नैनों से बरसात !!

 इक घडी जो बीत गयी,  दिलों को गयी रीत !

 हँसी नहीं वो हुनर था,      जादूगर मनमीत !!

 नाज़ है औ अदा वही,   बन जाऊँ मैं आप !

 देख लो यही प्रीत है ,   नहीं घड़ी का श्राप  !!

 एक घड़ी की उमरिया ,  बीती जाय बहार !
 पलपल तेरे ध्यान में ,     सदियों का श्रृंगार !!

 एक घड़ी की बेबसी,  बना गयी लाचार !
मन की पीड़ा दोगुनी,    कैसे हो इज़हार !!..... तनुजा ''तनु''








समय दोहे 


प्रात समय की लालिमा, पंछी कलरव गूँज !
मेरे मन को मोहती ,    बन जाये अनुगूँज !!

आई वेला साँझ  की ,       ना पंछी ना गान !  
जीव सूना मीत बिना, तिलतिल घटते प्राण !!

मंदिर मस्जिद शोभते, राम और रहमान !
काल गाल से मनु बचे,   बन जाएँ इंसान !!

देव दुंदुभि बजे नहीं ,     रूठे हैं सब साज !
काल विकराल आ खड़ा, लाठी बे-आवाज !!

समय पत्री है ओस सी ,  कैसी सुन्दर होय !
धूप मेह सभी सहे,       देखत ओझल होय !!

बाल बाल की चूक से ,  खुशियों का इजहार !
पल पल की नादानियाँ ,  करे विषम व्यवहार !!

देख अमीरी समय की,  पूछे तेरी जात !
ईश्वर तो तू है नहीं,    तेरी बात न बात !!

देवदुंदुभि बाज रही ,  लागे सुखद अज़ान !
राम रहीम दोय सुने,    भूल गये पल भान !!.... तनुजा ''तनु''

Friday, November 25, 2016





जीते जी मर गये , कहानी कुछ और ही कहते ;

इल्ज़ाम सारे गये , कहानी कुछ और ही कहते !

परिंदा क्या जाने अदावत की कहानियाँ कैसी ;

घायल पर इसके कहानी कुछ और ही कहते !

ये किसने चमन से कलियों को तोड़ कर फेंका ;
कुचले हुए गुल भी कहानी कुछ और ही कहते !

कहिये ना खूबसूरत जहां में सोग क्यों बरपा है ;

कहते कुछ करते ,. कहानी कुछ और ही कहते !

मुझे और साहिल को क्यों चैन नहीं क्या जानू ;

समंदर ही दिल में,  कहानी कुछ और ही कहते !.. तनुजा ''तनु ''


Thursday, November 24, 2016



तुम्हारे प्यार के मौसम जाकर नहीं आये  ; 
इन्तजार करती रही तुम जाकर नहीं आये  !

समझेगा कौन मेरे दर्द भरे आँसुओं को ;
बेनसीबी मेरी रही तुम जाकर नहीं आये ! 

दावतें सारी साथ तुम्हारे थी खुशियों की 
आ गये बुरे ज़माने तुम जाकर नहीं आये !! 

हमेशा से रौनकें ऐसी ही थी जमाने की ;
चले जो गए जहाँ से वो जाकर नहीं आये !!

कभी बुत कभी इंसा में कभी रहता जर्रे में ;
सभी रंग गए उस नूर में जाकर नहीं आये !!

इस बियाबां में काफिले कहाँ रुक पायेंगें ;
 ले के चल दिए सुकूँ वो जाकर नहीं आये !!... तनुजा ''तनु ''

Tuesday, November 22, 2016






सजन बिन रोना रुलाना और ही था ;
सपन आँखों में बुलाना और ही था !

लगी ललक हर जा वही नज़र आया ;

मिलन की चाह अकुलाना और ही था !

 पलाश रक्तिम हुए रवि शिखर छाया ;

 सुन पिक बैन मन लजाना और ही था !

बजी बाँसुरी हृदय बैन कहे नैना ;

सत्व सजना को सुनाना और ही था !

मदिर मधु बरसा गयी प्रीत मधुबाला ;

नयन से मदिरा पिलाना और ही था !

पुलकित होकर बज रहा हृदय बाजा ;

तेरे सुर से सुर मिलाना और ही था !...तनुजा ''तनु''

Monday, November 21, 2016




ये किसने
जला दी  मशालें  
कितने मज़बूत हाथ 
इनको सम्हाल 
रहे हैं 
ये शहर 
ये बस्तियाँ 
सब तो थी 
सोई सी , ,,

एक चिंगारी 
थी जो छुपी 
वही संकल्पित 
 सोच चिंगारी 
लपट है अब 
नहीं दिखेगी 
किसी  की शक्ल 
रोई सी , ,,

रात के बाद 
सूरज है 
देखो न 
आग भी यूँ ही
 नहीं लग जाती 
कोई चिंगारी 
रही 
इसमें खोई सी , ,,

खुलेंगी बातें 
आसमा 
ज़मीन की 
परतों में 
लावा तपता 
उठा कर 
कसम दे रहा 
गोई सी, ,, 

न चुप रहो 
मौन खोलो 
कह ही डालो 
सब सुनेंगे 
और चल पड़ेंगे 
साथ लिए 
मशाल जिनको 
सम्हाले मज़बूत
 हाथ 
कह गए
जोईसी !!,,...तनुजा ''तनु''



Sunday, November 20, 2016

बाबुल अंगना खेली बिटिया;
माँ की बहुत दुलारी बिटिया !
मिले स्नेह का साया हरदम, ,,
सारे जहां से निराली बिटिया !!





नींद खोयी दर्द पाया दिल टूट गये अरमान से ;
 सूझे ना राह मंज़िल मुश्किल बनी बेईमान से !

कौन आसी कौन है पुर-खता,  ए दिल बोल दे ;
सच कहूँ मैं सारे बन्दे खुदा के हैं ईमान से !

बेइमानों की दुनिया में ईमान ने उठाया दर्द ;
आब-ओ-दाना उठ गया है दीन का ईमान से !

कोई पाकर खुश था किसी काअपना खो गया ;
कौन रुक पाया सभी खाकसार गए गैहान से !

तुझसे उल्फत हूँ निभाता बा-वफ़ा या बे-वफ़ा ;
कौन बोलो क्यों डरेगा अब  किसी फरमान से !...तनुजा ''तनु ''

Saturday, November 19, 2016




नींद खोयी, दर्द पाया, दिल टूट गये अरमान से ;
सूझे ना राह, मंज़िल मुश्किल बनी, बेईमान से !
कौन आसी, कौन है पुर-खता, ए दिल बोल दे , ,,
सच कहे ''तनु''  सारे बन्दे खुदा के हैं  ईमान से !!..तनुजा ''तनु''

Friday, November 18, 2016




कुछ है मुश्किल 


ये जुबाँ कहती नहीं,  कुछ है मुश्किल इसलिए ;
चुप रहना मुनासिब,  भरी है महफ़िल इसलिए !

वही तो मेरे जी का सब्र-ओ-करार ले गया ;
जानते हैं सभी, क्यों बेकरार है दिल इसलिए !

जागती आँखों से देख रही हूँ प्रीतम के सपन ;
शब सुहानी चमके तारे मह-ए-कामिल इसलिए !

दिल ने चाहा ही नहीं,  देखकर भी देखा नहीं ;
अब बता तू मेरे हाल से, क्यों है गाफिल इसलिए ! 

तिलमिला वो जाएंगे कातिल जो हमने कह दिया ;
कौन जाने कितने गैर अपनों में शामिल इसलिए !... तनुजा ''तनु ''



Thursday, November 17, 2016






आँधियाँ तड़पा गयीं जो कहर के साथ में ;
 बीत जाता है बहुत, हर बशर के साथ मे !

राहतों में प्यार भी, मुश्किलों में हार भी ;
बदलते हैं मरहले हर सफर के साथ में ! 

प्यार गैरों ने किया धोखा अपनों से मिला ;
 देखते है अपनों को पराई नज़र के साथ में !

कौन है पाक दिल कहाँ बंदगी उसकी रही ;
ख़ौफ़-ए-जहन्नुम रहा कितने डर के साथ में !

तू कहाँ है और तेरा कहाँ  ठिकाना बता ;
गुजर जाऊँगा तेरी रह - गुजर के साथ में !

जनम कोई भी रहे जिंदगी तो होगी यही ;
हम भी जाएँगे इसी दर्द-ए-सर के साथ में !

चाहिए खुश-बू तनु प्यार गुंचों से करते चलो ;
चहक भोली है हरियाये शजर के साथ में !..... तनुजा ''तनु ''


कैसे कह दूँ बात मैं  ,  छुपे नहीं जज्बात  !
नैनों को मैं मीच लूँ ,  कहीं करदे न घात  !!
छुपती है हर बात ना , खुली ढोल की पोल , ... .
कान यहाँ दीवार के , घर घर पहुँची बात .  तनुजा ''तनु ''

Tuesday, November 15, 2016




मैं दुबला हूँ तुम मुझे , ना दो  ''दोआषाढ़'';
बची हुई हैं थोड़ी  हड्डियों को  दो आभार !
पच अपच की विष पोटली पेट इंसान का , ,,,
रोज़ कुआ खोदूँ, ..  पिऊँ पानी कहाँ का भार !!...तनुजा ''तनु''





देख लो तलवार की धार दुधारी है म्यान में ;
आज कर्मठों की आरती उतारी है सम्मान में !
राज मोदी  का है न खायेंगे न खाने हम देंगे , ,,
बात सीधी सी सम्हाल के खुद्दारी है ध्यान में !!..तनुजा ''तनु ''




कौन फिर आज सदा दे रहा है मुझे ;
 वो इक इक पल दुआ दे रहा है मुझे !

दिल ही में नहीं बाकी अज़मत-ए-वजूद ;
 वो कतरा कतरा दरिया दे रहा है मुझे !

लम्हे खुशियों के हैं फिज़ा में बहार है ;
 कितनी हसीं वो दुनिया दे रहा है मुझे !

डर की राहों में है सुकून मुझको नहीं ;
 वो इत्मीनान से गुलशन दे रहा है मुझे ! 

अदब से चल रहा हूँ कि मुझे नाज़ है ;
 नाचीज़ अदीब हूँ दुनिया दे रहा है मुझे !.. तनुजा ''तनु ''

Sunday, November 13, 2016

बच्चे मन के सच्चे ,,...

उन दिनों वर्षाजनित रोगों की भरमार थी। बच्चे त्रस्त थे। माता पिता भी बपने बच्चों का विशेष ख़याल रख रहे थे। मैंने अपने बेटे से कहा जो उन दिनों कक्षा पहली  में पढ़ रहा था , ..मैं जो आपको उबला पानी बॉटल में देती हूँ वही पीना ,  स्कूल का और किसी की बॉटल का पानी मत पीना समझा न। .. उसने पूछा -मम्मी क्या हो जाएगा मैंने पी लिया तो ? मैंने कहा ,, कई बीमारियां बेटा जो गंदे पानी से हो जाती हैं ,,. उसने पूछा -जैसे मम्मी ? जैसे पीलिया बेटा, मैंने कहा, ... पीलिया में क्या होता है मम्मी ? उसने फिर पूछा ,  मैंने कहा इस बीमारी में बच्चे पीले हो जाते हैं यानि पीले दिखते हैं ,,.. हाँ मम्मी मैं अपनी बॉटल का ही पानी पिऊँगा ,.. और वो स्कूल चला गया ,,  दोपहर में जब वो स्कूल  से लौटा तो बड़ा खुश आते ही सबसे पहले कहता है ,. ममा आपको चिंता करने की जरुरत नहीं ,,.मेरी क्लास में कुछ बच्चे गोरे हैं कुछ बच्चे काले हैं पर पीला बच्चा कोई नहीं ,,''तनु ''



मोदी के अभियान में ,  मरता भ्रष्टाचार !
सब कुछ साफ़ सुथरा, फिर क्यों हाहाकार !!
फिर क्यों हाहाकार, अभी जनम सफल कर लो !
झूठ को संहार ,           सत्य की अंजलि भर लो !!
ले फावड़ा कुदाल,    कैसी जड़ें ये खोदी !
सारे भ्रष्ट बुहार ,      छा गये गहरे मोदी !!,... तनुजा ''तनु''

Saturday, November 12, 2016




कंचन काया बुत बनी , कैसा ये अन्याय !
बोझ जिंदगी का सहे,  कोई नहीं सहाय !!
कोई नहीं सहाय,         भाग्यहीन है सुत भी ! 
जीवन का अभिप्राय, सिर्फ विपदा अटूट ही !!
कैसा ये व्यापार, नित्य ही अभिनय मंचन !
कौ सुने रे पुकार ,     धूल में काया कंचन !!,...तनुजा ''तनु''
        







संग में राम रखवाला, कहानी राम की न्यारी ;

भरे वो रंग फूलों में, सजाकर नेह की क्यारी !

अश्रुपूरित न होवे नयन, जब मन राम रमैया हैं , ,,

जग भरोसा रहा झूठा,  भरोसा राम का भारी !!, ..तनुजा ''तनु '' 







कैद ये कैसी रही, उम्मीद भी  रोने न दे !

आस को मेरी रही, निगाहें भी रोने न दे !! 


मैं बुत हूँ मुझको नहीं मिलते मज़े मुहब्बत के !
दिल पत्थर बना गयी तक़दीर भी रोने न दे !!

दामन में खुशियाँ लिए हम भी बहुत मसरूर थे !
रंज की तासीर ये रही  दर्द भी रोने न दे !!

ऐ नसीब बनाने वाले गर्दिशे तकदीर देख !

इस तरह बिगड़ी है तस्वीर तुझे भी रोने न दे !!

जब ख़ुशी देनी न थी आँखों को क्यों ख्वाब दिये !

अब खुली जब आँख तो ताबीर भी रोने न दे !!

 क़ासिद मेरे ,तू कभी पैगाम लाये तो पढूँ  ! 

 वो लिखेगा खत मुझे क्या ?  इल्म भी रोने न दे !!... तनुजा ''तनु''

Friday, November 11, 2016





लक्ष्मी है कागज़ नहीं , करो नहीं अपमान ! 
खान पान इससे मिले, और मिले सम्मान !!
और मिले सम्मान,  पुड़िया बनाओ न इसे ,
बनाओ न  सामान, कभी मत खेलो इससे !
कमल वन है निवास,  विष्णुपत्नी  हैं लक्ष्मी !  
माँ शारदे गणेश ,    साथ आमन्त्रित लक्ष्मी !!...   तनुजा ''तनु ''                             

Wednesday, November 9, 2016






थोड़ा जोड़ा धन बचा ,  थोड़े का इज़हार !
 कितनी इच्छा लालसा,  मन में लेती मार !!
 मन में लेती मार ,  बचत तब होती भइया !
 रखे ना वो उधार ,    सभी जानत हैं सैंया!!
 कहती तनु ले प्यार,  प्रेम जीवन भर जोड़ा ! 
 अपने हित संसार ,     यही है जोड़ा थोड़ा !!...तनुजा ''तनु ''

Tuesday, November 8, 2016





आपकी याद दिलाता है कोई ;
काँटों के जंगल उगाता है कोई !

आब और आग के इस दंगल में ;
मुझको खींचे लिए जाता है कोई !

साँस घुटती है की नब्ज़ रुकती है; 
बेहोश हूँ मुझको जगाता है कोई !

आसमा ग़मगी ज़मी मरती हुई ;
आइना मुझको दिखाता है कोई !

कर करिश्मा ऐसा निजात मिले ;
अब कहाँ जाता है न आता है कोई !

खींच कर ओढ़ लूँ सिंदूरी चादर ;
मुझको तनहा किये जाता है कोई ! ... तनुजा ''तनु ''




माँ आई द्वार 

पद युगल ले कुमकुम के,  छाप लिये हरबार ;
पैंजनि कंकण करधनी,   कर सोलह सिंगार !
कर सोलह सिंगार ,  माँ की मूरति मोहिनी , ,,
करे पाप संहार ,   सिंह सवार सुख दायिनी !!
मन कलुष भीति हार, जीत कर पा जाऊँ कद !
जीवन का ये सार ,          पूजूँ  तेरे युगल पद !!... तनुजा ''तनु ''




कुमकुम मस्तक पर सजा,  माँग भरा सिंदूर !
घूँघट ओढ़े गोरडी ,          पर साजन हैं दूर !!
पर साजन हैं दूर,       पैंजन छमछम बाजती ; 
राह   निहारे  नूर,       साजन बिन ना साजती !
तड़फत है दिन रैन ,     बिचारी बैठी गुमसुम , ,,,
कजरा बहता नैन ,  सजा मस्तक पर कुमकुम !!... तनुजा ''तनु ''



कुमकुम नभ ढुरकाय के, पहन सिंदूरी ताज;
कलरव गीत सुनाय के,   पवन बजाये साज !
पवन बजाये साज ,         धीमे धीमे डोलती !
सरगम की आवाज़, रवि किरण नयन खोलती !!
हिमकणों को उड़ाय,    हँसते हैं पल्लव द्रुम;
नमामि आदित्याय नभ बिखेर रहा कुमकुम !! .... ''तनु''

Monday, November 7, 2016



शायद


बात बनेगी नहीं अभी शायद ;
वो अदा है नहीं अभी शायद !

मोहब्बत से बचकर कहाँ जाऊँ ;
साहिल मिला नहीं अभी शायद !

अपनी तन्हाई की बात करने दे ;
वो मसरूफ नहीं अभी शायद !

वो कहते मैं प्यार के काबिल नहीं ;
नाज-ओ-अंदाज़ नहीं अभी शायद !

सितम ये , वो मुक़ाबिल है मेरे ;
राज़ कोई  नहीं अभी शायद !

कामिल नहीं जज़्बा-ए -शौक अभी ;
कोई आरजू नहीं अभी शायद !

बिजलियाँ आशियाने पे कड़की ; 
टूट कर ज़र्रा नहीं अभी शायद !, ...तनुजा ''तनु ''





हाय सफेदी धवल सी, काले मन के साथ !
काले धन की पोटली ,     थामे गोरे हाथ !!...''तनु ''

Sunday, November 6, 2016

याद के
 घर जब चले
सब रिश्ते
नए हो चले
इक मीठी सी
लहर ले
कभी मझधार
कभी किनारे
चले ,... ''तनु ''





मनाऊँ मैं उमा सुत को




सजाकर दीप थाली में , पुराकर मोतियों आँगन !
अक्षत रोली मिठाई ले , जला कर्पूर औ चन्दन !! 

तुम प्रथम पूजित सकल देव भी तुमको मनाते हैं !
मनाऊँ मैं उमा सुत को, करूँ पूजन स्नेह सिंचन !!

तुम मयूरेश के भ्राता, तुम्ही हो ज्ञान के दाता !
बिना तुम कैसे हो पाये, कभी भी सार्थक चिंतन !!

चढ़ाकर माल दूर्वा की , करूँ मन वांछना पूरी !
पधारो देव साजो काज, कर जोड़ूँ  करूँ वंदन !!

बनाये भोग मोदक ही, यही अति  हैं तुझे भाते !
लगाओ भोग लम्बोदर, करो अंगीकार अभिनन्दन !!

कमी मुझमें अनेकों हैं,  सदा दुष्कर्म में डूबा !
मलिन मुख मैं गुण विहीना,भवतरा दो मैं अकिंचन !!... तनुजा ''तनु''









Wednesday, November 2, 2016


भागती जिंदगी 


चमकते जुगनुओं की नदी ;
शोर में डूबती ये सदी !
धुआँ धुआँ आसमां के नीचे ,
कुकुरमुत्तों सी पनपती बदी !!

कौड़ियों के मोल है जिंदगी;
 गयी जाने कहाँ बंदगी !
जिसका रस्ता देखती आँखें , ,,,
आस से पाली हुई जिंदगी !!

एक मुट्ठी रेत में गुम हुई ;
लहर ले पाँव पाँव छुई  !
लौट जायेगी फिर कहाँ , ,, 
किनारे को है छूती हुई !!

थिरकती हुई इन लहरों में;
धड़कती हुई  बहारों में !
सजता है कहीं जीवन भी , ,,,
धीमी धीमी चली बयारों में !!

शाम का रंग गुलाल सा ;
सुबह  सिंदूरी लाल सा !
मटियामेट अरमानों में , ,,
दिल को मिले मलाल सा !!

वक्त कब सहलायेगा ;
कब थपकियों सुलाएगा !
घूँट सुकून के इन्तजार के , ... 
फिर कब पिलायेगा !!,,.... तनुजा ''तनु ''


















Tuesday, November 1, 2016





अभी गुमसुम नहीं बैठो,  जरुरत है बधाई की !  
जलाकर प्रेम का दीपक, निभाना प्रीत भाई की !!
मिन्नतों से, बरस इक बाद भाई दूज आई है , ,,,
चले आओ सहोदर तुम, कसम तुम्हे गुसाईं की !!,...''तनु ''




अब पुस्तकों की विदाई कब्र को !
पहुंचा है विज्ञान चलकर अब्र को !!
देखना कहाँ कहाँ तक जाएगा ये , .. 
भूल जाएँगे अब हम तो सब्र को !!... ''तनु ''



रक्षक है वो सरहद पर,    निभाये प्रीत का बंधन !
झुका कर शीश करता है, सदा ही कर्म का वंदन !! 
तिरंगा ओढ़कर वो जिस घड़ी, माँ गोद सोयेगा , ,,
बहारों में रहेगा फिर, बरसता महकता चन्दन !!... तनुजा ''तनु ''





रक्षक हूँ मैं सरहद का ,    निभाता प्रीत बंधन की ,
झुका कर शीश करता हूँ, सलामी  देश वंदन की !
तिरंगा ओढ़कर मैं जिस घड़ी, माँ गोद सोऊँगा, ,,
बहारें बरस फैलाती रहेंगी महक चन्दन की !!...... तनुजा''तनु ''