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Monday, April 5, 2021

यूँ तिनका बनना सहा नहीं जाए

 

बनूँ तिनका सहा नहीं जाए !
खास भी तो रहा नहीं जाए !!

गुल चमन में खिला नया-नया सा !
ख़ुशबू इतनी कहा नहीं जाए !!

मधुकरी तितिल या कि हो भँवरे!
चमन छोड़कर, हा!! नहीं जाए !!

छाँव अंबुआ बयार ठंढी सी !
आम बौर इतरा नहीं जाए !!

ज़लज़ले औ क़हर सहे हमने !
बोल साथी कहा नहीं जाए !!

मौज ही मौज में चली मौजें !
हाँ अकेले बहा नहीं जाए !!

ग़म कुर्बान कर''तनु''हँसी ले ले !
जब ख़ुशी से नहा नहीं जाए !!..... ''तनु''

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