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Tuesday, October 20, 2020

समता सुंदर भाव है

 

समता सुंदर भाव है, अहंकार दें त्याग!
भेद भाव हैं नर्क के, अवदारित से भाग!!

अवदारित से भाग, साधना की बलिहारी !
सेवा का है धाम, पावन कल्याणकारी!!

कहती 'तनु' समझाय, रखें सबसे ही एका !
अहंकार दें त्याग, सुंदर भाव है समता!!.... ''तनु''

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