ऊपर वाला बड़ा खिलंदर
वही रचे कुछ सुन्दर् सुन्दर
सुरों की डफली बजनें दे
मन गाये है गाने दे
क्योंकि ,
मन मस्ती है अति निडर
मन कश्ती है ढूंढे डगर
आशा के पंख पसरने दे
मन उड़ता है उड़ने दे
क्योंकि ,
मन की कामना है अति सुन्दर
पाप हो न कोई भूलकर
शंख घडियाल बजने दे
मन झूमें है झूमने दे
क्योंकि ,
अनहद हो मन के अंदर
निर्मल हो मन का मंदिर
धरती आकाश को मिलने दे
मन बोले है बोलने दे
क्योंकि ,
मन गाये है
मन झूमें है
मन उड़े है
मन बोले है !!!... तनुजा ''तनु''
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