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Thursday, October 22, 2020

ग़ज़ल गीत ओ शायरी,

 

ग़ज़ल गीत ओ शायरी, पल पल मेरी चाह!
प्रेम जगाये बाँसुरी , विहग गगन की राह!!

विहग गगन की राह, कल कल गा रही नदिया!
झरनों का संगीत, मगन फूलों की सखियाँ !!

तितली भौंरे मीत , नाचता सारा अंचल!
छेड़े मन का मीत, शायरी गीत ओ ग़ज़ल!!... ''तनु''

Tuesday, October 20, 2020

समता सुंदर भाव है

 

समता सुंदर भाव है, अहंकार दें त्याग!
भेद भाव हैं नर्क के, अवदारित से भाग!!

अवदारित से भाग, साधना की बलिहारी !
सेवा का है धाम, पावन कल्याणकारी!!

कहती 'तनु' समझाय, रखें सबसे ही एका !
अहंकार दें त्याग, सुंदर भाव है समता!!.... ''तनु''

माया मन की चाहना,



माया मन की चाहना, भटक जाय इंसान !
गर विवेक खोया हुआ, लिपटा रहे अज्ञान!!

लिपटा रहे अज्ञान, भ्रमित ही जीवन खोता !
सोयी राह प्रशस्त, रात दिन खाता गोता !!

कहती 'तनु' समझाय, झूठ का जीवन भाया ?
रहते मन भरमाय, कौन घर रहती माया ?... ''तनु''



Saturday, October 17, 2020

होंठ हर हाल तो सिया होता,

घूँट गम के कभी पिये होते 

होंठ हर हाल तो सिये होते !


कोई इतना भी तो न था मुश्किल, 

दर्द सहकर कभी जिये होते !


लफ्ज़ दिल के आर पार होते हैं,

सोच समझ कर कह लिये होते !


 जो चुभी बात तीर के जैसी, 

 देर बाद कुछ कह  लिये होते 


वक्त ये नहीं किनारा करने का,

साथ कभी तो बह लिये होते !


जिंदगी छोटी, शिकायतें लम्बी,

 बिन कहे भी तो रह लिये होते !


दर किनार करते ख़ुशी अपनी,

मुझको अपना कह लिये होते !!


मिल बैठ 'तनु' कही सुनी होती,

दर्द के पहाड़ ढह लिये होते !..... ''तनु''