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Friday, August 28, 2020

तेरे बग़ैर किससे रूठूँ किसको मनाऊँ !

 तेरे बग़ैर किससे रूठूँ किसको मनाऊँ !

ख्वाहिशें कितनी सभी भूलूँ किसको जताऊँ !!

बेज़ार हैं गुल और चिड़ियों की चहक नहीं , ,,

कैसे वीणा तार छेड़ूँ किसको सुनाऊँ !! ... ''तनु''


Friday, August 21, 2020

हुई कहाँ जाने की लो जी सुबह सुबह तैयारी ??

 हुई कहाँ जाने की लो जी सुबह सुबह तैयारी ??

गजानना आओ सजा रखी है मोदक की थारी ,

और कहीं की करना ना तुम जाने की तैयारी , ,,

भोग लगाओ मोदक तो आये हमरी भी बारी !!... 'तनु'

  कण-कण में वो रम रहे, अणु-अणु में आभास ।

वही जगत आधार हैं, जीता है विश्वास !! ... 'तनु'


अपने मन को न यूँ अधमरा कीजिये


अपने मन को न यूँ अधमरा कीजिये!
मानिये प्राणायाम जरा कीजिये !!

साँस का बंधन यूँ थोड़ा सा योग !
जैसा कहते वैसा करा कीजिये !!

रोज़ सुबह सूरज उगने के पहले !
उठिये गहरी साँसें भरा कीजिये !!

ये क्या कि थोड़े में थक क्यों गए हो !
अजी अधिक खाने में डरा कीजिये !!

मुरझाया सा तन लालिमा से भरे !
योग से सींचिये जी हरा कीजिये !!

हर जगह न मिले नामचीं चारागर !
योग अपनाइये तज़किरा कीजिये !!

इक तंदुरुस्ती है हज़ार नियामत !
आसन से जीवन सुनहरा कीजिये !!... ''तनु''

Wednesday, August 19, 2020

जिंदगी में किताबों की अहमियत है


जिंदगी में किताबों की अहमियत है!
किताबें हैं तो जिंदगी की कीमत है!!

किताबें बदल देती जिंदगी की दिशा!
बुरी किताबों ने खोई आदमियत है !!

किताबें कभी पढ़ो तो समय लगता है !
इस तरह बढ़ा रही जिंदगी कीमत है !!

बिन किताबों आधा इंसा का संसार !
जिंदगी इनके बिन जैसे अज्जियत है!!

वक्त औ जिंदगी दोनों ब-दस्तूर चले!
पढ़ना पढ़ाना एक अच्छी नीयत है !!

वन कितने पी गयी ज्ञान पिपासा लिये !
प्यास की प्यास ही इसकी मसरूफियत है!!

यूँ पढ़ा, पढाया है, पढ़ाते ही गये!
किताबों से जीवन यही वाकफियत है !!.... ''तनु''

Tuesday, August 11, 2020




कान्हा झूलते झुलना,    डोर यशोदा हाथ ,   
खनक रहे हैं कंगना,   फूल हँसे औ पात !
फूल हँसे औ पात , देखी छबि मनमोहिनी 
कूल हँसे औ घाट ,     चन्द्र सजते रोहिणी !!
भादों की है रात ,      नन्द घर आये कान्हा  
गोकुल गाँव प्रभात ,  हर्षित हैं देखि कान्हा    ..तनुजा ''तनु ''

Sunday, August 9, 2020

नज़र नज़र में अब डर दिखाई देता है!

 

नज़र नज़र में अब डर दिखाई देता है!
ये ही तो अब अकसर दिखाई देता है!!

जिंदगी में अज़ाब और सूजी आँखें!
दिल जलता है अंदर दिखाई देता है!!

दॉंत कटी रोटियों का मोल भूला है!
इतना गिरा है अब्तर दिखाई देता है!!

तमाशबीन भी क्या कोई कभी सुनेगा!
अब तो हरिक अफ़सर दिखाई देता है!!

शक ओ शुबहा तो अभी भी कायम!
''तनु'' वो देवता अगर दिखाई देता है!!... ''तनु''