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Friday, February 28, 2014

गंभीरता से हम हँसे ये हमारा वैराग्य है
नन्हे की मुट्ठी में हँसी ये नन्हे का भाग्य है
घुट्टी में बंद हँसी बीमार की तो दुर्भाग्य है
आप हंसाये हम हँसे ये हमारा सौभाग्य है 

Thursday, February 27, 2014

मुक्तक


हम अब क्यों कयामत की बात करें,
प्यारे लम्हे उन लम्हों की बात करें।
वक्त में ताकत है गुज़र जाने की ,
आओ वक्त को बाँधने की बात करें।  …………… तनु

भोले

मुक्तक 


भोले की निगाह हम पर रहे

भक्त जय जय कार कर रहे
सदा ये कामना रहे हमारी
शिवम् छाया  हम पर रहे

मैं चाँद सितारों से बात कर लूँगा
आई है बहार बहार को सजा लूंगा
तुम  खुद  खूब सजे धजे  रहना
मैं खुदा  को साथ रख लूंगा 

वो आये हैं नज़रें झुकाये हुए
हम  हैं उनके नाज़ उठाये हुए
क्यों अब वो कुछ कहते नहीं
हम ही हम हैं सुनाये  हुए

क्यों आज हैं सुमन मुरझाये हुए
तप्त सूरज पात भी झुलसाये हुए
इन्हे तो है छाँव की दरक़ार
याद उनकी अगन है लगाए हुए..''तनु''





      

दिल की बात




ये तो दिल की बात है,
चेहरा कोई खास है !
हवा बयां कर देती है,
कोई तो आसपास है!!

न कुछ कहने का है,
 न कुछ सुनने का है!
 कुछ न दरम्यां रहता है,
 राज कई खुल जाते है!!
 
खुशबू  कोई उड़ जाती है,
हलका सा मन हो जाता है!
पाँव में पायल बजती है,
सुर होंठों पर सजते हैं!!

शहनाई कहीं बजती है,
 तारों की बारात सजती है!
हम उनके दिल में रहते हैं,
वो हमारे दिल में रहते हैं!!................ 12 11 1979  तनुजा  ''तनु ''

दर्द का आगाज़





दर्द का आगाज़  न ढूँढ ,
आशिकी में ताज न ढूँढ !
मुहब्बत तो हर दिल में जिन्दा है,
मुमताज़ को कब्र में न ढूँढ !!


दीवाने तू पत्थर न खा,
पत्थर को सजा तू बुत बना !
जिस्म में जज्बात ढूँढ ,
बुत में आवाज़ न  ढूँढ !!


मेरी ही तो कहानी है,
आँसुओं की ज़ुबानी है !
दिल में है तूफान ग़ुम,
समंदर में आँसू  न ढूँढ!!


ये दिल की  लगी है,
अंगूठी का नगीना नहीं है !
सब कुछ तो बयां कर दिया तुझे,
अब कुछ भी न राज़ ढूँढ !!....................24  09 1984 . तनुजा ''तनु''


  

Tuesday, February 25, 2014

बेचारगी




पड़ोस में कुण ?
वीने नी  मालम.......
पण ,
फेस बुक रा  ,
दोस्त  होन  ने
स्टेटस रा साथ जाणे..........तनुजा ''तनु'' .... 

जरुरत





 जरुरत ??
 में...
 आम भी खास हुए जाते हैं
काम ?
और ,
काम ?
के लिए मुर्दे भी उठाये जाते हैं। ......... 20  01 2010 … तनुजा  'तनु' 

तोहफा






सोमेश को विवाह की पहली वर्षगाँठ पर 



ऐ  ................

चाँद लेकर भागते हो
वो.
वो तो अब तुम्हारा ही है
अरमानों के उमड़ते समंदर में ,
मोती  हैं उजले धुले
जैसे उस चाँद के पीछे
ढेर से सितारे चले
उठा लो मोती सजा दो तारे
हो जाएँ आसमाँ और समंदर रीते
शुभ आशीष है मेरा
जिंदगी प्यारी प्यारी बीते। ...........05  07  2009 ................ तनुजा ''तनु''

Monday, February 24, 2014

रेफरेंडम




दुखी हो भगवान धरती पे रखना चाहे कदम
सोचने का मौका नहीं,  न करने दे रेफरेंडम
न करने दे रेफरेंडम सोचा आ धूम मचा दूँ
जैसी करनी वैसी भरनी का अर्थ समझा दूँ 
सोच कुछ ऐसा भगवन  मन ही मन मुस्काये          
मौसम के बदले रूप में प्रभु ने दर्शन दिखलाये


एक दिन सर्दी एक दिन गर्मी एक दिन बहार
मौसम में ढाला प्रभु ने  मानव का  व्यवहार
मानव का व्यवहार  देख  बहुत हुए अचंभित
उल्टा पुल्टा बेतरतीब देख हुए  बहुत चिंतित
मानव का बदला व्यवहार देखो कैसी आफत ढाये
दिन दिन दूना बदला मौसम  सबको  खूब रुलाये, ,,''तनु''





Sunday, February 23, 2014

ये उदासी





ये उदासी क्यों ?
छोड़ो इसे.…
हँसी  ख़ुशी जीवन जियो ,
कारण  जो भी हो.
हाथों की लकीरों से बात
 करना नहीं उठो , उछलो,
 उछल कर...
आकाश छू लो ,
ये अधिक ऊँचा नहीं  ……………तनुजा ''तनु''

या उदासी




फिर से मालवी में 

 या उदासी क्यों ?
छोड़  ईने ,
हँसी खुसी जिनगी बिता ,
    कारन!!!
कई वे  या नी
हाथां  की  लकीरां
     से,
 वातां करनी  नी
उबो वे उछली पड़
   अगास!!!
यो अगास  वत्तो  ऊँचो नी  ................ तनुजा ''तनु ''

Friday, February 21, 2014

टिकट ,,''मालवी ''

टिकट ,,''मालवी ''


टिकट मिलवा री  होड़ हे , कुण कणी दल रा साथ !
बई रया हे   गंगा जी , चाली ने धोइलाँ हाथ  !!
चाली ने धोईलाँ हाथ जीती ने वण जावाँ नेता !
 शायर कवि वकील ने  आम ने अभिनेता !!
करजो  एसो काज के देस वई  जाए महान !
पाप कपट रे कारणे जले नी कणी की  जान !!.. ''तनु''

Thursday, February 20, 2014

फेसबुकिया फाग

फेसबुकिया फाग 
मित्रों आपने  होली के कई रंग देखे होंगे अब देखिये फेसबुकिया फाग …क्या  कोई ले गया . क्या कोई दे गया देखिये फागुन फेसबुक संग..             

पड़ोस 
पड़ोस में मेरे कौन है ?
मैं नहीं जनता हूँ
पर फेस बुक
के दोस्तों को 
स्टेटस सहित पहचानता हूँ 


दोस्त 
दोस्त कितने ?
फालोअर्स कितने ?
नाम के 
या काम के

स्टेटस 
स्टेटस पर जाँ देते यूँ 
मानो दोस्त ही हो  
पर ,
पर वही दोस्त गर  
सामने 
 आजाये तो 
उसको निहारते 
खीसे निपोरते क्यूँ  

स्टेटस 
कमेंट्स तो होते 
ऐसे 
ज्यों तकिया (स्टेटस )
रुई रुई हुआ 

फोटो देखकर लगे 
नथुने फुलाती 
 फुफ्फकारती
भैंस 
पर सुंदर  कहो  



मैं मन मसोस
कर रह गयी 
अपनी कविता 
 किसी और ने  कॉपी की  
और वो ढेर लाइक  (like )
ले गयी 


वातायन  

timeline के वातायन से 
आया भ्रमर दोस्त 
डंक मार दोस्ती का 
कर गया बेहोश
ले गया कापी कर 
मेरी 
कविताएँ। 


इल्ली  

इल्ली ?
इल्ली  हाँ  इल्ली 
जिसे बोलते हो वही 
है इल्ली (  जिसे टैग करते हैं )
बिचारी 
तिनके के सहारे से उठाते 
  हैं न  उसे
लड़खड़ाती गिरती 
गिरती फिर भी न गिर पाती  
और हो जाती 
क्या ?
   टैग


कोई 

कोई घूम फिर कर 
आँगन से कमरे 
कमरे से कमरे  
और 
सीढियाँ चढ़ छत पर 
चला गया 
बचाना , बचना 



छींटे 
 छींटे कैसे 
उड़ते ?
टैगियों की  टोली ने 
छतरी जो तान दी थी 

छत्र छाया 
दस की  छात्र छाया में 
एक 
टैगी चला 
जिन्हे साथ लेकर चला 
उन्हें लाइक  like  लगाना भूल गया 


पोस्ट 

अपनी पोस्ट की 
 झूलती 
 लड़खड़ाती 
 बलखाती पतंग 
को बेलेन्स करना  है 
 तो  टैग करना ही है  
उड़ेगी झक्कास  

group 

आठ हज़ार का group 
पोस्ट आठ 
कमेंट्स तीन 
लाइक  एक। .. ''तनु ''

Monday, February 17, 2014

आओ शहर गन्दा करें



आओ शहर गन्दा करें 

बिना हींग फिटकरी के रंग हमारे हाथ,
बर्बादी के अभियान में सदा आपके साथ ! 
सदा आपके साथ. कहो कहाँ गंदगी फैलाये! 
काला करदे कालिख को सफाई नज़र न आये!! 
कहे तनु कविराय हम सदा के जागीरदार ! 
पानी भरते घर हमारे सारे जहां के ठेकेदार !! 

फिटकरी बिना हींग के, रंग हमारे हाथ,
बर्बादी अभियान में,  सदा आपके साथ! 
सदा आपके साथ,      कूड़ा फैलाये कहाँ,
जगह ना बचे साफ़ कहीं भी यहाँ औ वहाँ !!
मैं सज्जनता छोड़, बनूँ आँख की किरकिरी, ,, 
हो जाओ बेरंग, बिना ले हींग फिटकरी !!.. ''तनु''





नेता बनो तो ऐसे



कुण्डलिया जैसा छंद 


टिकिट टिकिट की होड़ है, कौन किस दल के साथ,
बहती गंगा  कोई भी ,                  आय धोइलो हाथ,
आय धोइलो हाथ ,       जीत के  बन जाओ नेता 
 शायर कवि आम जन    वकीलऔर अभिनेता।
 और करो कुछ ऐसा काज के देश बने महान ,
 झूठ कपट के कारण जले न किसी की जान। ...  तनुजा ''तनु'' 



नेता बनो तो ऐसे

 होड़ हो रही जीत की ,  ये किस दल के साथ,

 बहती गंगा कोय भी ,        आय धोइलो हाथ!
आय धोइलो हाथ ,            नेता बन कर जीत के,
 चाहे कोई जात ,            अभिनेता अभिनीत के !  
 कर के ऐसा काज,            जो महान बेजोड़ हो !
 झूठ कपट को छोड़,      सच्ची राह की होड़ हो!!… तनुजा ''तनु''

Sunday, February 16, 2014

छत्तीस का आंकड़ा और निनानवे का फेर





कभी-कभी भगवन रचे , जीवन में कुछ ख़ास।
अंक  छत्तीस जो  मिले, तो कर न मन उदास।
तो कर न मन उदास,   निभा सारा जीवन लें ,
फल जनमों का सात , ले लें इक ही जनम में        
निखर निखर बन जाय साइंसदान और कवि
मनुज के माननीय,     सज्जन बन जायें कभी

निनानवे के फेर में,      उलझ गए इक बेस !
उलटी गिनती हो गयी, लगी न बिलकुल देर!!
लगी न बिलकुल देर, सोचा होगी हताशा ,
होगा पूरा काम ? अब तो मिलेगी निराशा ,
काम होते सबेर,          बड़े यत्न से बावरे !
न आँकड़ा छत्तीस ,    ना फेरता निनानवे !!…तनुजा  ''तनु'' 24 -07 -1980




आगया   2014   लीजिये नववर्ष की मंगल कामनाएं ।    इस बार हम ये जानेंगे कि आपकी जन्म पत्रिका के लग्न के हिसाब से 2014 में राहु और केतु का प्रभाव कैसा होगा ? 13 जुलाई 2014 से आगे आने वाले अठारह महीने और सारे लग्न प्रभाव।

राहु और केतु के प्रभाव
 जैसा कि सब ये जानते हैं कि राहु सर है और केतु धड़ यानि राहु सिर्फ दिमाग और केतु बिना सर वाला मतलब कि जिसका  दिमाग और आँखे भी नहीं।  इनके काम भी वैसे ही सिर्फ सर वाले और सिर्फ धड़ वाले।  कहा ये गया है कि राहु शनि वत् और केतु मंगल की  तरह इंसान पर प्रभाव दिखाता है। यह भी सब जानते हैं कि ये दोनों छाया ग्रह हैं. 2014 में राहु  कन्या राशि  में जायेगा। कन्या  राशि राहु की उच्च की राशि है। राहु जिस किसी भी राशि के साथ होता है तो ये उस राशि के लिए अच्छे से  अच्छा प्रभाव दिखाने की  चाहत रखता है। फिर चाहे वो व्यक्ति टीचर हो,  राजनेता हो,  अभिनेता हो , कम्प्यूटर प्रोग्रामर हो, या  डॉक्टर हो।
क्या है ये कन्या राशि 
 कन्या राशि है स्वास्थ्य और हीलिंग, बीमारी को ठीक करना और  कैसे अपने आप को ठीक रखना। सिम्बल  क्या है (कन्या राशि  एक लड़की नाव  पर अपने हाथों में जड़ीबूटी और गेहूं लिए हुए )   जागरुकता  और स्वास्थ्य  ये हमारे समझने के लिए। कन्या राशि का स्वामी है बुध जो कि बहुत आलोचनात्मक है तुलनात्मक है तर्कशील है दूरतक सोच रखने वाला है।  ये बताता है तर्क क्यों सही है, ये न्याय से राह रखता है। इसीलिए बुध तर्क में जीतता है हर बात या जिस बात का तर्क दिया जा रहा है वो सही है या नहीं,  इसीलिए कन्या राशि साइन  है वकील का विवाद का तर्क का ,वकील अध्ययन करता तर्क पूर्ण तरीके  से विस्तृत रूप  से जज के सामने पेश करता है।अब  जबकि  राहु कन्या  राशि में है तो ये आव्हान करता है मनुष्य की  उस सोच शक्ति को  कि  शरीर को , स्वास्थ्य  को कैसे ठीक रखें। बहुत से व्यक्ति अपने स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए कुछ हटके , कुछ अलग, दूर दूसरा कुछ करने के लिए सजग होंगे क्योकि  राहु हर वो बात चीज जो परंपरा में  हो पसंद नहीं करता वह पसंद करता है कुछ अलग कुछ हटके।राहु करता है नियमों का उल्लंघन। यहाँ बुध के साथ कन्या राशि में ये अच्छा  खाओ स्वस्थ रहो लेकिन अगर ठीक नहीं हो तो डाक्टर के पास जाओ इलाज करवाओ।  यहाँ राहु कहेगा न बाबा न मेरे पास ठीक होने के और भी दूसरे समाधान है जैसे रैकी  है   आयुर्वेद है छूकर  हीलिंग है होम्योपेथी है ये सब है। इस प्रकार की  शक्ति  राहु आव्हान करता है उन उन घरों में जहाँ पर की आपकी  पत्रिका में राहु है..
अब केतु के बारे में जान लेते हैं ;   केतु गया है मीन राशि में यहाँ ये बहुत शांत ऐसा लगता कि जैसे सो ही गया हो यहाँ इसके पास कुछ काम नहीं है करने को मेष से लेकर कुम्भ राशि तक हर घर में वो एक सैनिक तरह लड़ता चला आया है क्योंकि  ये मंगल के जैसा व्यवहार करता है और मंगल सैनिक है ,अब मीन राशि  में आकर वह निश्चिन्त होकर आराम कर  रहा है. इस प्रकार आपकी पत्रिका  में केतु जिस जगह भी है यानि जिस घर में है  वह कोई मतलब नहीं रखता  कि क्या कुछ हो रहा है उस घर के साथ अच्छा हो रहा है या बुरा उसे कोई मतलब नहीं ।
मेष लग्न----आइए  अब जानते हैं कि अगर आपका मेष लग्न है तो क्या होगा ? यदि मेष लग्न है तो राहु छठे घर में और केतु बारहवें घर में होगा। यहाँ ये दैनिक दिनचर्या में होने वाले कार्यों आपके व्यवहार का आलोचनात्मक और तर्क से विश्लेषण करके आपके काम को सही दिशा देगा  चाहे देश में चाहे विदेश में राहु  हर बाधा दूर करके काम आसान करेगा छठा घर बीमारी और दुश्मन का है यहाँ राहु बहुत चतुरता से रास्ते ढूंढ  लेगा आपको स्वस्थ रखने के , दुश्मनों से,  बाधाओं से बचने के कई रास्ते बनाकर आपकी मदद करेगा क्योंकि राहु का काम यहाँ मास्टर बन के ये सब करना है।  दूसरी और बारहवें भाव में केतु व्यक्ति जानता है  कि  वो आध्यात्मिक है पर अभी मुझे उसकी जरुरत नहीं।  मैं सब जनता हूँ आध्यात्म के  बारे में ,  मैं जैसा चल रहा हूँ ठीक है  ।

वृषभ लग्न ---- दूसरी राशि है वृषभ इस लग्न में राहु पांचवे घर में और केतु ग्यारहवें घर में प्रभाव इस प्रकार रहेगा वृषभ लग्न वालों  का सारा ध्यान अपने बच्चों पर केंद्रित हो जाएगा बच्चे क्या कर रहे हैं वे पढ़ रहे हैं या नहीं उन्हें क्या करना चाहिए और अगर वृषभ लग्न वाले खुद ही पढ़ाई करनें वाले हैं तो उस पर ध्यान देंगे अपने करियर पर ध्यान देंगे। और जो राजनीति में दखल रखते हैं वे आलोचना करते पाये जायेंगे  उसमें भी  चाहेंगे  दूसरी और केतु ग्यारहवें घर में व्यक्ति के नेटवर्क सर्कल की  परवाह नहीं करता दोस्त कैसे है ?  क्या कर रहे हैं ?  कुछ नहीं उसके खुद के बड़े बच्चे क्या कर रहे हैं ?  कोई बात नहीं व्यक्ति चाहे न चाहे  लाभ होता  रहेगा।क्योंकि यहाँ सारा ध्यान बच्चों शिक्षा  राजनीति अपना करियर खुद का सृजनात्मक व्यवहार  और अगर अभिनेता है तो अपने अभिनय को निखारने के बारे में सोचेगा।

 मिथुन लग्न ----अब मिथुन लग्न की  बात करते हैं इस लग्न में राहु चौथे घर में और केतु दसवें घर में ये प्रभाव दिखायेगा मिथुन लग्न के व्यक्ति अधिक से अधिक अपने घर की ओर ध्यान  देंगे चाहे फिर वो अपना फिजिकल घर यानि ह्रदय पेट हो या फिर वो घर जिसमें कि वे रहते हों.  वे चाहेंगे कि घर व्यवस्थित हो साफसुथरा हो हाँ यहाँ वे अपनी माँ  की ओर भी ध्यान दे पाएंगे।  वे अपने छाती पेट अंगों की  विशेष तवज्जो देंगे।इसमें केतु दसवें घर में  कर्म को दर्शाता है उसके लिए वे कोई वाद विवाद नहीं करेंगे  उनके लिए मिथुन राशि वालों के लिए  ये इसबार सिर्फ और सिर्फ अपना शरीर अपना घर  महत्व्  रखेगा वे ऑफिशियल वर्क की  ओर  ध्यान नहीं देंगे।

कर्क लग्न ---- अब कर्क राशि के लग्न में  राहु तीसरे घर में भाग्य के घर में  आध्यात्मिक रूप से रह रहे केतु की दृष्टि में बहुत ही सुन्दर तरीके से  राहु अपना तीसरे घर में रहते हुए अपना काम करता है और  वो काम है अपने पास -पड़ोस , घर -परिवार , छोटी यात्रा , कोई सृजनात्मक कार्य , अपने भाई बहनों से रिश्ते , कोई काम कैसे कलात्मक तरीके से हो सकता है यहाँ राहु देता हे साहस बहादुरी तीसरा घर बिलकुल निकट के रिश्तों का परिबोध करता है उनके काम परफेक्शन से करता है राहु और नवें भाव में बैठा केतु इस राहु के काम को सहज होने देता है..

सिंह लग्न ----अब सिंह लग्न में राहु का प्रभाव यहाँ राहु दूसरे घर में और केतु आठवें घर में विचरण करेगा यहाँ दूसरे घर में राहु ये घर जो कि धन कुटुंब और गले से सम्बद्ध है राहु विश्लेषक के रूप में सही तरीके से वित्तीय समस्या निपटाएगा  धन का संयोजन करना चहेगा और गले का इंफेक्शन टांसिल्स   दाँतों  की  देखभाल  चेहरे की  देखभाल करेगा कुटुंब के लिये भी सही सोच रखेगा।अचानक धन बनाने के नए विचार भी दिमाग में आ सकते हैं। इसके विपरीत केतु कोई गूढ़ बात नहीं रखेगा।  विषय कि गम्भीरता विश्लेषण को भी जाने  दीजिये   वो भी मीन राशि के कारन ठन्डे दिमाग का होगा।

कन्या लग्न ---- अब आया कन्या लग्न इसमे व्यक्ति अपने शरीर के लिए मैं कैसा हूँ मोटा कहीं मेरा वजन तो बढ़ा नहीं रहा कहीं मैं अधिक दुबला तो नहीं इस लग्न वालों के लये ये सही समय है खुद को देखने का सातवें घर में केतु निर्लिप्त है अपने व्यापार भागीदारी अपने पति या पत्नी की  तरफ से बिलकुल लापरवाह शांत।ये आपकी ओर ध्यान  देंगे अठारह  महीने के इस अंतराल के बाद जबकि केतु और राहु का ये समय इन घरों पर से निकल जायेगा समय बीत याएगा।

तुला लग्न ---- तुला लग्न के लिए राहु बारहवे  घर में और और केतु छठे घर में इस समय इनमें ये बदलाव आएगा कि ये अचानक विदेश जाने की सोच सकते हैं अचानक से उनमें स्पिरिचुअल भावना जाग सकती है वे इसके सम्बन्ध में  यात्रा  भी कर सकते हैं।  स्पिरिचुअल हीलिंग के लिए , अब जबकि तुला लग्न है तो ये आगे किसी नए व्यापार काम के सिलसिले में भी बाहर जा सकता है क्यों कि लिब्रा लोग बड़े ही जागरूक होते हैं इस बारे में। केतु को भी छठे घर में दैनिक दिनचर्या कैसी है काम कैसा हो रहा है हो भी रहा है या नहीं  कोई बात नहीं राहु के साथ चल पड़ो बस।

वृश्चिक  लग्न ----अब वृश्चिक लग्न कि बारी वृश्चिक लग्न में राहु ग्यारहवें घर में और केतु पांचवें घर में रहेगा यहाँ ये विदेशी नेटवर्क सर्कल बनाएंगे दोस्त जो लाभ दे विदेश के द्वारा हर दोस्त और ऐसे भागीदार का अच्छी तरह से जजमेंट कर लिया जायेगा कि कौन कहाँ कैसे लाभ प्रद है ये यहाँ अपने पैरों खास तौर  पर अपने घुटनों की   देखभाल पर ध्यान  देंगे पांव पर खास ध्यान दिया जायेगा केतु पांचवें घर में अपने बच्चों पेट पिता किसी की ओर भी ध्यान न बस लाभ कैसे बढ़ाएं ये देखेगा।केतु कहता है मुझे तो देखना है कि कैसे अधिक धन बनायें अधिक से अधिक सर्कल बढ़ाया जाये लाभ कैसे ज्यादा से ज्यादा हो।

धनु लग्न ---- अब धनु लग्न कि बात करें धनु लग्न में राहु दसवें घर में और केतु चौथे घर में रहेगा।  राहु इस घर में बड़ा करियर ओरियंटेड रहेगा और ऊँचे स्टेटस की  भूख इनको रहेगी कोशिश करेंगे कि और  और  पाएँ  अपने ऊँचे ओहदे के लिए कटिबद्ध रहेंगे छठे घर जैसे ही दसवां घर भी को  वर्कर्स के लिए होता है को वर्कर्स को साथ लेकर चलते ऊँची अभिलाषा लिए यहाँ चौथे घर का केतु अपने घर को न देखकर    परिवार घर  माँ   की परवाह न करके सिर्फ दसवें घर की  सहायता करेगा। करियर को लेकर अगर परिवार को अनदेखा करना है तो है।

मकर लग्न ----मकर लग्न में राहु नवें घर में और केतु तीसरे घर में होगा यहाँ राहु होगा उच्चाभिलाषी अपने आध्यत्मिक अध्ययन  के लिए  तो  राहु यहाँ सहायता करेगा मास्टर्स और डॉक्टररेट  की  पढाई में जो पढ़ रहे हैं वे मन लगाकर पढ़ेंगे। अगर कोई पढने वाला है तो ये अपने गुरु की उपदेशकों का आलोचनात्मक तरीके से   विश्लेषण करेगा। विभिन्न धर्म और संस्कृति से सम्बंधित अध्ययन और यात्रा भी कर सकते हैं इस लग्न वाले व्यक्ति।वहीँ तीसरे घर में केतु अपने आसपास को बच्चों को भाई बहनों को नज़रअंदाज़ करके सिर्फ और सिर्फ राहु कि मदद करेगा  उच्च अध्ययन के लिए यात्रा के लिए अन्य धार्मिक अध्यात्मिक कार्यो के अध्ययन के लिए..

कुम्भ लग्न ----अब कुम्भ लग्न की  बात करें  इस लग्न में राहु आठवें घर में और केतु दूसरे घर में होगा। जीवन की  गहरी जिज्ञासा में गूढ़ता में स्वास्थ्य  में  धन बनाने जोड़ने में और संयुक्त सम्पत्ति की  देखरेख में सूझ बूझ से कदम उठाएगा।स्वास्थ्य से संबधित  जागरूकता  मेष कन्या और कुम्भ लग्न वाले व्यक्ति  2014 में  विशेष जागरूक रह पाएंगे। समुद्री यात्रा या समुद्र कि तरफ रुझान बढ़ेगा। और केतु सदा की तरह।

मीन लग्न ----अंतिम लग्न है मीन लग्न मीन लग्न में राहु सातवें घर में और केतु पहले घर में यहाँ केतु अपने प्रति लापरवाह।।। मैं क्या हूँ बढ़िया हूँ खुश हूँ.  अधिक ध्यान देगा अपने स्पाउस की तरफ अपने व्यापार में काम करने वाले भागीदारों की  तरफ। ये समय वकील  डॉक्टर्स  के लिए बेहतर रहेगा।
तो ये 2014  में सभी लग्नों के लिए राहु और केतु का प्रभाव  ....    

Saturday, February 15, 2014

जुगल बंदी





कहते हैं जुगल बंदी में तीसरा वाह वाह करता है
कभी वो  मुस्कुराता है तो कभी वो आह भरता है
चाहिए दाद  देने वाले भी इस जमाने में सबको 
तभी तो मंच पर जा कोई कोई शहंशाह बनता है। ……तनुजा  ''तनु ''

बुहारूँ






 मैं गर झूठा हूँ तो बुहारूँ अपने झूठ को,
 कल आयेंगे  पात हरे सूखे हुए ठूँठ को !
 साँच की आँच बहारें ले आएँगी जग में , ,,,
 कहलाऊँ नीलकंठ पीकर कालकूट को !!.. ''तनु''

सत्य




एक फूँक से सत्य को उड़ा दोगे तुम,
ग़लतफ़हमी कि खुद को दग़ा दोगे तुम।
ये राख के नीचे दबी एक चिंगारी है ,
बुझ पाएगी कैसे ?? सत्य को समझोगे तुम .... ''तनु''

Wednesday, February 12, 2014

काग़ज़ की चकरी



काग़ज़ की 
 चकरी का चक्कर,
चले हवा से बेहतर
बेहतर ,
जब चलती हवा लगाता.
 चक्कर ,
पे चक्कर..
रंग बिरंगा कई रंगों में ..
उलझता उलझाता,
अटकता अटकाता,
भटकता भटकाता,
मन बच्चों का ..
रुक रुक   जाते बच्चे .
देख    निरखते बच्चे
कैसे घूमा  ? कैसे घूमता ?
 कैसे चलता ?
ये कागज़ का चक्कर ?
  जैसे हवा चलाती इसको .
वैसे चलता जीवन .
तेज़ हवा में     खुश हो घूमता ,
रूकती हवा    रुक जाता,
घूमता तो ख़ुशी है देता  ……
 रुकता तो रुलाता ,
सुख दुःख,
 दोनों  मानव के…
 आँगन …
 आते जाते रहते ,
 दोनों की  है रचना करता  …
 ऊपर वाला दाता। ......................  तनुजा  'तनु'     

नाम न दो




हमने देखी है स्पोर्ट्स सेलिब्रिटी  की बिकाउ कीमत..
खेल को खेल ही रहने दो कोई नाम न दो... 
खेल कोई अभिनय नहीं ,
खेल नौटंकी नहीं .. 
एक जज़बा है जो हर दिल बहा करता है ,
न ये बिकता है न बाज़ार में नीलाम ही हो पाता है .
खेल बिकाउ नहीं ये रूह से महसूस करो ,
खेल को खेल ही रहने दो कोई नाम न दो ......''तनु''

Tuesday, February 11, 2014

ऐसे चलना है






बन दीपक अब जलना है
तुम्हे तो ऐसे चलना है।


चट्टानों पर नींद कहाँ है ?
फूलों वाली सेज कहाँ है ?
पर्वत अटल है लावा दिल में ,
चैन कहाँ किसी मंज़िल में ,
शीतल सुगंध हो बहना है ,
तुम्हे तो ऐसे चलना है।

कठिन राह है मंज़िल दूर ?
कंटक पत्थर हैं भरपूर ?
लालच करके छाँव दरख्त की
कभी रुक न जाना तुम ,
संकल्पित हो लक्ष्य ठान कर
अब तो आगे बढ़ना हैं 
तुम्हे तो ऐसे चलना है।

फूल हरषाये मन भरमाये  ?
आँधी पतझड़  रोके भटकाए ?
पथिक हो पथ से न डिगना ,
दीया बन सबको राह दिखाना ,
बन दीपक अब जलना है
तुम्हे तो ऐसे चलना है।               तनुजा ''तनु''   03 -07 -1972


Thursday, February 6, 2014

बसंती बयार





बसंती बयार 

बसंती बयार ,

लो आई बहार।
  धरा  हंसी हंस दी यूं,
उपासना पर्व  !
उत्तरायण सूर्य !!
जाड़े की  ठिठुरन,
 ख़त्म हुई,
नई ,
अंगड़ाई ले।
प्रकृति दे रही सन्देश।
 देखो !
 पतझड़ बीता ,
फूटे शिशु कोंपल !
कूकी कोयल !!
बौरे आम महक बहक ,
 हल्दी चना ,
  सरसों गेहूं ,
 श्रृंगारित भू !
 कर वंदन !!
चरण छू !!!  
 बसंती बयार 
लो आई  बहार   15 -2 -1978