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Monday, November 30, 2020

मैं दिल-ए-अजीज़ ही न बन जाऊंँ !



मैं दिल-ए-अजीज़ ही न बन जाऊंँ !
चाँदनी चाँद की ही न बन जाऊंँ !!

चाँद उतरे ज़मीं पर रूबरू हो!
साँझ पी लूँ सबा ही न बन जाऊंँ !!

आज़माओ न मेरी क़ुव्वत तुम!
मैं कहीं प्यार ही न बन जाऊंँ !!

अलग मेरा जहां, जहाँ से अलग !
मैं जहाँ का जहां ही न बन जाऊंँ !!

दायरे दायरे फना हैं ख़ुद में!
मैं सिफ़र सिफ़र ही न बन जाऊंँ !!

कौल, वादा, क़रार, लफ़्ज़, बयान!
'तनु' एक जुमला ही न बन जाऊंँ !!.... ''तनु''





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