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Friday, November 30, 2018

बहुत से ग़म हँसना पड़ेगा ही !

 बहुत से ग़म हँसना पड़ेगा ही !
  ऐ मुक़द्दर लड़ना पडेगा ही !!

काट अपनी कहाँ रखूँ  बाहें ! 
वो दुश्मन बन गया लड़ेगा ही !!

जिंदगी अब ज़ख़्म ज़ख़्म है तू !
घाव को तो रिसना पड़ेगा ही !!

आसमाँ भी कभी रहा खाली ?
वो सितारे कुछ तो जडेगा ही !!

 दे दे सब्र करूँ इंतज़ार मैं !
मालिक आना तुझे पड़ेगा ही !!... ''तनु''


लो अब दर्द सहना पड़ेगा ही !



लो अब दर्द सहना पड़ेगा ही !
ज़ख़म तो है बिगड़ा, सड़ेगा ही !!

अब हुआ है गहरा, रिसा सड़कर !
काम का ही नहीं कटेगा ही !!
   
आ गयी है ख़िज़ां गयी बहार !
पीला  है ये त्ता झड़ेगा ही !!

ये ज़रूरी नहीं परिंदा फिर !
पर घायल गर हैं उड़ेगा ही !!

आँख कहती जुबाँ नहीं कहती !
प्यार दिल को हुआ जुड़ेगा ही !!... ''तनु''

Monday, November 26, 2018

कमसिन किरणें




कमसिन किरणें हैं खड़ी, ठिठुरे उनके पाँव !
आग तापती रैन है,       अब ना भाये छाँव !!

 दिन सिकुड़े छोटे हुए, कौन खा गया धूप !
 तन गहरी सुइयाँ चुभे, शीत दिखाये रूप !!

कोहरे की चादर में,   धुंधला गयी भोर !
रवि रथ के सगरे अश्व, हुए बहुत कमजोर !!

 हिमालय की अटारियाँ, उतरे सफेद हंस !
 हिम के पाखी सो रहे,  पंख हो गये नंस !!

 किरणों से दिन बुन रहा, धर कर अनगिन रूप !
 मोती चुनता ओस के,          सूरज भूप अनूप !!... ''तनु''


Wednesday, November 21, 2018

दर्पण छायी मलिनता, रोये जब है आँख !
मुखड़ा धुंधल हो गया,  खोय ख़ुशी की छाँक !!
आँसू की लड़ियाँ चली  ,  अधर गये हैं सूख, ,,
मलिन मन, जी की खुशियाँ,  कोउ सके ना आँक ?... ''तनु''

अँखियाँ




नयन अंजुरी में भरी, सपनों की सौगात !
यूँ ही छलक जायेगी ,  बातों ही में बात !!

नयन अंजुरी जल रहे, जैसे जल में  मीन !
सजल नयन में राम हैं, तन मन तुझमें लीन !!

अँखियाँ झील हो गयी,  हुए समंदर नैन ! 
ये सुख दुख की टोकरी,  मालिक तेरी देन !!... ''तनु''

दर्पण छायी मलिनता


दर्पण छायी मलिनता, रोई जब जब आँख !
दुख के दिन गुम हो गयेहँसती है अब आँख !!
सपन समेट जाग गयी, आँखें मलती भोर , ,,
आया सुदिन फूल खिले पाय ख़ुशी की छाँक  !... ''तनु''  

दर्पण आई मलिनता


दर्पण आई मलिनता, रोई जब जब आँख !
मुखड़ा धुंधला गया,  खोय ख़ुशी की छाँक !!
आँसू की लड़ियाँ चली  ,  अधर गये हैं सूख, ,,
मलिन मन, जी की खुशियाँ,  कोई सकता आँक ?... ''तनु''

Tuesday, November 20, 2018




  शरद ऋतु की चाँदनिया, मधु से मीठे बैन !
      पल पल याद करुँ तुझको, खो कर दिल का चैन ! 
          सोये ना ये आँख रे ,  पलकों बीते रैन , ,,
               जनम जनम से राह में , पाथर से दो नैन !!... ''तनु''