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Tuesday, December 15, 2020

आँसू आँखों में डबडबाते हैं


आँसू आँखों में डबडबाते हैं; 
नीचे गिरने से हिचकिचाते हैं

हर तज़ुर्बा सबक़ सिखाता है; 
रोते रोते कभी खिलखिलाते हैं!

अंजाम चाह कर नहीं मिलते; 
हार से डर कर डगमगाते हैं!

आशियाना यूँ उजाड़ने वाले ;
देखते हैं क्या, गिड़गिड़ाते हैं !

क़ायदा रखते तो ये नहीं होता; 
टूटते कौल, दिल कसमसाते हैं !

नींद से डरना कभी नहीं वाज़िब;
ख़्वाब नींद में  ही दनदनाते हैं !

आज़माईश असीर पर कैसी? 
जो परिंदों सा फड़फडाते हैं ! ... ''तनु''

 

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