कुछ करीब कुछ सुदूर थे वो सब के सब मजदूर थे दस्तूर जीवन का कमाना हाँ !! सब ही तो मजबूर थे...तनुजा ''तनु ''
Friday, June 10, 2016
पात नहीं परीर हूँ ; बाँस हूँ बनीर हूँ ! संधान को तैयार हूँ ; भरा हुआ तुणीर हूँ ! आहूत हूँ आहत नहीं ; आल्हादित पात्रीर हूँ ! आफतों के दौर में ; मिटती हुई महसीर हूँ ! आदि भी आखीर भी ; नीर हूँ औ क्षीर हूँ !!....तनुजा ''तनु ''
पात नहीं परीर हूँ ; बाँस नहीं बनीर हूँ ! संधान को तैयार हूँ , ,,, भरा हुआ तुणीर हूँ !!....तनुजा ''तनु ''
Thursday, June 9, 2016
अलहदगी
वो हमारी जिंदगी थी ; खाब मेरा, बंदगी थी !! चाँद उतरा था जमीं पर; नूर रौशन था सादगी थी !! तलब थी मेरी इक ही तो ; पाक दिल में कहाँ रिंदगी थी !! सर्द हवा थी औ ख्याल तेरा ; दिल खुश था आसूदगी थी !! नासमझ है शाम की हवा कैसी प्यारी आजादगी थी !! हाल ये की तेरी हंसी में ; कुछ ग़मों की पोशीदगी थी!! के तमाम इलज़ाम चाँद को ; राहे इश्क की ?? अलहदगी थी !! तनुजा ''तनु ''
Saturday, June 4, 2016
जीवन बीता संघर्षों में ये तो न थी अभिलाषा ; सावन हुआ पतझड़ मेरा ये तो न थी अभिलाषा ! तज कर जीवन के सारे सुख मन कंटक पर सोया , ,,, तुम भी मेरे साथ नहीं थे ये तो न थी अभिलाषा !!..तनुजा ''तनु ''
Friday, June 3, 2016
यूँ मैंने लहराई जुल्फ के फूल खिल गए
चित्र ही कहे कहानी अब होंठ सिल गए
अच्छी सी तस्वीर मेरी लोगे न तुम अभी
अशअश कह उठे लोग अहा कि दिल गए
मैंनन्हा हूँ मुझे मुस्कान चाहिए ;
मैंग़ज़ल हूँ मुझे अरकान चाहिए !
गोद में मेरे आने से मिली ख़ुशियाँ ;
मुझ से बाबस्ता तुझे पैमान चाहिए !..... तनुजा ''तनु ''