ग़ज़ल गीत ओ शायरी, पल पल मेरी चाह!
प्रेम जगाये बाँसुरी , विहग गगन की राह!!
विहग गगन की राह, कल कल गा रही नदिया!
झरनों का संगीत, मगन फूलों की सखियाँ !!
तितली भौंरे मीत , नाचता सारा अंचल!
छेड़े मन का मीत, शायरी गीत ओ ग़ज़ल!!... ''तनु''
घूँट गम के कभी पिये होते ,
होंठ हर हाल तो सिये होते !
कोई इतना भी तो न था मुश्किल,
लफ्ज़ दिल के आर पार होते हैं,
सोच समझ कर कह लिये होते !
जो चुभी बात तीर के जैसी,
देर बाद कुछ कह लिये होते !
वक्त ये नहीं किनारा करने का,
साथ कभी तो बह लिये होते !
जिंदगी छोटी, शिकायतें लम्बी,
बिन कहे भी तो रह लिये होते !
दर किनार करते ख़ुशी अपनी,
मुझको अपना कह लिये होते !!
मिल बैठ 'तनु' कही सुनी होती,
दर्द के पहाड़ ढह लिये होते !..... ''तनु''