हर तरकीब लड़ाना छोड़ा !
जोखिम और उठाना छोड़ा!!
हल ना होगी यही हुआ फिर !
हमने बात बढ़ाना छोड़ा !!
होती हर दम उसकी पूरी !
नूरे नज़र झुकाना छोड़ा !!
कडवी बात दवा के जैसी !
लो जी को समझाना छोड़ा !!
तूफां, बिजली, इंद्रचाप में !
मन को अब उलझाना छोड़ा!!
शोख़ लिबासों को छोड़ा था !
अब हमने फकीराना छोड़ा !!
''तनु'' मटमैला दिल देखा तो !
उसको ग़ज़ल सुनाना छोड़ा !!... 'तनु'
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