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Saturday, June 30, 2018

तुम वही मैं भी वही समा तमाम अच्छा लगा !
जिंदगी का अब तलक़ का इंतजाम अच्छा लगा !!

एक गोशा सियह ढूँढूँ आसमाँ के छोर पर  !
की वहीं आता हुआ माह-ए -तमाम अच्छा लगा !!

खूबसूरत चाँदनी भी आज इठलाने लगी !
ये हुआ कैसे मगर पर ये गुमान अच्छा लगा !!

जानती हूँ प्यार में जायज नहीं हैं दूरियाँ !
चाँद छुपता बादलों का इत्तिहाम अच्छा लगा !!

टूट कर चाहा उसे यूँ प्यार था इसरार भी !
मिलकर बिछड़ना फिर मिलन का अंजाम अच्छा लगा !!

तुम वही मैं भी वही 'तनु' चाँदनी सुकून की 
मुहब्बत में सादगी है ये इनाम अच्छा लगा !! ... ''तनु ''

इत्तिहाम = दोष

Friday, June 29, 2018

पीकर के बीमार हैं,

पीकर के बीमार हैं,  टूट गयी हर आस !
भरी जवानी कोढ़ है,  खोया हर विश्वास !!

बलिहारी व्यवहार की, कुछ भी कहते आप !
फिर लकीर को पीटते , मानो समझे साँप !! 

बलिहारी व्यवहार की, कुछ भी कहते आप !
पीता हूँ तो क्या गया,         बोलेगा ना बाप !!

धन दे निर्धन हो गये,   मधुशाला के मीत !
लो नाली में गिर पड़े,   चाहे मौसम शीत  !!

मुँह का कौर छीन गयी, छिनते है जज़्बात !

काम मिले ना आसरा,  बात बात पर लात !!

रोती उनकी बीवियाँ ,  बच्चे ठोकर खाय ! 

वालिद के होते हुए ,   लावारिस कहलाय !!

जिव्हा पर अंकुश नहीं , भूलते सदाचार !

करते दुर्व्यवहार हैं,     बार बार हर बार !!

ये इक ही आदत बुरी,  इसके संग हज़ार !

ये इक ही ना हो अगर,  सुधरे बात हज़ार !!

ग़म को पीने के लिए , दूजा ग़म ना पीव !

जो जीवन  तुझसे जुड़े,  टाँके उनके सीव  !!...''तनु''

सूखी नदिया नेह की, कंटक लागे आड़ !

सूखी नदिया नेह की, कंटक लागे आड़ !
शालिग्राम कैसे बने,    बहते नहीं पहाड़ !!

दिल पर बोझ परबत सा ,कैसे धर लूँ धीर 
लावे सा जो बह चला , इन नयनों का नीर 

पीर मेरी परबत सी, लावा से जज़्बात ! 
कहने वाला मौन है, कोई समझे बात !!

पीर मेरी परबत सी, लावा से जज़्बात ! 
कहने वाला कौन है, सुने न कोई बात !!

पीर मेरी परबत सी,   राई है आधार !
डगमगाते से रिश्ते,  खोय गया घर बार !!... ''तनु''

Thursday, June 28, 2018

कबीर

कह ना पाया आप सा ,  जो भी चाहा आप !
कबीर तुमसा को नहीं ,   झूठ मूठ ना जाप !!
झूठ मूठ ना जाप ,    चोट आडम्बर पर की,  
सुन कर के पदचाप,    टूटी खोट अंदर की !
लिखे खूब जज़्बात,  न कदाचार का सहना ! 
प्रासंगिक सब बात,   पाया आप सा कहना !!... 'तनु'


Wednesday, June 27, 2018

कल गुज़रा कल आयगा,

कल गुज़रा कल आयगा,  कहता है कलि काल ,

मनुज मिटा ना पायगा       जो लिखा है कपाल !

महनत से ही तो बने ,       सारे बिगड़े काज , ,,

बेकल बिसरा कल हुआ,  अकल बिना है काल !!.. 'तनु'

Tuesday, June 26, 2018

मैं चंदन मलयागिरी

 मैं चंदन मलयागिरी,       तू सुरभित सी वास !
दिनमणि से दिन खास है, विधु से रजनी खास  !!

गंधराज मैं मलय का,  तू सुरभित सी वास !

मधुमय महके मालती, विधु से रजनी खास !!

श्रृंगारिक हो गीतिका,  कुछ दोहे रतनार !
मधुमय महके मालती ,  ये है जीवन सार !!... ''तनु''

देखिये नेक छुपा नही करते !

देखिये नेक छुपा नही करते !
हम ही उनका पता नही करते !!

झाँक देखो कभी दरीचों से !
बंद आँखों  जिया नही करते !!

परिंदे चह चहा रहे देखो !
ये कभी बददुआ नही करते !!

जिस्म तो रूह के मुक़ाबिल नहीं !
जिस्म को यूँ फ़ना नही करते !!

काम नेक ''तनु'' करे चलो तुम तो !
यूँ गलतियाँ बारहा नही करते !!.... ''तनु''



Monday, June 25, 2018

तुम्हारी याद के ज़ख़्म भर दे कोई !

तुम्हारी याद के  ज़ख़्म भर दे कोई !
तुझे याद न करूँ एसा कर दे कोई !!

सुबह की आँखों में आँसू का कतरा !
मेरी दुआ अपना भी असर दे कोई !!

कैसी क़ुर्बत अजनबी भी दिखे अपना !
मेरी नज़रों को  ऐसी नज़र दे कोई !!

लब सिले मेरे गीतों को सहारा नहीं !
फ़ज़ा में नग़मे हों ऐसी डगर दे कोई !!

कहाँ जी का क़रार , मुहब्बत की मैंने !
''तनु'' जा के उसे जफ़ा का ज़रर दे कोई !!... ''तनु''

Saturday, June 23, 2018

बात जी की सुना रहा हूँ मैं !

बात जी की सुना रहा हूँ मैं !
यूँ  जी को बहला रहा हूँ मैं !!

साये दरख़्तों के बूढ़े हुए हैं !
कबसे उनको जगा रहा हूँ मैं !!

उनको मुझसे शिकायतें होंगी !
रोज़ चाँदनी चुरा रहा हूँ मैं!!

धूप से है गिला दर्द सुन ले !

क्यों जमीं को जला रहा हूँ मैं !!

गुल खिलेंगे कहीं कहीं फिर भी !

बूँद बूँद पानी बचा रहा हूँ मैं !!

था कहीं गुनाह ना सजा कोई !

बेवज़ह सज़ा सुना रहा हूँ मैं !!

आबोहवा ज़ख़्म देने लगी अब तो 

''तनु'' बेशक मरहम लगा रहा हूँ मैं !!... ''तनु''

Wednesday, June 20, 2018

करेला

कड़वे बोल सुनाय के,  हुए करेला आप !
मनवा विष मत घोलिये , मैं हूँ आम जनाब !!

कड़वे बोल सुनाय के,  हुए करेला आम  !
मन में विष हैं घोलते,  हुई कीमत छदाम !! 

सबद करेला हो गए,   मिसरी जात बहार !
बात बात पर हो रही ,  कैसी जंग अपार !!

नित्य करेला खाइये, सेहत रहती ख़ूब !
हरी चाय भी पीजिये,  दूर भगाये ऊब !!... ''तनु''







चुप रह कर न सताइये, तोड़ दीजिये मौन !

चुप रह कर न सताइये,  तोड़ दीजिये मौन !
मन की गहरी पीर को,  आज सहेगा कौन !!

आज कहूँ ना कल कहूँ , कहकर बढ़ती पीर !
मन बेकल को कल नहीं,  बिन कहे भी अधीर !!

मुख के मीठे बैन हैं,  अभिनव मुक्ता हार !
धारण कर के सज गए, पाया सबका प्यार !!

अपना हित हैं सोचते, बोलें मीठे बैन !
अपना तो करते बुरा, खोते सबका चैन !!

रसना मीठी मन मिले,  मिले सकल की प्रीति !
हे भगवन फैलाइये,              ऐसी सुंदर रीति !!

मन के आँगन उग गयी , ऐसी विषमय बेल !
जिव्हा कड़वी हो गयी ,    कहन हुए बेमेल !!... ''तनु''



Friday, June 15, 2018

ईद की खुशियाँ हैं



महकता हुआ दिन हैं और गुलज़ार है कौन !
ईद की खुशियाँ हैं और तलबगार है कौन !!
चलिए भी राह-ए-वफ़ा  मुख़्तसर सी तो है , ,,
इक आप हैं और ज़ुल्फ़-ए-तरहदार है कौन !!... ''तनु''

Wednesday, June 13, 2018

पाणी लेवा बादळी, क्यों सागर तट जाय !

पाणी लेवा बादळी,     क्यों सागर तट जाय !
म्हारा नयणा मोकळो, अँखियाँ झील कहाय !!

वरसी जा ए बादळी , ढूँढे कीसो गाम !
म्हारा हिवड़ा में बसे ,मिहिरा रा घन श्याम!!

आयो है तो वरस ले,  क्यों कर झूला खाय !
वायरा री डोरन पे  , कीने नाच दिखाय !!

कसा मेघ पाणी भरे, पूछण कुण रे जाय ! 
पाणी री पड़ताल है , सूरज जीव जलाय !!

दरिया सरवर झट भरो, थें तो हो जी खास !
जले जीव वन लाय से ,   टूटी जीवन आस !!.. ''तनु''

 मोकळो= बहुत सा 
वरसी जा=बरस जा 
कीसो गाम = कौन सा गाँव 
हिवड़ा=हृदय 
मिहिरा रा = मीरा के 
वायरा री = हवा की 
 कीने =किसको 
कसा = कैसे 
कुण= कौन 
पड़ताल=खोज 
थें= आप 
लाय= लपट,  आँच,  गर्मी 



Sunday, June 10, 2018

सच की कहानी है पुरानी


कितना पानी कितना पानी ?
आँधी दिल में आँखों पानी !!

कितनी मौसम की मनमानी !
साया लिखता धूप कहानी !!

देखो पल में मिट्टी दुनिया ! 
मिटती पल में है ये फ़ानी !!

सपनों जैसी रची रचाई ! 
क्यों ना होगी फिर हैरानी !!

किसने फूलों को मसला है !
भूल नहीं, ना है नादानी !!

कितनी दरिया लील चुका है !
जलता रूखा रेगिस्तानी !!

आँख रो गयी देखा सबने !
आँसू सबसे सस्ता पानी !!

किसने सुख को नोचा है !
भूले निशां और कुर्बानी !! 

 बातें सभी भुला दी अब तो !
 कहानी सच की है पुरानी !!..''तनु''