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Wednesday, February 27, 2019

सैनिक

कर में रक्षक सूत है, सर विजय का ताज!
बलिहारी मैं आपकी,निर्भय रखना लाज!!

ओ सैनिक रण बाँकुरे, राह बिछाऊँ फूल!
धूल चटाना अरि को, कर आना निर्मूल!!

वादी में शहनाइयाँ, परबत पर सिंदूर!
नभ तिरंगा लहराये, सुबह नहीं अब दूर!!  ---"तनु"

Tuesday, February 26, 2019

माँ



रहमत खुदा की 
तुम हो माँ 
तुमने ही तो कहा है 
जहाँ रहो खुश रहो 
फिर क्यों माँ 
तुम उदास 

तुम्हारी उदासी 
अच्छी नहीं लगती
तुम्हारी मुस्कान
हो सदाबहार 

तुम्हारे आँसू
कभी न बरसे आँखों से
तुम्हारी हँसी
घर का सूरज 
तुम्हारी बिंदी
चाँद सी
तुम्हारी खिलखिलाहट
सृष्टि जगाये 
होता गुंजार 

गोद तुम्हारी 

सबसे न्यारी 
मीठी नींद
 मैं बलिहारी 
सिवा इसके न करूँ 
कोई कामना 

तुम्हारी चलकदमी 

दुआ मेरी
तुम्हारी अभिव्यक्ति
किलकारियाँ मेरी 
तुम्हारा स्पर्श
मेरा संसार 

तुम्हारी सहमति
मेरा आसमान
तुम्हारा प्रतिरोध
मेरे लिए सीख

मेरे गुनाह 
धो देने वाली
बहुत गुस्से में
रो देने वाली
कहीं भी जाऊँ मैं
मेरी देहरी का दीया
रहता उजियार
----- 'तनु'


Sunday, February 24, 2019

फूल कब तक अश्क़ ढोते शबनम के!
एक किरण ने अश्क़ पोंछे अब ग़म के!!

जब तलक वो साथ बात ग़म की न कर!
लौट आये दिन अपने चैन ओ अमन के!!

राह में इस ज़िंदगी को कुछ दे के चल!
 संग चले कितने क़दम तेरे क़दम के!!

ख़त्म हो नामोनिशां सौदागरों के मौत के!
है ज़मी जन्नत, नहीं नाम ओ अदम के!!

कितनी भी बीमार दिल की बस्तियाँ !
आह बिछड़ ही जाती है संग सनम के!! --"तनु"

Thursday, February 21, 2019

फुटपाथों पर बिक रहे



फुटपाथों पर बिक रहे, काजू औ बादाम!
और कहीं रोटी नहीं, रोती रही अवाम!!

उसे बढ़ावा मिल रहा, जिसके काम न काज!
लोक दिखावा झूठ का, हुए मंच सरताज!!

अँगनाई  कंटक बनी,  कंगन हुआ उदास!
घर घर में है आजकल, नागफनी की फाँस!!

प्रगति शील हम यों हुए,  कुदरत बिगड़े हाल!
कहीं सुनामी का कहर ,और कहीं भूचाल!!

हमरे घर में आय के,  खेला ख़ूनी खेल!
बगल में छुरी वो रखें , करते हमसे मेल!!

बदली मन की लालसा, बदला जग व्यवहार!
पर विधाता ना बदला, जाने सब संसार!!

----"तनु"

Tuesday, February 19, 2019

घड़ियाँ भी गयी थम

बहते आँसू थम गये घड़ियाँ भी गयीं थम!
हवाओं की सिसकियाँ थमी फलक गम से नम!!
उम्र तमाम बीतेगी अब उनकी याद में, ,,
तू सदा आबाद लहरा ऐ मेरे परचम!! ---"तनु"

लहरा मुस्कुरा

आँसू बह कर थम गये थम गयीं घड़ियाँ भी ,
फलक गम से नम हुआ थम गयीं सिसकियाँ भी!
तू सदा लहरा मुस्कुरा ऐ मेरे परचम, ,,
बिजली चमकती और थम गयी बदलियाँ भी!! ---"तनु"

कहानी छूट गयी

छूटा साथ जब तेरा हर कहानी छूट गयी,
मौत के पास तू गया तेरी निशानी छूट गयी !
चंद यादें साथ लेकर चल पड़े तनहा सफर में..
एक वादे के लिए तेरी जिंदगानी छूट गयी!! ---"तनु"

Monday, February 18, 2019

गाऊँ मैं हरिनाम को


ऐसा लिबास मिला जन्म से गाऊँ मैं हरिनाम को,
मानुष जन्म मिलता इसीलिए जप लूँ मैं हरिनाम को!
काया न माया साथ चलती साँस डोरी टूटती, ,,
कैसे बिसारूँ मैं नित्य गाता रहूँ  हरिनाम को!! ----"तनु"


कट गये दरख़्त चमन से

कट गये दरख़्त चमन से प्यार पानी खो गया!
सूखता ही जा रहा दरिया रवानी खो गया!!
खो गया ऋतुराज भी खोई बहारें अब कहीं, ,,
कूकती ना कुहू कोयल खेत धानी खो गया!! ----"तनु"

बयाँ होकर बयाँ ना हो !


जो बयाँ हो बयाँ ना हो !
प्यार नज़रों से अयाँ ना हो !!

वादियाँ भी ढूँढती गुल!
जब नसीब मेहरबां ना हो!!

नाकामियों का अंधेरा है!
कौन चाहेगा सुब्ह ना हो!!

छोड़ दूँगा चाह दिल की !
 इश्क़ में दिल फ़ना ना हो

क्यों अकेला रहूँ जिंदगी !
कोई मुझ सा तन्हा ना हो !!

सिलसिला ये टूट जाये!
मौत तेरी तमन्ना ना हो!!---"तनु"

Friday, February 15, 2019

दंश दंश में दर्द है, रोती आंखें खून,
वरक वरक में दर्ज है, कौन पढ़े मजमून ?
शब्दों की नाकामियां,अहसासो की मौत ,
खो गयी है मानवता ,खो गया है जुनून!!
----"तनु"

Monday, February 11, 2019

सफ़र


मैं चला ही नहीं अभी मोड़ आ रहे नज़र सामने!
रात थक कर न सो अभी लम्बा है सफ़र सामने!!

साहिलों को मुड़ के यूँ दरिया भला देखेगी क्या!
मंज़िल है तेरी जुस्तजू चलो है सफ़र सामने!!

जो चलते ही राह इतनी तुम बदलते रहोगे!
ये जिंदगी छोटी  बहुत ही बड़ा है सफ़र सामने!!

क्यों सन्नाटे से डर लगता ऐ जिंदगी तू बता!
मौत भी है इक मसाफ़त शुरू है सफ़र सामने!!

लौटता कैसे अभी मंज़िल बहुत दूर पर है!
लौट आ ही जाऊँगा ये वो नहीं है सफ़र सामने!!

"तनु"उठाना राह-ए-शौक लुत्फ़ मिला सरे राह तुझे!
  तू मुसाफ़िर नहीं शब का उम्र का है सफ़र सामने!!

---"तनु"

Sunday, February 10, 2019

काटता हूँ समय कट ही जायगा!

काटता हूँ समय कट ही जायगा!
चाँद ही तो है वो घट ही जायगा!!

मेरे दिल में तेरी यादों की नदी!
ख़्वाब तेरे लेकर तट ही जायगा!!

दर्द ही दर्द दिल अब कहाँ से रहा!
कच्चा है कलेजा फट ही जायगा!!

प्यार तेरा ये जाँ - कनी बन गया!
साँसो जिस्म से लिपट ही जायगा!!

 मैं रोया दामन अभी भीगा नहीं!
बादल आँसू नहीं छट ही जायगा!!
----"तनु"

Saturday, February 9, 2019

हिम की चादर ओढ़ कर,


हिम की चादर ओढ़ कर,
लाया बसंत प्यार!
महके बसंत न अब के,
बीमारी उपहार!!
---"तनु"


हिम की चादर ओढ़ कर,
लाया प्यार बसंत!
खिलती कलियाँ कह रही,
शाख बन गयी संत!!

चाँद गगन पर

आँधियाँ साँसों में कई आँखों में समन्दर!
बारिश की बूँदों में कोई हरकारा है अंदर!!
दिल की जमी हरी आलम बहका बहका, ,,
हँसता रहता एक चाँद चमकता गगन पर!!
---"तनु"

Friday, February 8, 2019

कलियों के बिन प्यार ना, भँवरे बिन मनुहार!
पीले पात सा बिखरा, फिर मधुबन का प्यार!!
माटी सूखी जल बिना, राह दरार दरार , ,,
राहगीर  भी राह में,    ढूँढे चैन करार!!
--"तनु"

कलियों के बिन प्यार ना

कलियों के बिन प्यार ना, भँवरे बिन मनुहार!
पीले पात सा बिखरा, फिर शाखों का प्यार!!
माटी सूखी जल बिना, राह दरार दरार , ,,
राहगीर का राह में , खोया चैन करार!!
---"तनु"

नापता आया समन्दर बस्तियों को

नापता आया समन्दर बस्तियों को!
बेसबब ही कौन सुनता सिसकियों को!!

जब दरो दीवार तक बिखरे पड़े हैं!
पूछता अब कौन घर की खिड़कियों को!!

इक कहानी आँधियों की,  बाग  उजडा!
पंख तोड़े और झिंझोड़ा तितलियों को!!

क्यों तेरे रुख़सार पर बिखरी थी जुल्फें!
बादलों ने क्यों पुकारा बिजलियों को !!

सब समझते आजकल बेज़ार खुद को!
कौन दे फौलाद जन की हड्डियों को!!
-----"तनु"

Thursday, February 7, 2019

गुलाब

कुछ गुलाब ज़िन्दग़ी में यूँ ही चले आते हैं ,
कुछ लोग गुलाबों को यूँ ही भूल जाते हैं।
जब लोग तड़पते हैं अपनों की जुदाई में, ,,
 कुछ गुलाब बेबसी पर यूँ ही मुरझाते हैं !!
-----"तनु"
कुछ गुलाब ज़िन्दग़ी में यूँ ही चले आते हैं ,
कुछ लोग गुलाबों को यूँ ही भूल जाते हैं।
जब लोग तड़पते हैं अपनों की जुदाई में, ,,
 कुछ गुलाब बेबसी पर यूँ ही मुरझाते हैं !!
-----"तनु"
खोकर तुम्हे, मुस्कुराना खोया !
शजर कट गये आशियाना खोया!!

दौर-ए-खिज़ा में क्यों झरते गुल !
कैसा ये मौसम सुहाना खोया!!

आइने  मैं तुझे जी भर निहारूँ!
अभी मैंने अक्स पुराना खोया!!

चेहरा निखरता नहीं अब मेरा!
चाँद मेरा शहाना खोया!!

रूह मेरी भी कहाँ मेरी अपनी!
अपना है खोया पहचाना खोया!!

Wednesday, February 6, 2019


बुराई दूर करने को, सबक होना जरूरी है!
सबक लेने के लिए भी सनक होना जरूरी है!!
पिघलते हैं सभी जज़्बात सच की गर्मी से , ,,
और उस सच की करारी खनक होना जरूरी है!!
----"तनु"


बेबसी पर यूँ मुस्कुराना नहीं तुम !
ख़ाब तन्हा हो गये जताना नहीं तुम !!
रतजगा कर नींद से कोई लड़ रहा, ,,
बात दिल की किसी को बताना नहीं तुम!!
----"तनु"
मेरी वफाओं को भूल मत जाना तुम!
मेरी जिंदगी में यूँ ही चले आना तुम!!
मुझे तड़फना न पड़े जुदाई में तुम्हारी, ,,
फिर मेरी बेबसी पर मुस्कुराना नहीं तुम!!
-----"तनु"

खोकर तुम्हे मुस्कुराना है खोया

खोकर तुम्हे, मुस्कुराना है खोया !
शजर कट गये आशियाना है खोया!!

दौर-ए-खिज़ा में क्यों झरते हैं गुल !
कैसा ये मौसम सुहाना है खोया!!

आइने आ मैं तुझे जी भर निहारूँ!
अभी मैंने अक्स पुराना है खोया!!

चेहरा निखरता नहीं अब तो मेरा!
चाँद मेरा जाने शहाना है खोया!!

रूह मेरी भी कहाँ मेरी अपनी!
अपना है खोया पहचाना है खोया!!
------"तनु"

Sunday, February 3, 2019

अदा आपकी ख़ूब है!
जीते जी भी  ख़ूब है!!
बाद मरने के जनाब, ,,
दिल दुखाती ख़ूब है!!
---'तनु'

चाहती हूँ मैं सबा हो जाऊँ

चाहती हूँ मैं सबा हो जाऊँ!
गुल लुटाऊँ मेहरबा हो जाऊँ!!

लोरियाँ बन के सुला दूँ सबको!
आपकी सबकी  जुबा हो जाऊँ!!

संदल बन के वन चमन बिखरुं!
खूबसूरत हूँ,   जवा हो जाऊँ!!

अंगुलियाँ मेरी जानिब हैं बहुत !
गुमशुदा हो के हवा हो जाऊँ!!

बंदगी के लिये "तनु"आप हैं तो !
अब मैं ही क्यों न खुदा हो जाऊँ!!

और देखिये
बंदगी के लिये "तनु"आप हैं तो !
अब तो मैं    नाखुदा हो जाऊँ!!
----"तनु"

Saturday, February 2, 2019

अंधेरा कब रवि का हक़दार हो जाये!
किरण की साँझ से कब यलगार हो जाये!!

देखने पर तो सबके सब प्यार से रहते!
जाने धर्म के नाम आरियाँ पार हो जाये!!

झाँक सकते हम निग़ाहें डाल दिलों में यूँ !
जान लेते कौन संत कब बदकार हो जाये!!

बचाना आब को तुम बारिशों के बाद भी!
जाने पवन कब आग का यार हो जाये!!

'तनु' तुम मुहब्बत में जां निसार करना नहीं !
चलते चलते जाने कब वो बेज़ार हो जाये!!
-----"तनु"

माघ और घाघ

मर्यादित पग माघ के, क्या समझेंगे घाघ ?
फागुन की अठखेलियाँ, क्या समझेंगे घाघ ??
------"तनु"

Friday, February 1, 2019

श्रृंगार अम्बर धरनि का

श्रृंगार अम्बर धरनि का,  देखो कैसे निखर रहे,
खुली वाटिका भावों की, शब्द कुसुम से बिखर रहे!
गीतों की खुशबू फैली , मन मचल उठा गाने को, ,,
लेखनी ने अंगड़ाई ली सभी भाव सँवर रहे!!
------"तनु" 

तमस गयी किरण चली



तमस गयी किरण चली,
दिनेश अति रहे बली!
चला रहे सकल विश्व, ,,
सभी अला बला टली!!

मदिर मदिर हवा बहे,
खिली खिली कली कहे!
सत्य कभी छुपे नहीं, ,,
कथा यही सुना रहे!!

जगो उठो सुधीर हे,
गगन अभी अधीर है!
धरा मगन गगन मगन, ,,
वही सुमन खिला रहे!!

बनी वसुन्धरा जवाँ,
चला स्वयं सु कारवाँ!
गगन जमीन हमनवाँ, ,,
नयन सदा मचल रहे!!

लबों कही कथा सुनो,
सुनो सही दिशा चुनो!
लगे भली सही नहीं, ,,
सदा गलत नहीं गुनो!!
-----"तनु"