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Sunday, May 27, 2018

पात लरजते पवन से

पात लरजते पवन से,  झरने गाएँ गीत ,
पर्वत पर्वत डोल रहा, ये बिरला संगीत !
लिए गगन भी झूमता, तारे उडगन चाँद, ,,
बन बैठे आदित्य भी   यारों अपने मीत !!.. ''तनु''

Saturday, May 26, 2018

अमिय बरसो

अमिय बरसो अभ्र से,  निहार लूँगा मैं  ;
 फूल बिखरी ओस को, निथार लूँगा मैं  !  
धर हूँ धरा पर नहीं दूरी धारा से, ,, 
पल्लव बन नीहार को निखार लूँगा मैं !.... ''तनु''

Wednesday, May 23, 2018

रसना


रसना भीगी नेह से, बोले मधुमय बैन! 
छौना नन्हा लाड़ला , मेरे मन का चैन!!

जिव्हा वाकी तोतली , मीठे लागे बैन! 
घुटने घुटने डोलता, किलक किलक दिन रैन !!

अधर धरी थी बाँसुरी, मूँदे दोनों नैन !
बिन बोले ही कह गये, रसना जैसे बैन !!

ये रसमाता रसभरी, रसिक बनी ललचाय !
भाँति भाँति के स्वाद ले ,रस रसज्ञ कहलाय !!

रस दीवानी लालची,  मीठी औ नमकीन !
कड़वे  बोल सुनाय के, कैसी बनती दीन !!... ''तनु''

Friday, May 18, 2018

मैंने झूठी कसमें खायी, ईमान तो गया

मैंने झूठी कसमें खायी, ईमान तो गया;
बुराइयाँ तू मेरी खासी पहचान तो गया !

क्या छुपाऊँ राज़ सभी बेपर्दा हो गये; 
यूँ जीने की चाहत खोयी अरमान तो गया ! 

उठने का ताब कहाँ, नहीं झुकने का दम रहा;
मुस्कुराता भी तो कैसे मेहमान तो गया !  

मुरझाने लगे हैं फूल भी और चमन रो रहा ;
बहारों को कौन बुलाये बाग़बान तो गया !

नेकी बदी जिसकी 'तनु' हिसाब भी उसी का  
नहीं नेकियाँ न रोज़ादार रमजान तो गया !... ''तनु''