आसमाँ से झाँक, मुझे उदास मत रहने दे;
आस को पूरी कर दे, प्यास मत रहने दे !
चल दिखा कर राह मुझे, रहबर अंधेरों में;
दुख मिटा कर, दर्द आसपास मत रहने दे !
जिंदगी मेरी इसी दम पर गुजर जायेगी ;
जुनून-ए-इश्क में, होशो हवास मत रहने दे !
ख़त्म नहीं होगी तलाश तेरे जलवों की ;
खुद पता दे, मुझे ना शनास मत रहने दे !
हमनवां, तू हबीब, महरम-ए-पिन्हाँ भी तू ;
कर दुआ क़ुबूल, आजिज आज मत रहने दे !
पैरहन तो ऊपरी, तनु रेशम हो या कपास ;
पहनू मैं इंसानियत, फिर नाज़ मत रहने दे !....''तनु''
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