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Thursday, April 29, 2021

आसमाँ से झाँक मुझे उदास मत रहने दे

 

आसमाँ से झाँक, मुझे उदास मत रहने दे;
आस को पूरी कर दे, प्यास मत रहने दे !

चल दिखा कर राह मुझे, रहबर अंधेरों में;
दुख मिटा कर, दर्द आसपास मत रहने दे !

जिंदगी मेरी इसी दम पर गुजर जायेगी ;
जुनून-ए-इश्क में, होशो हवास मत रहने दे !

ख़त्म नहीं होगी तलाश तेरे जलवों की ;
खुद पता दे, मुझे ना शनास मत रहने दे !

हमनवां, तू हबीब, महरम-ए-पिन्हाँ भी तू ;
कर दुआ क़ुबूल, आजिज आज मत रहने दे !

पैरहन तो ऊपरी, तनु रेशम हो या कपास ;
पहनू मैं इंसानियत, फिर नाज़ मत रहने दे !....''तनु''

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