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Thursday, January 30, 2020

सब यहाँ दुश्मन नहीं हैं प्यार रखना !



सब यहाँ दुश्मन नहीं हैं प्यार रखना !
प्यार के संग में मधुर व्यवहार रखना!!

भेद भाव अज्ञानता है एक हैं हम !
नेक भावों का यहीं इजहार रखना !!

नफरतों की बाढ़ अब चारों तरफ है!
वेदना बढ़ जायें ना पुचकार रखना !!

वेद, मानस ज्ञान, गीता भूलना मत !
मानव हो तुम उत्तम संस्कार रखना !!

आदमी हो आदमी को मत डराना !
लानतों से दूरियाँ धिक्कार रखना!!

डर नहीं लगता किसी को पाप से अब !
तुम बुराई से हमेशा इंकार रखना !!

दर्द में औरों के अब हँसना नहीं तुम !
सत्य ही आगे रहेगा इकरार रखना !!

मानवीय संवेदनाएँ  जीवित रहें  !
बात ''तनु'' कहती यही आधार रखना !!... ''तनु''

सुबह सिंदुरी शाम सुरमई




सुबह सिंदुरी शाम सुरमई 
अंगराग ले नाचे तितली 
खेत सरसों कचनार लाया
''सखी बसंत त्योहार आया''

नील गगन के तले पखेरू 
अपने लय स्वर को समेट कर
मन का गीत सुनाने चलते
मोहक साज बजाने चलते 
प्रीत गीत को लेकर कोयल
बागों बाग श्रृंगार गाया---''सखी बसंत त्योहार आया''

उसकी पगध्वनि हौले हौले
फूल रेशमी गाते भौंरे
कण कण जाग गया सौरभ से
केसर के रंग, रंग कर के
मन केसरी बौछार लाया 
अनोखी ये झनकार लाया ---''सखी बसंत त्योहार आया''

आस लिए झूमे वन पलाश
हवा धीमी महके मधुमास
हुई सरवर में श्री की वृद्धि
ले अनुराग बहकी दिशाएँ 
वसुधा ने श्रृंगार सजाया
हँसते कमलदल सार पाया--- ''सखी बसंत त्योहार आया''

इन आमों की गंध मंजरी
बदल रही सौंदर्य की छाया
मानो जीवन के पतझड़ ने 
ऋतु कांत का रूप दिखाया 
जीत भरी मुस्काने लेकर
फूल डालियाँ दुलार आया--- ''सखी बसंत त्योहार आया''...

 ''तनु ''


Wednesday, January 29, 2020

पात सूखे उड़ चले, ऋतुराज आया

पात सूखे उड़ चले, ऋतुराज आया !
सिहरते से दिन गये, ऋतुराज आया !!

लहक फूलों सी उठी, डाली पेड़ की ! 
गंध मधुर मदिर भरी, ऋतुराज आया !!

खेत सरसों छा गया है, रूप पीला !
धूप निखरी सी उठी, ऋतुराज आया !!

मान मनुहार कर, जीवन प्यार जागा ! 
भृंग गाते गीत हैं, ऋतुराज आया !!

तितलियाँ है बाग़, गाती डाल चिड़िया !
क्षितिज तक बिखरी खुशी, ऋतुराज आया !!... ''तनु''

Tuesday, January 28, 2020

गा रही ख़ुशी के अल्फ़ाज़ में ग़ज़ल

गा रही ख़ुशी के अल्फ़ाज़ में ग़ज़ल है !
ख़ुशी ही बयां है    अंदाज में ग़ज़ल है !!

कहे झुर्रियों की हर परत कहानी !
हसीन ये कितनी है आज में ग़ज़ल है !!

गीत अम्नो अमन के साथ हमारा!
ख़ुशी ही बयां है हर साज़ में ग़ज़ल है!!

सभी मुसाफ़िर सफर है सभी का !
आसमा है जिंदगी परवाज़ में ग़ज़ल है !!

मौत को गले लगाता है झूम कर !
जाँ देता है वो जाँबाज़ में ग़ज़ल है !!

महफ़िल में किस का अंजाम देखते!
ढा गयी सितम हर आग़ाज़ में ग़ज़ल है !!... ''तनु''

रो रही दर्द के अल्फ़ाज़ में ग़ज़ल


रो रही दर्द के अल्फ़ाज़ में ग़ज़ल है !
कैसे हो बयां इस अंदाज में ग़ज़ल है !!

हम सभी मुसाफ़िर सफर है सभी का !
आसमा है जिंदगी परवाज़ में ग़ज़ल है!!

उदासियों में कोई हल नहीं मिलता !
ग़ुम जो हो जाये हर राज़ में ग़ज़ल है!!

कहे झुर्रियों की परत परत कहानी!
हसीन ये कितनी है आज में ग़ज़ल है !!

मौत को गले लगाता है झूम कर जो !
जाँ  भी देता है जाँबाज़ में ग़ज़ल है !!

महफ़िल में किस किस काअंजाम देखें !
ढा गयी सितम हर आग़ाज़ में ग़ज़ल है !!... ''तनु''



क़ैद क्यों हो गयी हवा आख़िर !

क़ैद क्यों हो गयी हवा आख़िर !
साँसों पर पहरा पड़ा आख़िर !!

बागबाँ ही जला रहे हैं चमन !
हम किस से करते गिला आख़िर!!

आग नफ़रत की जला गयी बस्ती !
बच्चा बूढ़ा न बचा जला आख़िर !!

नहीं पसीजी घटा, न उड़े बादल !
बूँद - बूँद  मुहताज हो गया आख़िर !!

बहुत लम्बी उम्र सियासत की !
 खूं  हर पहर सींचता आख़िर !!

दूर होता गया निगाहों से !
घाव दिल का ज़ख़्म बना आख़िर !!

''तनु'' नहीं रोती लिए नमी आँखों !
 मुस्कुराना सही दवा आख़िर !!.... ''तनु''

Sunday, January 26, 2020

मन मेरा निर्मोही हुआ
जग के सारे बन्धन तोड़,
दूर ज्यों इक बटोही हुआ
मन मेरा निर्मोही हुआ

 नई धूप बो गयी काँटे,
जहरीली हो गयी साँसे !
जल थल नभ जलता रह गया , ,,
कैसा समय विद्रोही हुआ
मन मेरा निर्मोही हुआ

माँ का आँचल शुष्क हो गया,
नीर क्षीर विलुप्त हो गया !
घट की पीर व्योम हो गयी, ,,
अकेला अश्वरोही हुआ
मन मेरा निर्मोही हुआ

भेद छिपाकर जी न पाऊँ,
बह श्रम बिंदु जीवन पाऊँ!
दीपक बाती बिन न जलता, ,,
मेरा न्यारा छोही हुआ
मन मेरा निर्मोही हुआ!!

आपसी विश्वास टूटता,
प्यार का अहसास रूठता!
चन्दन सा सुवासित जीवन, ,,
वाणी चूकी मौनी हुआ
मन मेरा निर्मोही हुआ!....''तनु'

सोच में उछाल है ख़्वाबों की ज़मी है !

सोच में उछाल है ख़्वाबों की ज़मी है !
आसमां मंज़िल है,  क़दमों में ज़मी है !!

सोज़िशें रग रग,  दीवानों की नज़र है !

सहरा भी हरा है, नहीं मेहनत में कमी है !!

तसव्वुर नहीं भूख का, मसरुफ हूँ बहुत !

कोशिशें मेरी ही ज़मी है कि थमी है !!

राहें हसीं निगाह हैं, खतरों की मंज़िलें !

मुसीबतों के मुकाम कहीं बर्फ़ जमी है!!

बेख़ौफ़ बना दिया हूँ जहां ने इश्क़ में !

ओढ़ तिरंगा सो रहा क्यों आँखों नमी है !!

देश की खातिर आ इसमें लिपट के देख !

मिलती हैं सलामियाँ 'तनु' वह तो हमी है !!... 'तनु'






Friday, January 24, 2020

आस से फिर प्यार किया देखो

आस से फिर प्यार किया देखो !
दिल से यूँ इसरार किया देखो !!

इश्क़ ही इश्क़,  इश्क़ यारां !

घड़ियों इंतज़ार किया देखो !!

दे के ठंढी हवाएँ  दामन से !

खुदाई पे एतबार किया देखो !!

दर्द चुभता है दिल ही दिल में !

उलझन ने खबरदार किया देखो !! 

अब न धड़के दिल हुआ किसी का !

सैकड़ों दरकिनार किया देखो !!

दिल हथेली पे, सर है काँधे पर !

''तनु'' अर्ज बार - बार किया देखो !!... ''तनु''

मन मेरा निर्मोही गया,

मन मेरा निर्मोही गया,
जग के सारे बन्धन तोड़,
दूर ज्यों इक बटोही गया !
मन मेरा ----

 नई धूप बो गयी काँटे,
जहरीली हो गयी साँसे !
जल थल नभ जलता रह गया , ,,
कैसा समय विद्रोही गया,
मन मेरा निर्मोही गया!!

माँ का आँचल शुष्क हो गया,
नीर क्षीर विलुप्त हो गया !
घट की पीर व्योम हो गयी, ,,
अकेला अश्वरोही गया,
मन मेरा निर्मोही गया!

भेद छिपाकर जी न पाऊँ,
बह श्रम बिंदु जीवन पाऊँ!
दीपक बाती बिन न जलता, ,,
मेरा न्यारा छोही गया,
मन मेरा निर्मोही गया!!

आपसी विश्वास टूटता,
प्यार का अहसास रूठता!
चन्दन सा सुवासित जीवन, ,,
वाणी चूकी मौनी गया ,
मन मेरा निर्मोही गया!!....''तनु''

Thursday, January 23, 2020

दुनिया का ऐतबार कौन करे !

दुनिया का ऐतबार कौन करे !
यूँ दिखावे का प्यार कौन करे!!

बात उनकी कभी कभी अच्छी ! 

रोज़ जिक्र में शुमार कौन करे !!

आँख आँसू भरी रही जब तब !

अश्क़ बहा कर खार कौन करे !!

एक कदम तो चला नहीं जाता !
 ये ग़मों के असफ़ार कौन करे !!

रोज़ तिल तिल ज़रा ज़रा मरना !
फिर उस पर जां निसार कौन करे !!

राज़ अपने निहाँ रखो अपने !
जीता तन,मन पार कौन करे !!

जानता सच कहूँ ना मानेगा !
''तनु'' जनम-जनम रार कौन करे !!... ''तनु''

Wednesday, January 22, 2020

कर्म अच्छे हमारे पानी हुए हैं !

कर्म अच्छे हमारे पानी हुए हैं !
सबूत सच्चे सारे फ़ानी हुए हैं !!

जिंदगी सराब ख़्वाहिशों का !

और हम ही कहानी हुए हैं !!

अब रहा कुछ भी नहीं बाकी !

पाँव रेत पर निशानी हुए हैं !!

बोझ कंधा बाज़ूयें हैं सहती ! 

क्यों यहाँ अर्थ बेमानी हुए हैं !!

ठहरा हुआ मैं पानी हूँ देखो !

मौज भी ना ऐसी रवानी हुए हैं !!

ज़िद ये कैसी जो पूरी ना होती ! 

दोस्त कब? आग पानी हुए हैं !!

वो खत जो तुम पढ़ भी पाये ! 

किसलिए फिर तर्जुमानी हुए हैं !!

थी खता तुम्हारी देते हो माफ़ी !

जख़्म-जख़्म की बानी हुए हैं !!

 बस वहाँ प्यास ही प्यास थी !

 केवल हम ही पानी पानी हुए हैं !!.... ''तनु''

Sunday, January 19, 2020

कभी ख़यालात में, मैं जज़्बात में!
उलझे उलझे से इन सवालात में !!

उनका प्यार रहमत या की क़ैद है! 
यही दिन रात है, मैं तिलिसमात में !!

पहुँचा हूँ किस तरह मैं मन्ज़िल तलक ??
घात ही घात में,   सभी हालात में !!

यूँ चमन से चुरायी गयी ख़ुश्बुएँ!
चुप चुप सहा है,  ऐसे ज़ुल्मात में !! 

दाव ग़ैरों के, अपनों को घाव दे!
कई जानें गयीं हैं,  खुराफात में !!

अदम से चला हूँ, आज तक कहर हूँ ! 
ना थी सुनी चहक कभी नग़मात में !!

ना गिला ना शिकायत कभी किसी से!
कोई बदलाव ना 'तनु' दिन रात में !!... ''तनु''






Wednesday, January 15, 2020

फूल खिलते ही गये, हाथ है बहारों का !

फूल खिलते ही गये,    हाथ है बहारों का !
मंज़िलें मिलती गयीं, साथ मिला राहों का !!

प्यार का सजदा करूँ, हाँ कबूल तू मुझको ! 

गाता जाऊँ हर दिन,    ये गीत वफाओं का !!  

सब दे रहें दुआएँ,  दिलो जान से मुझको !

दामन मेरे,  तू भर ले असर दुआओं का !!

मन उपवन है मेरा,  मंद पवन है डोलती !

भँवरों सी गूँज रही,  प्रीत की सदाओं का !! 

उलझ पीर में तेरी,   पल रोऊँ पल गाऊँ !

रहता इंतजार भी, क्यों मुझे खताओं का !!

अना मेरी खो गयी, मिली जेहन भर पीर !

प्यार का कसूर तनु,  सिला है निगाहों का !!... ''तनु''




 






यूँ पत्थर पत्थर जल ढूँढना क्या ?

ऊसर उगे ना फसल ढूँढना क्या ?

शेर मेरे कुछ भी ना कह पाएँगे ,

इस नाक़ामी में सहल ढूँढना क्या?

धड़कती बस्ती में किलकारियाँ थी, 

गीत भी नहीं है ग़ज़ल ढूँढना क्या ?

काफिला ले के चला रहबर बनेगा ,
आदमी ऐसा आजकल ढूँढना क्या?

ये नगर है रूखा सूखे शजर हैं ,
बशर बिन चहल पहल ढूँढना क्या ?

खुद खुश रहें और सबको रखें खुश ,
 शुभ कामना दें पहल ढूँढना क्या ??.... "तनु"' 

Tuesday, January 14, 2020

गीत मुझ पर लिखा सुना दीजै

गीत मुझ पर लिखा सुना दीजै !
खुश रहे तू सदा दुआ दीजै !!

तेरी ही चाहत, मैं रहूँ हँसती !
साथ थोड़ा मेरे मुस्कुरा दीजै !!

आँख मेरी नम दामन भिगोये !
जिंदगी से दुख को मिटा दीजै !!

सुबह का ख्वाब, रात की बात मैं !
चाँद में नाम मेरा जड़ा दीजै !!

प्यार चाहत वफ़ा सभी तुम हो !
और बातें  यहाँ भुला दीजै !!

याद रक्खे जहां तनुजा ''तनु''को !
गीत मेरा ज़रा गुनगुना दीजै !!... ''तनु''

Sunday, January 12, 2020

हौसला जब टूटता है

हौसला जब टूटता है जीत नज़दीक होती है,
मेहनतकश की जिंदगी भी इक तारीख़ होती है !
रात दिन दुख दर्द के  ख्वाब जागी आँखों के, ,, 
इम्तहानों में सच्चों की सही तस्दीक़ होती है!!... ''तनु''

Saturday, January 11, 2020

क्या क्या तू लिख जाय ;



लिखने वाले हाय रे , क्या क्या तू लिख जाय ;
धरती को मूरत बना ,      माया से नहलाय !
माया से नहलाय !          बर्फ की करे बुवाई ;
बहरों से बतियाय,      उसर में फसल उगाई !
रही ''तनु'' घबराय ,      जगत के देखे अपने !
झूठा मन भरमाय,   बोल ?? बैठेगी  लिखने !! .. ''तनु ''

Wednesday, January 8, 2020

चाँद देख जियरा जरे है!


चाँद देख जियरा जरे है!
चाँदनी जी, जी, मरे है!!

बात करते फूल झरते !
वो तो  ऐबों से परे है!!

ख़्वाब सागर की लहर है! 
डूब कर भी क्या तरे है!!

इश्क़ ने बख़्शा है जिसको!
बे- हुनर जीये  मरे है!!

और जिसको इश्क़ नवाजे !
वो खुदा से भी परे है !!

ले गया है धड़कने भी!
जो मेरी जद से परे है !!

कह गया जो मुझको कातिल!
वो ना दुनिया से डरे है!!

पा लिया है मुझ पे काबू!
बात बातों में करे है !!

मैं मुक़ाबिल आइने के !
अक्स उसका ही उभरे है !!... ''तनु''

है सभी का वजूद मेरा छोड़ कर!

है सभी का वजूद मेरा छोड़ कर!
आशियाना था बसेरा छोड़ कर!!

आँधियों ने अँधेरे जब जब किये !

दूर जुगनू भागे डेरा छोड़कर !!

स्याह रातों, चाँद का भी जी घुटे!

जा रहा सूरज सवेरा छोड़ कर!!

गीत रूठे, सावन झूले रुक गये !

बारिश गयी घन घनेरा छोड़ कर !!

हो गया बस तुझसे कुछ लेना नहीं!

 जा रहा मैं दर ये तेरा छोड़ कर !!

आते - जाते थक चुका हूँ भागते !

अब रुकूँ न आख़िर फेरा छोड़ कर !!

कनक पिंजर में आत्मा का वास है !

चाह जाना, जग बखेरा छोड़ कर!!

आज सो लूँ  चैन पा लूँ नैन भर ,

क्यों रहे प्रभु 'तनु' सा चेरा छोड़कर ?... ''तनु ''

Tuesday, January 7, 2020

पेड़ जब एक मरता है, बहुत इंसान मरते हैं!

पेड़ जब एक मरता है, बहुत इंसान मरते हैं!
कर रहे हैं बंजर जमी, वो किसी से न डरते है!!

ख़्वाब ये अंधी आँखों का, एहसास भरा दिल टूटा!
वे कभी उफ्फ़ नहीं करते, ना कभी आह भरते हैं!!

क्यों फूल सूखे बहारो में,  यूँ गर्म हवा के होने से!
तपन से जलती धरा, मगर हम कुछ भी न करते हैं!!

मंज़िल मंज़िल कैद में और हर मकां मुजरिम रहे!
साँस घुटती  रूह प्यासी, जी रहे यूँ,   न मरते हैं!!

ये सदी ख़ौफोख़तर की,  दर्द है तारीकियां है!
आदमी के जंगलों में,  आदमी जान हरते हैं!!

सुर्ख़ होठों में दबी खामोशियाँ कुछ कह पाएँगी ?
फूल हरसिंगार ''तनु'' अब न खिलते हैं न झरते हैं !!... ''तनु''









Saturday, January 4, 2020

ऐसा ही होता है !

ख़्वाबों,ख्यालों मदहोशी में, ऐसा ही होता है !
चाँद शरमाया घटाओं में,     ऐसा ही होता है!!

फूल कलियाँ खिल गये, यहाँ भँवरे भी गाने लगे !
अभी तुम ही मुस्कुराये हो, ऐसा ही होता है !!

दिल लगाया,  रोये बहुत हम दूरियाँ भाती नहीं !
पास हो तुम, समय भागे क्यों,  ऐसा ही होता है !!

ग़ज़ल में बन गया घरौंदा, बुलबुल भी गाने लगी!
कहीं है चाँद तो कहीं चकोर, ऐसा ही होता है !!

लरजते लब भी होंगे, महकती ज़ुल्फ़ भी होगी !
नाज़ो-अंदाज़, शोख़ियाँ, मस्ती ऐसा ही होता है !!

कभी रंजिश कभी आशनाई, है प्यारा दिलदार !
इश्क़ में जब इश्क़ मिले, ''तनु'' ऐसा ही होता है!!.... ''तनु''







Thursday, January 2, 2020

ख़ौफ़ बिकता मोल बिन, और मुनाफे में तबाही ! 
खून से लथपथ ज़मीं है,     कौन देगा ये गवाही !!

बात उन की शीर शीरीं,  संग सब उनके हुए !
इस तरह मिलती गयी है, खास उनको बादशाही !!

कुछ सवाल गए भाड़ में, कुछ रखे हैं ताक पर !
बहुत बड़े फ़नकार हैं ये,  कीजिये बस वाहवाही !!

बैठते वातानुकूलक, मापते हैं शीत गर्मी !
पी रहे हैं कोक, फेंटा, भूलते मटका सुराही !!

देश में ऐसी जम्हूरियत, सिकीं सियासती रोटियाँ !
रो रही मजबूर जनता,  खो गए दीन -ए - इलाही !!

वो नहीं पूछेंगे हाल''तनु''आप अपनी जानिये !
कौन है जो चल के पूछे  कहाँ हैं जिल्लेइलाही !!.. ''तनु''

ताबीर का बाज़ार है, हम तो यहीं खड़े हैं !
कितने अफ़सोस की है बात, गरीबी में पड़े हैं !!

किस्मत की कहानी में , सितम और सितमग़र !
एक अपनी ही बस्ती है, जहाँ पर शूल गड़े हैं !!

दस्तार ने कई बार उनके क़दमों को चूमा !
एक वो हैं कि आइने से बात करते अड़े हैं !!

सूरज के इशारों पे  मैं चलता ही गया हूँ !
दरिया ही रहा प्यासा ये नियम भी कड़े हैं !!

आस थी इस राह में कभी हमराह चलेंगे !
कोई नहीं जो दीया बन के तूफां से लड़े है !! .... ''तनु''