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Sunday, September 23, 2018

वहाँ बारिशें इनायत की यहाँ पर ग़म बरसते हैं!
सदा ख़ानाबदोश से होकर सनम हम भटकते है!!

तलातुम ही तलातुम जिंदगी हमने रौनकें खोई !
ख़्वाबों में आ जाओ देखो सूरत को तरसते हैं!!

बुझ गयी आवाज लेकिन यादों की बस्ती बड़ी !
शराफत की नगरी भली वफ़ाओं में महकते हैं !!

क़द्र तेरी करुँगा अपने वक़्त से नवाजा तूने ! 
चहरों से हट गयी नक़ाब परिंदे फिर चहकते हैं !!

किसी ने आज मेरे नाम हँसी - ख़ुशी लिख दी !
कतरा ही तो था समंदर अब बादल बरसते हैं !!... ''तनु''


Friday, September 21, 2018

जाना नदिया पार हो

जाना नदिया पार हो, इक ही साधन नाव!
और बैकुंठ जाइये, मनवा सत ले चाव!.. ''तनु'' 

इक ही साधन नाव है, जाना नदिया पार!
सत्यपालना कीजिये,    हो जाएं भव पार !!.. ''तनु''

खाली करके मेघ को

 खाली करके मेघ को, खिलती जाती कास!
तेरे बिन जी लूँ कहे,   बिन जल की मैं घास!! ***तनु


कास खिली बरखा गयी,धरती धारे धीर!
बादल बरसे उड़ गये, ऐसी सुखमय पीर!!***"तनु"

हरित तृणों की नोक पर

हरित तृणों की नोक पर,श्वेत पुष्प संसार!
हँसती संग बयार के,  ये कास की बहार !!
बरखा अब तू लौट जा, काहे करती रार !
कास विदाई दे रहे, झूम झूम हर बार!!*** "तनु"

लो किरण किरण छुप गयी,  बादलों के अनंग !
भगीरथी गीत महिमा,    गाये गान मृदंग !!
बड़बोला उद्वेलित है ,    डोला समीर संग, ,,  
स्नेह  पूरित मुग्ध उड़ा,  जलधर हुआ पतंग !! .. ''तनु''

जिंदगी में अपना कोई उसूल तो  रखना,
सफ़र बहुत है लम्बा सामान फज़ूल मत रखना !
बोझ कोई भी हो गुनाहों का बोझ ना हो, ,,
बेख़ौफ़ तू चला चल कोई  रसूल मत रखना!! ... ''तनु''
मेरी हिन्दी फूल सी ,महकी महकी बात!
पढ़ना देखो प्यार से, देना ना आघात!
व्यंजन और स्वर लेकर , छाया नाद निनाद, ,,
वाणी की महिमा कहे,पारिजात की जात!!"तनु"
विश्व आँगन हिन्दी का,
भाँति-भाँति के बोल!
विभिन्न भाषाएँ लिए,
जग में बजते ढोल!!•••"तनु"

विश्व आँगन हिन्दी का,
भाँति-भाँति के बोल!
विभिन्न भाषा के बजे,
जग में सुंदर ढोल!!•••"तनु"

विश्व आँगन हिन्दी का,
 खूब खिलाओ फूल!
गुलाब सी खुशबू लिये,
महका दो तुम शूल !!•••"तनु"

विश्व आँगन हिन्दी का,
 खूब खिलाएँ फूल!
गुलाब सी खुशबू लिये,
महकाएं हम शूल !!•••"तनु"

मेरी हिन्दी फूल सी ,
महकी महकी बात!
वाणी की महिमा कहे,
पारिजात की जात!! "तनु ''

मेरी हिन्दी फूल सी ,
महकी महकी बात!
पढ़ना देखो प्यार से ,
देना ना आघात!!!"तनु"
अब कहाँ नदियाँ रह गये नाले है;
अनसुने से कहीं रह गये नाले हैं!

बेच ईमान , नियामतें भी बेच दी! 
आस्तीन के नाग रह गये काले हैं!!

थालियों झूठी में मुँह मार फिरते!
 छीन कितने ही खा गये निवाले है!!

बोलते कितनी सफाई से झूठ हैं!
काम सफाई के रह गये टाले है!!

जीहुजूरी चपलुसी में मशगुल हैं!
अतिव्यस्त निठल्ले रह गये ठाले है!!

तनु रवानी को उनकी लगे ना नज़र,
बासती कढ़ी में उबाले ही उबाले हैं!!.. तनु 

विधना विषमय बेल को, मत दीजे आधार !

ये फैले तो अमि हरे, मर जाये संसार !!  'तनु'

डसती  हैं नाकामियां,  बनकर काले नाग!
दुखी मन से आह भरूं,   कैसे खेलूँ फाग!! 'तनु'

Wednesday, September 19, 2018



दर्द के हवन कुंड में ,        आहूत मनोभाव !
पीर जल जल कर पिघले,  बहुत गंभीर घाव !!... ''तनु''

दर्द के हवन कुंड में, जलती जी की पीर !
मनोभाव आहूत हैं,     घाव बहुत गंभीर !!... ''तनु''

हौले हौले चाँदनी,  सहमी सहमी आय!
सपनों के मोती यहाँ, पलक पलक बिखराय!!... "तनु"

मेरी कविता भाव की , देना ना आघात!
देखो छूना प्यार से ,छुईमुई से ज़ज़्बात!!"तनु"

मेरी कविता हृदय की ,देना ना आघात!
देखो छूना प्यार से ,छुईमुई से ज़ज़्बात!! "तनु"

Saturday, September 8, 2018

इंद्रचाप मोहक रे,

लो किरण किरण छुप गयी,  बादलों के अनंग !
भगीरथी गीत महिमा,    गाये गान मृदंग !!

बड़बोला उद्वेलित है ,    डोला समीर संग, ,,  
स्नेह पूरित मुग्ध उड़ा,  जलधर हुआ पतंग !! 

मचल गयी है बिजुरिया, उड़ा अनोखा रंग ! 
थर थराया तड़ाग तो ,     छुपी जैसे निषंग !!
माटी संग बूँद घुली,  सभी हुई बदरंग !
कूद चलती पोखर से,  बूँद फिर बूँद संग !!

इंद्रचाप मोहक रे,    देख धरा भी दंग !
किरणों की कारीगरी, निखरी नभ के अंग !.... ''तनु''

लो किरण किरण छुप


लो किरण किरण छुप गयी,  बादलों के अनंग !
भगीरथी गीत महिमा,    गाये गान मृदंग !!
बड़बोला उद्वेलित है ,    डोला समीर संग, ,,  
स्नेह  पूरित मुग्ध उड़ा,  जलधर हुआ पतंग !! .. ''तनु''


विधना विषमय बेल को, मत दीजे आधार !
ये फैले तो अमि हरे, मर जाये संसार !!  'तनु'

डसती  हैं नाकामियां, बनकर काले नाग 
दुखी मन से आह भरूंकैसे खेलूँ फाग

अब कहाँ नदियाँ रह गये नाले है;
अनसुने से कहीं रह गये नाले हैं!

बेच ईमान , नियामतें भी बेच दी  
आस्तीन के नाग रह गये काले हैं

थालियों झूठी में मुँह मार फिरते
 छीन कितने ही खा गये निवाले है

कितनी सफाई से झूठ बोलते हैं
काम सफाई के रह गये टाले है

जीहुजूरी चपलुसी में मशगुल हैं
अतिव्यस्त निठल्ले रह गये ठाले है

बोलते कितनी सफाई से झूठ हैं,
काम सफाई के रह गये टाले है!
जीहूजूरी चापलूसी में मशगुल हैं,
अतिव्यस्त निठल्ले रह गये ठाले है!
तनु रवानी को उनकी लगे ना नज़र,
बासती कढ़ी में उबाले ही उबाले हैं!


हौले हौले चाँदनी,सहमी सहमी आय!
सपनों के मोती यहाँ, पलक पलक बिखराय!!... "तनु"

मेरी कविता भाव की , देना ना आघात!
देखो छूना प्यार से ,छुईमुई से ज़ज़्बात!!"तनु"

मेरी कविता हृदय की ,देना ना आघात!
देखो छूना प्यार से ,छुईमुई से ज़ज़्बात!! "तनु"

खाली गगरी मेघ की, फूल गये हैं कास!
मुड़ कर देखे न बदरा, है ऐसा  आभास!!

मुड़ कर देखे न बदरा, नीला हैआकाश!
खाली गगरी मेघ की, देखो खिलते  कास!"तनु"

जिंदगी में अपना कोई उसूल तो  रखना
सफ़र बहुत है लम्बा सामान फज़ूल मत रखना
बोझ कोई भी हो गुनाहों का बोझ ना हो
बेख़ौफ़ तू चला चल कोई  रसूल मत रखना

मेरी कविता हृदय से,देना ना आघात!
देखो पढ़ना प्यार से छुईमुई से ज़ज़्बात!!"तनु"

विश्व आँगन हिन्दी का,
भाँति-भाँति के बोल!
विभिन्न भाषाएँ लिए,
जग में बजते ढोल!!•••"तनु"

विश्व आँगन हिन्दी का,
भाँति-भाँति के बोल!
विभिन्न भाषा के बजे,
जग में सुंदर ढोल!!•••"तनु"

विश्व आँगन हिन्दी का,
 खूब खिलाओ फूल!
गुलाब सी खुशबू लिये,
महका दो तुम शूल !!•••"तनु"

विश्व आँगन हिन्दी का,
 खूब खिलाएँ फूल!
गुलाब सी खुशबू लिये,
महकाएं हम शूल !!•••"तनु"

मेरी हिन्दी फूल सी ,
महकी महकी बात!
वाणी की महिमा कहे,
पारिजात की जात!! "तनु ''

मेरी हिन्दी फूल सी ,
महकी महकी बात!
पढ़ना देखो प्यार से ,
देना ना आघात!!!"तनु"

मेरी हिन्दी फूल सी ,महकी महकी बात!
पढ़ना देखो प्यार से, देना ना आघात!
व्यंजन और स्वर लेकर , छाया नाद निनाद, ,,
वाणी की महिमा कहे,पारिजात की जात!!"तनु"

Friday, September 7, 2018

🌺🌺एक मोती 🌺🌺, ,,,किरण किरण मर गयी लो मेघों के अनंग है ;

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किरण किरण मर गयी लो मेघों के अनंग है ;
बूँद-बूँद भगीरथी महिमा अनूप गान मृदंग है !
समीरण संग डोला रहा उद्वेलित बड़बोला है , ,,
पूरित स्नेह लुब्ध मन मुग्ध हुआ मनवा पतंग है !! .. ''तनु''

ओ पाखी विश्वास के

ओ पाखी विश्वास के, जकड़े रहना बाँह, 
धँसना मत रे बावरे,  कीचड़ जैसी राह !
कैसी मन की मलिनता, शहद देख ललचाय, ,,
ओ रे साखी सुकृति के,    नहीं भूलना चाह !!... ''तनु''

Thursday, September 6, 2018

रोय रही रजनी बेचारी भादों की झड़ी का 🌺 .. . एक मोती

रोय रही रजनी बेचारी,     खोय गया मान है ,
आ गया बादलों का उत्सव, घन गर्जन गान है !
रही डराय चमक बिजुरी की, पवन आघात हैं , ,,,
नींद सितारों की खोय गयी, कैसा व्यवधान है !!.. ''तनु''

Saturday, September 1, 2018

बेटियों तमन्ना जगा लो जिगर में,

बेटियों तमन्ना जगा लो जिगर में, 
फूल बिखरे कितने हैं इस डगर में !

चापलूसी रास तुम्हे ना आएगी, 
तुम अलीम* अव्वल रहना गुज़र में ! . .... बुद्धिमान 

आईने से दूरी तुम बनाकर रखो,  
 खूब सायों की पहचान है शहर में !

तुम खुदी और ख़ुदा में शमिल रहो, 
आजकल नक़्ली खुशबुएँ हैं अगर में !

 तीर कुछ तरकश में तुम अपने रखो, 
 की सियासी मसअले सुर्ख़ हैं ख़बर में !

राह चलतों का यकीं तुम करना नहीं,
है गुज़ारिश ना गुनाह हो नज़र में ! 

जाँफिज़ा* हो बदनीयत न रखना कभी, ... आत्मिक सुख देने वाली 
 बहुत सी खुशियाँ होंगी रहगुज़र में !!... ''तनु''