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Sunday, July 11, 2021

मेरे तसव्वुरात की वुसअत मुबारक़ हो मुझको

 मेरे तसव्वुरात की वुसअत मुबारक़ हो मुझको; 

खिलती कलियों की ये सौगात मुबारक़ हो मुझको!  


नम हवा, जरा जमीं का टुकड़ा सूरज की रौशनी;  

बीज फट पौधा बना, बनफूल मुबारक़ हो मुझको!


बेग़रज़ होके ये प्यार की डोरी बाँधी उससे; 

कायनात समझ लूँ सलाहियत मुबारक़ हो मुझको! 


फूल में झाँको, वही रंगत, वही खुशबू मोहती;   

ख़ार जो सरजद ना हुआ वही मुबारक़ हो मुझको! 


है भरोसा दुनिया मुझको, हर शय में क़शिश कायम;

सजीली धनक की पाक़ीज़गी मुबारक़ हो मुझको!.... ''तनु''

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