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Monday, October 21, 2019

इक लम्हा जिंदगी का निशाँ हुआ !

इक लम्हा जिंदगी का निशाँ हुआ !
मेरा ये दिल लगता आस्माँ हुआ !!

दरख्तों पर आ गए परिंदे कुछ !
सबने देखा सुंदर आशियाँ हुआ !!

रखिये सलामत घर की दीवारें !
इन्ही के कारण ये सायबाँ हुआ !!

प्यार से रहिये घर और बाहर !
जुड़कर चलते तभी कारवाँ हुआ !!

प्यार को प्यार से सँवारोगे तो !
तारे उतरें आसमा जहां हुआ !!

खुशियों की बहार आई सुनिये !
कलियाँ हँस रही यही बयाँ हुआ !!

तन्हाइयाँ रूठें तो रूठ जाने दो !
ये जलवा जाने अभी यहाँ हुआ !!... ''तनु''

Sunday, October 13, 2019

चाँद आने तलक सजा मुझको !

चाँद आने तलक सजा मुझको ! 
बहुत खूबसूरत हूँ बता मुझको!!

अक्स कोई सज़ा है या ईनाम !
आइना दे रहा कज़ा मुझको !!

साथ तेरा मुझे गवारा है !
दर्द दे और दे दवा मुझको !!

चाँद की आदत घटना बढ़ना !
बारहा सोचना पड़ा मुझको !!

चाँदनी संग चाँद का जादू !
हर जगह प्यार ले गया मुझको !!         

चाँदनी चाँद से न रूठेगी !
समझते हैं सब तुझसा मुझको !!      

चाँदनी 'तनु' खिली खिली सी है !
शौक से अब बना खुदा मुझको !!... ''तनु"





Saturday, October 12, 2019

परेशान हैं क्या करें

बारिश और बाढ़ से परेशान हैं क्या करें !
बरसा रहा बाढ़ ये आसमान है क्या करें !!

डूब गए हैं नगर, है आयी बाढ़ शहर में !
अब शमशान बन गया हर मकान है क्या करें!!

परेशां हैं कीचड़ से और खुश्क है गला!
डूबा हुआ तन बदन दिलोजान है क्या करें!!

पक्के घरों ने रोका पानी के बहाव को !
खेतों रुका पानी बहे मचान हैं क्या करें !!

दर डूबा हुआ है दरीचा भी डूबा हुआ ! 
सहम गयी हवा डूबे हवादान है क्या करें!!

फूल कलियाँ टूटी सभी किलकारियाँ रूठी !
अब बाढ़ में लाचार बागबान है क्या करें!!

 बन कर के कहर बरसा अब जीना मुहाल है!
 हैरान हिन्दू और मुसलमान हैं क्या करें!!

बुत डूबते रहे औ' शिवाले भी डूब गए !
भगवान पानी पानी, इन्सान हैं क्या करें!!... 'तनु"





गहरी जड़ें

 सरहदें हैं जहाँ नफ़रतें ही नफ़रतें वहाँ !
 पीठ छुरा भौकते ऐसी ही हरकतें वहाँ !!
 कांक्रीट के जंगल में दरख़्त ही ऐसे लगे, ,,
 बोन्साई हैं बेचारे इनकी गहरी जड़ें कहाँ !!... ''तनु''

  सरहदें हैं जहाँ नफ़रतें ही नफ़रतें वहाँ !
  पीठ छुरा भौकते ऐसी ही हरकतें वहाँ !!
  कांक्रीट के जंगल में बिन सायों के दरख़्त , ,,
  बिना पत्ती के ठूँठ उनकी गहरी जड़ें कहाँ !!... ''तनु''





पत्थर पर मैंने लिखी दास्तान तेरे लिए !


पत्थर पर मैंने लिखी दास्तान तेरे लिए !
मैं फिर बन गया हूँ आसमान तेरे लिए !!

कितनी हवाओं थपेड़ों से बचना है तुझे ! 
डूब जाय न तू ये बादबान तेरे लिए !!

देखता हूँ जिसे भी वही चश्मे-नम यहाँ !
पर मेरी इन खुशियों का दान तेरे लिए !!

मन मकीं है मेरा आ के बस जा यार अब !
पड़ा हुआ यहीं खाली मकान तेरे लिए !!

गाँव की जमीन जब रास आ गयी है तुझको !
क्यों बनाऊँ अब नगर में मचान तेरे लिए !!

जो कहता था कल तक, मैं वही सब कहूँगा !
बदलूँगा नहीं मैं ये बयान तेरे लिए !!

दस्तूर है बहारें तो आती ही रहेंगी !
इंतेज़ार में हैं मेज़बान तेरे लिए !!

आसमाँ सी ऊँचाई तू पा लेगा इक दिन !
यूँ भर रहे हैं परिन्दे उड़ान तेरे लिए !!

पलक पाँवड़े बिछाते आसमा ये धरती !
तो अब है नहीं ये पायदान तेरे लिए !!...   ''तनु''







मैं बियाबां को चमन बनाके रखूँगा !

मैं बियाबां को चमन बनाके रखूँगा !
मैं बुझते दीयों को जलाके रखूँगा !!  

तितली औ भँवरे बाग़ के महमान है!  
मैं दुआ दोस्तों की बचाके रखूँगा !!

कोई डाली नाराज़ न होने पाए !
इस बहाने गुलों को सजाके रखूँगा !!

बच्चों सा बहला, दिल नादाँ है मेरा ! 
मैं काग़ज़ की कश्ती बनाके रखूँगा !!

फिसलन बहुत और मैं फिसलूँगा जाना ! 
अब कदम मैं बहुत आज़मा के रखूँगा !!

पढ़ लेते निगाहें ये जमाने वाले !
सभी मन के ज़ज़्बात छुपाके रखूँगा !!

अभी वक्त के मारों की राहें मुझ तक !
मैं आँगन से दर को हटाके रखूँगा !!

मैं इंसा न होता,  क्या पता क्या होता ! 
हुजूरे-ख़ास में सर को झुकाके रखूँगा !!... ''तनु''

Friday, October 11, 2019

लगन कच्ची मिट्टी से लगाना है जरुरी !

लगन कच्ची मिट्टी से लगाना है जरुरी !
सभी के लिए  घरोंदे बनाना है जरुरी !!

जिंदगी में आये तो रोते क्यों रहेंगे !
हँसने के भी बहाने सिखाना है जरुरी !!

खाली हो जेब तो कुछ भी नहीं हो सकता !
भरने को पेट कुछ तो कमाना है जरुरी !!

तू है दीया हवा से लड़ना ही पड़ेगा !
झूठी बात से पर्दे  उठाना है जरुरी !!

मैंने तेरे लिए है नव सूरज उगाया !
तुझे इन अंधेरों को भगाना है जरुरी !!

सागर में सफीनो को चलाने से पहले !
काग़ज़ की नाव मिह में चलाना है जरुरी !!

जिंदगी मौत में जीत किसकी कौन जाने ?
जीने के ''तनु''अंदाज़ सिखाना है जरुरी !!... ''तनु''

Thursday, October 10, 2019

बहुत चले अभी रुको तुम

ओ मेरी आशा और विश्वास के साथी 
ये है मंज़िल तुम्हारी !

बहुत चले अभी रुको तुम ,
ग़म में जले अभी बुझो तुम !
ज़िन्दगी की राह प्यारी अब नहीं संघर्ष भारी !!

हुए गरल के खाली प्याले,
निगले कितने सूखे निवाले ! 
तुम्हारी परख की आ गयी है आज बारी !!

तूफ़ान देखो शांत हो गया,
सबसे बड़ा इंसान हो गया !
पल में जिसने मिटा दी दुखों की सृष्टि सारी !!

मत कभी विश्वास तोड़ो,
बोलता इतिहास पढ़ लो !
मन की कर न पाया हो कोई भी विध्वंसकारी !!... ''तनु''

Tuesday, October 8, 2019

बसंत बीच अटकी साँस ले

बसंत बीच अटकी साँस ले मुरझा रही है ज़िन्दगी !
काया हड्डियों की बन सिकुड़ती जा रही है ज़िन्दगी !!
बिखरे विनाश और दुख के बीच कहाँ ठिकाना पाऊँ , ,,
प्राणों का गीत अधूरा गह गह  गा रही है ज़िन्दगी !!... ''तनु''

जीवन की छोटी छोटी खुशियों से !


जीवन की छोटी छोटी खुशियों से !
कितने स्नेह-समुन्दर लहराए हैं !!

माटी  के इन नन्हे नन्हे दीपों से !
सारे भवन जगमग जगमगाए हैं !!

अंधियारी अमा की रजनी न्यारी !
दीपक झलमल ज्योति झिलमिलाये है !!

मन मरुथल में नव दीपक भावों के !
भाव प्रवण हो सब कुछ कह पाए हैं !! 

जलते कब तक अब ये क्षीण हो चले !
तारक-शशि, दीपक अब बन पाए हैं !!

चरण देख मुग्ध हुई काव्य वाटिका !
कविता के नव प्रसून खिलखिलाये हैं ! ... ''तनु''


ना यह ऊलजलूल कहानी !


सारी श्रमिक की मेहरबानी !
ना यह ऊलजलूल कहानी !!

किसके कारण ये खुशहाली ,
दिन-दिन बढ़ती वैभव-लाली!
हाथों में श्रमिकों के बल है, ,,
देख हथौड़ा, हँसिया, हल है !!

क्या ख़ुदा की महरबानी है,  

ये तो श्रमिक की कहानी है !
ताकत ये इतिहास बनी है, ,, 
सूखी हड्डी ख़ास बनी है !!

धरती के नीचे का सोना,

सागर का कोई भी कोना !
उन्नति पथ के प्रथम चरण को , ,,
सांस्कृतिक सौंदर्य भवन को !!

श्रमिकों के मन से बनता है, 

श्रमिकों के तन से तनता है !
उसने धरा उर्वर बनायी, ,, 
मंजिल मंजिल ईंट चढ़ाई !!

श्रमिकों के मन की क़ीमत है, 
श्रमिकों के तन की क़ीमत है !
धनिक खेलता  सोना चाँदी, ,,
श्रमिक पहनता  सूती खादी!!

अभाव की दुनिया उसकी है, 

रोटी बिन मुनिया उसकी है !
बहुत बड़ी है दुनिया उसकी 
श्रमधारा है मंज़िल उसकी  !!

कोई इनका देश नहीं है,  

काला गोरा भेष नहीं है !
दुर्दम साहस इनमे होता , ,,
कूड़ा-करकट सोना होता !!

श्रमिक का जीवन सबसे अलग , 
भौगोलिक सीमा नहीं विलग !
लहरों से लेकर अम्बर तक, ,,
हरके दैविक-भौतिक संकट !!

ना यह ऊलजलूल कहानी!
सारी श्रमिक की मेहरबानी!!... ''तनु''

Monday, October 7, 2019

अपना लक्ष्य

अभिनव आदर्शों को अपना लो सीख सीख कर, 
जीवन का गीत मधुर गाओ छोड़ कर्कश स्वर !
कल तक बहुत धुँधला-धुँधला था दूर बहुत दूर, ,,
सार्थक होगा अपना लक्ष्य नव आभा से सँवर !!... ''तनु''

समय-बीन पर आस-विश्वास के स्वर बजे,

समय-बीन पर स्वर आस-विश्वास के बजे,
सुनकर सबल स्वर जगत के जीव सगरे जगे !
अनल में तप समेटो मनु प्राण-साहस अमर, ,,
मरण की चिता पर जवानी यों निखरे सजे !!... 'तनु'

Friday, October 4, 2019

तिल ही तो बोये थे !! हुए ये ताड़ कैसे  ??
दिल  तोड़ने के हुए, जाने जुगाड़ कैसे  ??
भाव विहीन चेहरे  कोशिशें है नाकाम ,
इक बुत के लिए कटे, इतने पहाड़ कैसे ??''तनु ''