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Sunday, May 27, 2018

पात लरजते पवन से

पात लरजते पवन से,  झरने गाएँ गीत ,
पर्वत पर्वत डोल रहा, ये बिरला संगीत !
लिए गगन भी झूमता, तारे उडगन चाँद, ,,
बन बैठे आदित्य भी   यारों अपने मीत !!.. ''तनु''

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