लो अब दर्द सहना पड़ेगा ही !
ज़ख़म तो है बिगड़ा, सड़ेगा ही !!
अब हुआ है गहरा, रिसा सड़कर !
काम का ही नहीं कटेगा ही !!
आ गयी है ख़िज़ां गयी बहार !
पीला है ये पत्ता झड़ेगा ही !!
ये ज़रूरी नहीं परिंदा फिर !
पर घायल गर हैं उड़ेगा ही !!
आँख कहती जुबाँ नहीं कहती !
प्यार दिल को हुआ जुड़ेगा ही !!... ''तनु''
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