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Sunday, February 23, 2020

यही दस्तूर जमाने का
वो रोते हैं दिखाने का
यहाँ मुस्कान जलती है
नहीं जलना जलाने का

ठंढी - ठंढी छाँव लेकर आ रही हूँ

ठंढी - ठंढी छाँव लेकर आ रही हूँ !
सुकूँ तुम्हारे गाँव में बुलवा रही हूँ !!

माँग में सिन्दूर आलता पाँव में है!
आँखों में उम्मीद को बहला रही हूँ !!

सोच को पर लगे बेड़ियाँ पाँव में हैं !
मिसरियाँ नहीं नीम दिल समझा रही हूँ !!

तब्दीलियाँ तो हिस्सा रही हैं जीवन का !
और इसी में हल छिपे गिनवा रही हूँ !!

थमते हैं तार दिल के, क्यों बजते नहीं ?
मैं फिर किसी मिज़राब से टकरा रही हूँ !!

मुझमें तू,  दायें - बायें दरमियाँ भी तू !
अब तू बता दे तुझमें मैं कहाँ रही हूँ !!....... ''तनु''















Saturday, February 22, 2020

चन्द्र चूड़ामणि जब उतरी
लहराये रजनी के केश
हुई यामिनी और अँधेरी
चाँद बिना , तारों के देश.... ''तनु''

Wednesday, February 19, 2020

सूना छोड़ा जिस आँगन को बिटिया ने!

सूना छोड़ा जिस आँगन को बिटिया ने!
उसे सँवारा और किसी की बिटिया ने!!

बन कर आयी भाभी औ सँवारे काज!
कैसा अद्भुत प्यार लुटाया बिटिया ने!!

पीहर की हर चीज़ पराई रिश्ता छूटा!
पर माँ बनकर साथ निभाया बिटिया ने!!

इक आँगन का फूल सजा दूजे अँगना !
कितने सुंदर फूल खिलाये बिटिया ने !!

दामन खुशियाँ हो चमके बिंदिया भाल!
ज्यों याद हो वर्षों का नाता, बिटिया ने!! 

घर का ध्यान रखे अपने दुःख को भूल !
खिज़ा को नौबहार बनाया बिटिया ने !!... ''तनु''



Friday, February 14, 2020

मैं ख़िज़ाँ को अग्यार कहता हूँ !


मैं ख़िज़ाँ को अग्यार कहता हूँ !
ए पलाश तुझे बहार कहता हूँ !!

तुझी में जिंदगी शुमार कहता हूँ !
ए  ख़ुदा मैं इंतज़ार कहता हूँ !!

सितम नहीं ज़ुल्मो से वास्ता नहीं !
मैं खुद ही पे एतबार कहता हूँ !!

मैं दुनिया का रेहन हूँ मानता हूँ !
मैं जहां को बहुत प्यार कहता हूँ !!

कोशिश है कायनात ज़िंदा रक्खूँ !
मैं उसी पर जाँ निसार कहता हूँ !!

और फ़क़ीर को क्या चाहिए बोलो ! 
न तो नक़द है ना उधार कहता हूँ !!

इसी अदा पे तो ज़माना फ़िदा है !
ख़ुद ही को अपना यार कहता हूँ!!.....  ''तनु''

Wednesday, February 12, 2020

ओ मेरे निर्मोही फागुन



ओ मेरे निर्मोही फागुन !!
आँखों से क्यों छलका सावन ?
चपल तरंगे जीवन मन की, 
धीमें धीमें बहती कल कल!....  . ओ मेरे 

इस कुदेश में तू आयेगा ?
नहीं तुझे यह मन भायेगा!
देख चतुर्दिक फ़ैल रहे हैं, 
मौन बीतते बेकल से पल ! .. . ओ मेरे 

देह रच गयी पीली सरसों ,
मनवा बुझा बुझा है बरसों ! 
अब कोयल की कराल कूहुक , ,, 
भूल पायगा मेरा ये मन ?. .. ओ मेरे 

धूसर पपड़ाये ठंढे से,
कम्पकम्पाये इन वृक्षों से! 
खिलखिल करती हँसी ढूँढ दे, ,,  
भँवरों की लाकर दे गुन गुन !  . ... ओ मेरे 

ताल लय छंद सभी खो गये, 
फूल उत्फुल्ल सभी सो गये!
जो कभी रवि से मिलती रही , ,,
आज नहीं हैं किरणें छन छन !!. ... ओ मेरे 

प्रीत का गीत नहीं रचेगा !
नहीं अंग चंदन महकेगा!! 
रंगहीन है मन का टेसू , ,, 
पीर ले प्रीत की झुलसा तन !! ... ओ मेरे 







अब तो लो

अब तो लो फागुनी हवा ने,   सुधियाँ जगाई हैं! 
टेसू ने खिल खिल जंगल में,  शाखें जलायी हैं !!
फैली स्मृति सुगंध राहों में,     पी पी की टेर ले, ,,  
फूल, चिड़िया, आसमान, हवा, कहते दुहाई है !!... ''तनु''

चन्द्र चूड़ामणि जब उतरी
लहराये रजनी के केश
अमा लगाती काजल टीका
चाँद बिना , तारों के देश.... ''तनु''

रवि का अमि घट फागुन में

रवि का अमि घट फागुन में
चुपके चुपके ढुलता है
तभी पलाश फुनगी नहीं
सबके दिल में खिलता है

ललाई लिए गाल लाल
बिंदिया से शोभित भाल
साजन और सजनी संग
सपने मीठे बुनता है--- तभी पलाश

परिंदों के घोसलों में
अंकुरित हुए पौधों में
जीव जीव में साँस लिए
जीवन जीवन भरता है---तभी पलाश

ईश्वर प्रदत्त प्रेम की
हित सबके कुशल क्षेम की
मधुमयी कामना लेकर
पीड़ाओं को हरता है---- तभी पलाश

चहुँ ओर छा गयी बहार
कलियों की मीठी गुहार
सबको मिल जाये खुशियाँ
कानों में ये कहता है----तभी पलाश

मुस्काती चितवन भोली
चहकी बोली अनबोली
मनुहार  के कितने रंग 
प्यार स्वीकार करता है ----तभी पलाश ... ''तनु''

Tuesday, February 11, 2020

भावों की कलिका है टेसू,

भावों की कलिका है टेसू,
और फिर कविता है टेसू!
कैसा सुंदर फैला हर सू, ,,
फागुन में सविता है टेसू!!

वन में पतझर मतवाला,
लौ पलाश की ऐसी बाला!
कोंपल देखो दिन दिन बढ़ती, ,,
चम्पई चाँदनी में कहती
मौसम बना अपना शुभेच्छु,
और फिर कविता है टेसू !!

नटी बावली बासंती ने
सजा लिये सुंदर से गहने!
लाल चटक संतरी संतरी, ,,
चम्पई चाँदनी में उतरी , 
खिलते प्यारे किंशुक केसू
और फिर कविता है टेसू!!

चमकीली सी आभा वाला
रेशमी लाल चमका आला,
हर फुनगी पर चिनगी कलियाँ,
झूम झूम करें रंगरलियाँ!
वसंत की आग जिसे ले छू,
और फिर कविता है टेसू!!

उतरे डाली से फूल लाल ,
रंगी होली अबीर गुलाल! 
चढ़े फागुन पर गहरा रंग, ,, 
आज बसंत ने बदला ढंग!
यूँ खुशियाँ उपहारों से दूँ ,
और फिर कविता है टेसू !!..... ''तनु''








Monday, February 10, 2020

दिल दिल कहाँ, ये कलेजा है कलेजा है !

दिल दिल कहाँ, ये कलेजा है कलेजा है !
अजब मैं हूँ नहीं, और न अंदाज़ बेजा है !!

ज़िन्दगी तुम और कायनात भी तुम हो !
हो अज़ीज़ तुम मेरे तभी पैग़ाम भेजा है !!

इक अफ़सुर्दा सा फ़साना चाहता न मैं !
दम निकले मेरा यही इक ख़्वाहिशें जा है !!

यूँ तो सौ -सौ दफा नौबहार आये है !
गुल खिले बागों में हमने ग़म सहेजा है !!

मुर्दा से इस दिल में कोई आरज़ू क्यों है !
खंजर कई दिल घुपे हैं चुभता नेजा है !!

बात बिगड़ी अब बना दे चाहता दिल है !
साथ अरमानों के ये संदेश भेजा है !!

है लगावट लाग के साथ सम्भल ऐ दिल !
अब ज़िंदगी है की बला है, वो जा ये जा है !!... ''तनु''

छोड़ मोही मोह को, देह तजना है!

छोड़ मोही मोह को, देह तजना है!
देखले उस छोर का गेह रखना है!!

हो जहाँ पर ईश वन्दन ध्यान धर!
फालतू की बात न सन्देह धरना है!!

तू खिलौना है किसी का खिलखिला!
टूटना है इक दिन विदेह रहना है!!

जानता ना तू  जिंदगी छोटी सी है!
साथ चलना संग सनेह रखना है!!

आज आया कल चलेगा रीत है ये!
सिर्फ माटी मीत है खेह रखना है!!

तू मिसाल बने सभी की राह चलते! 
उन सभी जन के लिये मेह भरना है!!... ''तनु''

Friday, February 7, 2020

झील, पानी, चाँद इशारा क्या करे ;
तू नहीं अब दिल बिचारा क्या करे ! 
ढल गयी शाम फ़क्त साया साथ है 
बिन तुम्हारे  ये नज़ारा क्या करे !!   ''तनु ''

Thursday, February 6, 2020

काम आज का कल पर सवार मत रहने दे !

काम आज का कल पर सवार मत रहने दे !
नकद ही ला सामान उधार मत रहने दे !!

मोटा खाकर थोड़े ही में चला गृहस्थी !
जी जिंदादिल तू इज़्तिरार मत रहने दे !!

प्यार से प्यार को बढ़ने दे ऐ प्यारे दिल !
अपने को नफरत का शिकार मत रहने दे !!

जीना है सबकी जिंदगी के लिए तुझको !
खुश रह कर जुबाँ पे इंकार मत रहने दे !!

तेरे चमन से राहें  मुअत्तर हो जाएँ !
फूल उगा कर रख कहीं ख़ार मत रहने दे!!

ख़िज़ाओं ने अबके कितने बिगाड़े मौसम !
इनको तू इतना बेकरार मत रहने दे!!

अच्छा ही बना रह जिंदगी है छोटी सी !
बार - बार खुद को शर्मसार मत रहने दे !!... ''तनु''
जब ना लिखूँ तो रोती है कलम
जब लिखा है तो आँख रोई मेरी!
एक जज़्बात लिए रोया है, ,,
तो एक जज़्बात पिये रोया है!
--"तनु "

Wednesday, February 5, 2020

डाली झूमें पवन से



डाली झूमें पवन से ,        भँवरे गायें गीत !
फिर क्यों दूरी साँझ से,    ओ मेरे मनमीत !!
पिया बावरी प्यार से,     रटती पी का नाम, ,,    
ऐसे तो निभती नहीं , जनम जनम की रीत !!... ''तनु''


ये प्यार है कैसा प्यार है

ये प्यार है कैसा प्यार है ?
के तसव्वुरों की बहार है,

परवाज़ है इक ज़हन की !
मेरी आरज़ू का इज़हार है !!

जानता हूँ यहीं कहीं तू है!
आ रु-ब-रु तेरा इंतेज़ार है!!

इक झुरझुरी रग़ रग़ में है !
तेरा इंतज़ार है या करार है !!

तू जवाबदेह नहीं तो क्या ,
फिर देखूं किसे इख़्तेयार है ?

कोई तो समझाए आखिर मुझे ,
क्या खलिश में भी ख़ुमार है ?

पासबाँ तू मेरा हबीब भी तू !
हासिल हुआ वो गिरफ्तार है !!

दिन काट ले तू बेनाम से ,
''तनु'' यही तेरी आदतों में शुमार है !!....''तनु''

Monday, February 3, 2020

मीठी मीठी प्यारी बातें

मीठी मीठी प्यारी बातें!
दे दे फिर से वो सौगातें !!
तितली से उड़ते उड़ते दिन, ,, 
दिल नन्हा सा लम्बी रातें!!

छुप्पम छैया पकड़म पाटी,

खेल खिलौने आटा बाटी !
झूठ की रोटी - पानी झूठ , ,,
बात बात पर गये जो रूठ !!
कैसा मज़हब कैसी जातें,
दिल नन्हा सा लम्बी रातें!

रोऊँ तो माँ गोद उठाले, 

आँचल भरले मुझे सुलाले! 
मेरे मन मंदिर में माँ है , ,,
बगिया में गुलाब महका है !
सुंदर हैं बचपन की यादें,
 दिल नन्हा सा लम्बी रातें!

मिट्टी गारे में खेल खेलना,

चोरी और चिरौरी करना!
सबने जीया अपना बचपन, ,,
अलग संसार अपना बचपन !
बचपन बच्चे सबको भाते,
दिल नन्हा सा लम्बी रातें !

जब-जब भी ज़हन मे आती हैं,

इक सिहरन सी दे जाती हैं!
बचपन बोल कहाँ चला गया , ,,
मेरा अन्तस क्यों छला गया !
चोरी चोरी जाते जाते, 
दिल नन्हा सा लम्बी रातें !.... ''तनु''







Saturday, February 1, 2020

नौबहार में अनाम हूँ

नौबहार में अनाम हूँ !
ख़ुश्बू हूँ ना मैं जाम हूँ !!

ए इश्क़ बिक गया मैं तो !
अच्छा ख़ासा बदनाम हूँ!!

जाँ देकर सोया चाहूँ !
हूँ सुकूँ, लगे आराम हूँ !!

बेशक़ीमती अश्क़ मेरे !
अनमोल बहे बेदाम हूँ!!

और नाकारा कर मुझे !
बिल क़स्द बे आराम हूँ !!

तेरे इश्क़ में डूबा रहा !
जुस्तजू तू अंजाम हूँ!!

खिला दे तू चेहरा मेरा !
मैं अभी भी तेरा नाम हूँ!!.... ''तनु''