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Thursday, April 30, 2020

अपने श्रम को साधकर, पाते हैं हम मान!

श्रमजीवी कितने यहाँ, अलग अलग हैं काम !
जैसे जैसे काम हैं,                 वैसे वैसे दाम !!

छाया तम चहुँ ओर है, उठा खूब आतंक !
दीन और लाचार को, कौन बिठाये अंक !!

अपने श्रम को साधकर, पाते हैं जो मान!
श्रम कोई छोटा नहीं, श्रम का हो सम्मान!!

श्रम पूँजी ताले लगी, श्रमिक हुए बदहाल!
 भूलेगा कैसे जहां,  कोरोना है  काल!!

अपने ही घर में हुए ,  कैसे बेघरबार!
कोरोना की जीत है,श्रमिकों की है हार!!

छाया तम चहुँ ओर है, उठा आतंक धूम!
दीन और लाचार ही, होता है मज़लूम!!

जिन श्रमिकों के काम से, हमको है आराम!
आभारी उनका रहूँ , नहीं लगाऊँ दाम!!... ''तनु''






Wednesday, April 29, 2020

अपने किये का मलाल कैसे हो,

अपने किये का मलाल कैसे हो,
बोलो क़ाबू में हाल कैसे हो?

क़ैद में हैं सभी ज़रूरत की,
ग़ुरबत में रोटी दाल कैसे हो ?

स्याह रंगों घिरी यहाँ दुनिया,
रंग काला गुलाल कैसे हो ?

जिन सवालों हों, नज़रें नीची,
अब उसी पर सवाल कैसे हो ?

चाह कैसी लगी तुम्हे कहना, चलते रस्ते बवाल कैसे हो ?

यहाँ नक़्ली सभी नक़्ल करके,
सादे अल्फाज कमाल कैसे हो ?

जो उमंगें रवानगी खो दें ,
उन तरंगों उछाल कैसे हो ?

कहते हो ? अपना ख़्याल रखना तुम,  
सिर्फ कहकर, सम्हाल कैसे हो ??.... ''तनु''

Monday, April 27, 2020

फलक आज ये, फलक़ सा लगा !

फलक आज ये, फलक़ सा लगा !
बदलती है दुनिया, शक़ सा लगा !!

नदी कह रही तला तुम झाँक लो !
दरपन की तरह दकदक सा लगा !!

देखो पंछी और देखो चमन !
हँसता है कैसा उफ़क़ सा लगा !!

रोते इंसा खुश कायनात है !
डर दिल ये करे धक धक सा लगा !!

शोखियाँ गयी, आँखों में आँसू !
इक ही पल में सब नरक सा लगा !!

सब कहते, तुम ध्यान अपना रखो !
बचा रही अँखियाँ, पलक सा लगा !!

हक़ीक़त की कहानी है ये ''तनु'' !
सीखा खुद ही ये सबक़ सा लगा !!... ''तनु''

Sunday, April 26, 2020

इतनी क़ुरबत में पली क्यों ज़िन्दगी!

इतनी क़ुरबत में पली क्यों ज़िन्दगी!
फिर तबस्सुम सी खिली क्यों ज़िन्दगी!!

बाग़ के फूलों में छाई उदासियाँ !

फिर अचानक से तितली क्यों ज़िन्दगी!!

एक दिन खुशियाँ लुटाने चल पड़ी!

ले के ग़मगीनियाँ खली क्यों ज़िन्दगी!!

कोई कहता फूल सी है जिंदगी
नुचती कलियाँ अधखिली क्यों ज़िन्दगी

बानगी है दर्द की कोई कहे !
थेगलों पैबंदों सिली क्यों ज़िन्दगी!!

एक उजली सी किरण के वास्ते!!

देती दिखाई धुंधली क्यों ज़िन्दगी!!

जिंदगी फिर जिंदगी के रूबरू !

उड़ती फिरती मनचली क्यों ज़िन्दगी!!

ख़ार के बिस्तर थे मीठी नींद थी!

चुभती रही मखमली क्यों ज़िन्दगी!!

जनम माटी, मरण माटी, साँच है !
जीते जी फिर गली क्यों ज़िन्दगी !!... ''तनु''

ख़ामोशी यूँ गूँजने मत दीजिये!

ख़ामोशी यूँ गूँजने मत दीजिये!
मौसमों को रूठने मत दीजिये!!

बेज़र बेज़ुबान का दर्द समझिये !
इस तरह झूठ झूलने मत दीजिये!!

यूँ हमेशा ही अदावत क्या करना!
बात अच्छी भूलने मत दीजिये!!

आज पास बैठकर मुस्कुराइये !
बेवजह मुँह फूलने मत दीजिये!!

शुक्रगुजार हो जाइये जिंदगी के!
बेदर्द उदासी घुलने मत दीजिये!!

एक फ़ाक़ा फ़िक्र करके कीजिये !
बेकार ''तनु'' बदन फूलने मत दीजिये !!... ''तनु''







Saturday, April 25, 2020

खूबसूरत एहसास जगाने का शुक्रिया

खूबसूरत एहसास जगाने का शुक्रिया!
जिन्दगी सुन तुझे प्यार बढ़ाने का शुक्रिया!!

सच हुए अरमान भी और झूमता है मन!
कंटकों को फूलों सा बनाने का शुक्रिया!!

हद और सरहद के बीच उलझ गया हूँ!
बेहद है जिससे, प्यार बढ़ाने का शुक्रिया!!

सोच में भी तू है समझा हूँ मैं तुझको ही!
नीव में समाकर, गुंबद बनाने का शुक्रिया!!

रोम रोम में तू है और साँस साँस तेरी!
मक़सद मेरी मुस्कान,बनाने का शुक्रिया !!

कस्तूरी उगी आँगन, बढ़ी और महकेगी!
फूल फूल खुश्बुएँ, बढ़ाने का शुक्रिया!!

मौजूद है तू नन्ही किलकारियों में दाता !
मुस्तक़िल गूँज, अनहद बनाने का शुक्रिया !!.. ''तनु''

पटरियाँ

ये मेरी निश्चिंतता,   हर पल का है साथ
कितनी भी हों दूरियाँ, एक हमारा पाथ

भार ढोती दुनिया का , करती हूँ व्यापार
कहो कहाँ हैं दूरियाँ , एक किया संसार

हर दम मैं निश्चिंत हूँ, हर पल तुम हो साथ
कितनी नापी दूरियाँ,   छूटेगा ना पाथ 

मेरी तेरी  प्रीत का, कहीं नहीं आधार
संग संग तेरे चली, कभी मिला ना प्यार

पटरी पर ही प्रीत है , पटरी पर ही बैर 
पहुँचो जब गंतव्य तो ,आप मनाना ख़ैर 

पटरी पटरी प्रीत है , पटरी पटरी बैर
मैं मिलाती जहान को, खूब कराती सैर 

माँ जाई हम बेटियाँ,        दूर बहुत ससुराल !
मिल कर भी हम ना मिली, भाग लिखे हैं भाल !!... ''तनु''

Tuesday, April 21, 2020

ख़बर कहाँ रखता है चाँद मेरे इरादों की !

ख़बर कहाँ रखता है चाँद मेरे इरादों की !
भूल ही गया वह तो बात अपने वादों की!!
मैं अर्ज़मन्द हूँ तो मैं याद दिला दूँ उसको, ,,
अज़ल वो ही और चाँदनी मुलाकातों की!!.... ''तनु''


दोष क्यों ढूँढना नाकाम नुक्ताचीं में

दोष क्यों ढूँढना नाकाम नुक्ताचीं में !
और भी रंग मिलते हैं आसमानी में !!

जिंदगी तू दे दिलासा इस उदासी में !
ढूँढ लूँगा मैं सुकूँ भी इस आज़ादी में !!

मुकम्मल सी कट गयी यूँ जिंदगी मेरी !
अंजुमन जो महकता उसकी निशानी में !!

बंद आँखों से ये दुनिया देख ली मैंने !
साथ तू ही तो रहा मेरी बे-नियाज़ी में !!

ओट आँखों की बड़ा है वो रहबर बहुत !
चूक ना हो जाये मुझसे बे-इहतियाती में !!

बाँह पकड़ी है साथ ''तनु'' निभाना होगा !
उम्मीदें गुम ना हो जायें बे-इख़्तियारी में !!... 'तनु''

कोई आवाज़ लगाए तो राब्ता रखना !

कोई आवाज़ लगाए तो वास्ता रखना !
मुड़ के देख लेना थोड़ा राब्ता रखना !!

फ़ितरत किसी की भी कौन भूलेगा !
याद करे याद आये तो दास्तां रखना !!

माना दिल को समंदर बनाया तुमने !
फिर भी लहरों को आहिस्ता रखना !!

कोशिशें मुहीत करने की अभी न करो !
पाँव ज़मीन पर ही जमा आस्तां रखना !!

हथेली तुम्हारी में रेखा किसी और की !
सबके दिल में समाने का रास्ता रखना !!

रंग कोई कच्चा भी कोई पक्का भी है !
''तनु'' प्यार के रंगों से ही वास्ता रखना !!... ''तनु''

Monday, April 20, 2020

आया कोई एक हक़ीक़त लेकर !
अच्छे अन्दाज़ की अक़ीदत लेकर!!

मुख्तलिफ़ सी बात भी समझी ऐसे !
छलक गयी ख़ुशियाँ भी निय्यत लेकर !!

शुबह क्यों दिल रहता किसी के बाक़ी!
मुश्क़िलें हल करता मुसीबत लेकर!!

हसरत थी की कोई मयस्सर आए !
आया फ़ितरत अच्छी, ज़ीनत लेकर !!

समझना भी ''तनु'' खुद ही को पड़ेगा !
सीखा अजी सबने नसीहत लेकर !!... ''तनु''

जीवन पियाला रीता क्यों है, मुस्काने उपहार दो


जीवन पियाला रीता क्यों है, मुस्काने उपहार दो,
हर लम्हा उत्सव मनालो, हँसी ख़ुशी गुज़ार दो!
कड़ी धूप में अपने हर ख़्वाब को झुलसाना क्यों ??
बाग खिलाओ फूलों के, दिल भौरों सा गुंजार दो,,    ''तनु''

Monday, April 13, 2020

आया कोई एक हक़ीक़त लेकर !


आया कोई एक हक़ीक़त लेकर !
अच्छे अन्दाज़ की अक़ीदत लेकर!!

मुख्तलिफ़ बात भी समझी ऐसे !
छलकती ख़ुशी सी तबीयत लेकर !!

शुबह क्यों दिल में किसी के बाक़ी!
मुश्क़िल हल होती मुसीबत लेकर!!

हसरत है की कोई मयस्सर आए !
निय्यत, फ़ितरत अच्छी, ज़ीनत लेकर !!

समझना ''तनु'' खुद ही को पड़ेगा !
सीखना गोया हो नसीहत लेकर !!... ''तनु''

Friday, April 10, 2020

आम्र कुंज खो गये कहाँ अब

आम्र कुंज खो गये कहाँ अब
खोयी कोयल कूक
देख जीव इतने विनाश को
जी में उठती हूक 

विकल हो गया रोया रे मन
खोज रहा भीना सा सावन
चेतना कहाँ थकी थकी सी
होती कैसी चूक
देख जीव इतने विनाश को
जी में उठती हूक 

मन का दर्द  तिमिर सा  वन का
चिर विषाद ज्यों विलीन मन का
खोयी उषा की ज्योति रेखा
कुसुम खिले न रूख
देख जीव इतने विनाश को
जी में उठती हूक 

कैसी मरु में ज्वाला धधके
चातक बूँद बूँद को तरसे
सरस बरसता ना अमरत जल
जाती धरती सूख
देख जीव इतने विनाश को
जी में उठती हूक 

सुखद सलोनी रात नहीं है
प्रेम भरी सौगात नहीं है
पयोधर से मिलती निराशा
सपने जाते टूट
देख जीव इतने विनाश को
जी में उठती हूक। ... ''तनु''

वो रहबर रहा बला लेता है!

वो रहबर रहा बला लेता है!
पेड़ छाया को बना लेता है!!

चैन हर्ग़िज़ न तेरा खो जाए !
महके फूलों को खिला लेता है !!

दूर रखता है सारे जुल्मों से!
तुझको दामन में छुपा लेता है !!

तुझको ज़ालिम बनने नहीं देता !
अपनी पलकों पे बिठा लेता है !!

देखता जब तू गिर ही जाएगा !
दिल की आवाज़ सुना लेता है!!

एक बार तू यकीन तो कर ले !
असर उसका ही बचा लेता है !!... ''तनु''

बार बार यूँ पुकारता क्यों है!

बार बार यूँ पुकारता क्यों है!
उजड़ता घर सँवारता क्यों है !!

ख़्वाब जन्मे न मरे जिस्म में !
फूल सूखे निहारता क्यों है !!

बाग जलता मधुमयी बहार में !
सपन नज़रों उतारता क्यों है !!

मानता है नहीं देव ड्यौढ़ी पर!

मंदिर मंदिर पुकारता क्यों है!!

रोज़ ख़ुद ही से सदा लड़ता है!

चाहतें अच्छी उजाड़ता क्यों है!!

दिल की फरियाद तो गयी खाली !
बेबस नाहक कराहता क्यों है !!

''तनु'' अब तो अबद भी हुआ अब्तर!

उसे अबस निहारता क्यों है !!...... ''तनु''





Saturday, April 4, 2020

जीना दुश्वार कर गया चन्दा!
बहुत लाचार कर गया चन्दा!!
पसरती रात स्याह थी काली!
छुप के दीवार कर गया चंदा!!   "तनु"

रात खुशगवार कर गया चंदा !
बे इख्तियार कर गया चंदा !!

बादलों में छुपा हुआ जा के !
यूँ दिल फ़िगार कर गया चंदा !!

आसमा से मिली हुई छत है !
चाँदनी निसार कर गया चंदा !!

नौबतें खत्म हो गयी सारी !
दिल नौबहार कर गया चंदा !!

चाहतें भी कहाँ हल्की फुल्की !
आँखें निगार कर गया चंदा !!

साँस धड़कन सभी तुम्हारी है !
आप जिन्हार कर गया चंदा!!.... ''तनु''


Thursday, April 2, 2020

याद इक रोग है, बीमारी है!

याद इक रोग है, बीमारी है!
याद अपनी दिल से प्यारी है!!

डोलती बादल, तितली जैसी!
बात कल की अभी नयी सारी है!!

जान जाना ख़ुशी दर्द दे कर!
किस तरह रात ये गुज़ारी है!!

दुख में दबती गयी है चिंगारी!
बेबसी में दिल चली आरी है!!

एक ही पल सदियाँ घुली जायें!
चाँदनी चाँद ने मुझपे वारी है!!

रेत तपती भली कहाँ लगती!
छाँव, पीपल, नदी ही प्यारी है!!

जिंदगी कुछ अगर है लाफ़ानी!
याद की याद ''तनु'' करारी है!!... ''तनु''