नज़र नज़र में अब डर दिखाई देता है!
ये ही तो अब अकसर दिखाई देता है!!
जिंदगी में अज़ाब और सूजी आँखें!
दिल जलता है अंदर दिखाई देता है!!
दॉंत कटी रोटियों का मोल भूला है!
इतना गिरा है अब्तर दिखाई देता है!!
तमाशबीन भी क्या कोई कभी सुनेगा!
अब तो हरिक अफ़सर दिखाई देता है!!
शक ओ शुबहा तो अभी भी कायम!
''तनु'' वो देवता अगर दिखाई देता है!!... ''तनु''
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