माया मन की चाहना, भटक जाय इंसान !
गर विवेक खोया हुआ, लिपटा रहे अज्ञान!!
लिपटा रहे अज्ञान, भ्रमित ही जीवन खोता !
सोयी राह प्रशस्त, रात दिन खाता गोता !!
कहती 'तनु' समझाय, झूठ का जीवन भाया ?
रहते मन भरमाय, कौन घर रहती माया ?... ''तनु''
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