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Friday, March 27, 2020

सूखे पत्ते नम बनाना छोड़ दे !

सूखे पत्ते नम बनाना छोड़ दे !
किसी को हमदम बनाना छोड़ दे !!

उन रिसते ज़ख्मों को मत देख तू !

घाव पर मरहम लगाना छोड़ दे !!

खूबसूरत है ये दुनिया देख ले !

जिंदगी दोयम बनाना छोड़ दे !!

दूसरों के दुख में घुलना ठीक है ??

वास्ता ख़ुद से रख बहाना छोड़ दे !!

हारती समझा के दुनिया सुन तनु !
दिल में प्यार रख जताना छोड़ दे !!... ''तनु''

Wednesday, March 25, 2020

इक कहानी

इक कहानी .. कुछ इस तरह 

आजकल दीवानगी की हद हो गयी
मौसमों में खासी जद्दोजहद हो गयी

हवाओं की कुछ ने थाम ली लगाम
बादलों संग कुछ की कवायद हो गयी

देखते अम्न का मंज़र सपनो का जहां 
शाम सुब्हो एक यही इबादत हो गयी

किसी को सादा  सादा ही मिलेगा
किसी को तख़्त की आदत हो गयी

झूठ की बुनियाद पर इमारतें इमारतें 
इंसानियत की नींव यूँ  फ़लक़ हो गयी

ज़ुल्म इतना की कोई सख़्ती ही नहीं  
 आदमी की कैसी ये फ़ितरत हो गयी 

अहल-ए-दानिश भीड़ में नाफ़हम भी बहुत
बे अंदाज़ा भीड़ ''तनु'' बे अदब हो गयी... ''तनु''






Monday, March 23, 2020

जले जब दीपक देखी राह

जले जब दीपक देखी राह
संकेतों की उलझती चाह
प्यार को ठुकराया जब तुमने
कौन पकडेगा अपनी बाँह

साँझ सवेरे रोज़ मिलेंगे
सजना तेरी राह तकेंगे
पेड़ों तले नदिया किनारे 
परछाई सूनी पकड़ेंगे
अब न वहाँ कलियाँ बिखरेंगी
धूप सहती है बिखरी छाँह.... कौन पकडेगा अपनी बाँह

कैसे तारों का ये आँगन
आह भरे जब ना है साजन
कोई टिटहरी दूर बोले
अंगना कंगना सोया मन
अब न वहाँ कंगन खनकेगा
कोई चाह ना कोई आह... कौन पकडेगा अपनी बाँह

प्यार के पन्ने  कोरे कोरे
भर भर आते नयन सकोरे
लिखूँ गीत कैसे रूहानी
जज़्बे  सोये जी के मोरे 
दर है सूना,  मन है विव्हल 
सो गया है सपनो का गाँव... कौन पकडेगा अपनी बाँह  .... ''तनु''





Sunday, March 22, 2020

हृदय में नेह भार बहुत है

हृदय में नेह, भार बहुत है
 तुम्हारा आभार बहुत है

जिंदगी जैसे चलती रेल
राही मिल गये जैसे खेल
प्यार मुहब्बत दिया ईश ने
रखता हूँ मैं हरिक से मेल
 मेरे मित्र हैं राम रहीमा
उनसे मुझको प्यार बहुत है
हृदय में नेह, भार बहुत है,..  तुम्हारा आभार बहुत है

नित मेरे आकुल अंतर में
नेह सुभाषित ज्यों पाथर में
लेकर चाँद सूरज से गीत
प्रीत उमड़ आती गागर में
जब जब नेह शब्द से सींचूँ
खिल जाता संसार बहुत है
हृदय में नेह, भार बहुत है,..  तुम्हारा आभार बहुत है

हर सूरत प्यारी किताब है
नेक दिल को मिले खिताब है
मेरी याद हृदय सबके हो
इसका तो रखना हिसाब है
इस पथ में राही हुए अमर
कथाएँ बेशुमार बहुत है
हृदय में नेह, भार बहुत है,..  तुम्हारा आभार बहुत है

मिली व्यथा कहाँ नेह मिला
तो कभी - कभी संदेह मिला
चाहत चलने वाला जाने
चलते गए और गेह मिला
 है अंतर्मन में हर हिसाब
कितना दूँ  उधार बहुत  है
हृदय में नेह, भार बहुत है,..  तुम्हारा आभार बहुत है। .. ''तनु''



Saturday, March 21, 2020

हाय मेरा दिल


छुपता छुपाता, गुनहगार हो गया !
माह बिन मौसम बीमार हो गया !!

यूँ रहा रोता, दिल शिकस्ता रहा !
वो इमां था, तार तार हो गया !!

मुस्कुराता था अर्श पर फाँक सा !
एक दिल ये मेरा हज़ार हो गया !!

बे भरोसा नहीं, बादल भी नहीं !
बहुत रूमानी, बेशुमार हो गया !!

कोशिशें कितनी जुल्मी ना बना !
दिल दिल ना रहा एतबार हो गया !!

एक रंग हो उसका तो बताऊँ मैं !
''तनु'' रंगों को ले नौबहार हो गया !!... ''तनु''

माह-चाँद

Friday, March 20, 2020

आपको जब तलक छुआ ना था !


कोरोना अब तलक हुआ ना था !

आपको जब तलक छुआ ना था !!

कैसे साँसों में हरारत आयी !

ताप ने आपको छुआ ना था !!

घुस गया कैसे पेट में जा कर !

गोया वायरस था, पुआ ना था !!

जैसे साँसे गयीं और दिल डूबा !

ऐसा तो अब तलक हुआ ना था !!

वो क़यामत सुबह शामों की !

करने वाला कोई दुआ ना था !!

कैसी नादानियाँ करे पापी !

काँपता जो उसका रुआं ना था !!

मुतमइन हो के सब को लील गया !

दाँव पक्का ही था जुआ ना था !!

नापते चाहतें हदें उसकी !

वो मुआ, अतर मजमुआ ना था !!

लो ये कैसा बना है दीवाना !

मौत रटता रहा , सुआ ना था !!... ''तनु''

Thursday, March 19, 2020

इस जहां को बहार दे जाओ

इस जहां को बहार दे जाओ,
तार छेड़ो झनकार दे जाओ !

जिंदगी ख्वाब ही न हो जाये,
कोई मुनासिब सार दे जाओ !

चह चहाता नहीं घरौंदा क्यूँ ,

तुम्ही तिनके उधार दे जाओ !

खो गया है सबर करार कहीं,
कुछ ख़ुशी प्यार यार दे जाओ !

आओगी कब मिलने मिलाने को,
दाना दुनका पुचकार दे जाओ !

क्या कहें जो उदास बैठेंगे,
एक चिड़िया करतार दे जाओ !

चहचहाते किस्से हों जिसमें,
वो पुराना अखबार दे जाओ !.... ''तनु''

Sunday, March 15, 2020

माँ की ममता

जनम जनम की चाकरी,  जनम जनम उपकार!
माँ बढ़कर भगवान से,     जनम जनम दे प्यार!!

माँ की ममता छाँव सी,  शीतल सुरभित मंद!
शिशु को माँ की गोद में ,  कितना  है आनंद!!

माँ रूठी हो आपकी, जीवन हुआ असार!
माँ साथी हो आपकी,     जीवन में है सार !!

बलिहारी माँ आपकी,  जीवन दिया सँवार !
माँ बढ़कर भगवान से, जनम जनम उपकार!!... ''तनु''



माँ

ममता की छाया तले, शिशु को है आराम !
माँ तुम्हारे धीर को,    लाखों लाख सलाम !!

सुख, एहसास प्यार के,   अनबोले से बोल !
माँ औ ममता नाम का,  कहीं नहीं है मोल !!

रोऊँ तो छाती लगा, आँचल देती वार !
कैसे भूलूँ मैं भला,   माँ तेरा उपकार !!... ''तनु''





Friday, March 13, 2020

मिसरा मिसरा तुझे पिरोया

मिसरा मिसरा तुझे पिरोया
ग़ज़ल ग़ज़ल किया है प्यार
दाग़ मीर की ले विरासतें 
जग सँवारा मैंने यार

क्यारी में मुस्काने बोयी
फूल हँसी के डार डार 
नीलगगन पर तारे छिटके
बजती है मीठी सितार
प्रीत तेरी जीवन अनमोल
बरसे रंगों की फुहार
दाग़ मीर की ले विरासतें 
 जग सँवारा मैंने यार

पाँव बजेंगे पैंजन घुँघरू
छनकती पायल झंकार
मन की देवी को कर वंदन
पूजूँगा तुझे हरबार
प्यार अर्पण जीया समर्पण
भावों के मधुर उद्गार
दाग़ मीर की ले विरासतें
 जग सँवारा मैंने यार

नज़र नज़ारे ख़ुशी बयाँ है
खुश सभी अपने किरदार
नीर नदी का कल कल बहता
 लिए सहारा तट किनार
बंदिश कहाँ प्यार करने को
जब संग ले लो मनुहार
दाग़ मीर की ले विरासतें
  जग सँवारा मैंने यार ... ''तनु''










Saturday, March 7, 2020

पार लगा दो, मेरी नैया

पार लगा दो, मेरी नैया
मेरी नैया, सुनो खिवैया !
सुनो खिवैया,  आ जाओ अब
आ जाओ अब, दुख भारी है !
दुख भारी है, डूबी नैया !
डूबी नैया, पार लगा दो !!... ''तनु''