अलहदगी
वो हमारी जिंदगी थी ;
खाब मेरा, बंदगी थी !!
चाँद उतरा था जमीं पर;
नूर रौशन था सादगी थी !!
तलब थी मेरी इक ही तो ;
पाक दिल में कहाँ रिंदगी थी !!
सर्द हवा थी औ ख्याल तेरा ;
दिल खुश था आसूदगी थी !!
नासमझ है शाम की हवा
कैसी प्यारी आजादगी थी !!
हाल ये की तेरी हंसी में ;
कुछ ग़मों की पोशीदगी थी!!
के तमाम इलज़ाम चाँद को ;
राहे इश्क की ?? अलहदगी थी !! तनुजा ''तनु ''
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