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Tuesday, December 31, 2013

अहं ब्रम्हास्मि..........


मंगल कामना  


''विश'' करें विष नहीं 
प्यार भरें भीति नहीं 
नया सबेरा लायेंगे 
हम समग्र हो जायेंगे 

पंच प्राण जीवन जीवंत 
नव संचार तन मन दिगंत 
ईश ईश हो गायेंगे 
हम समग्र हो जायेंगे 

लूट नहीं खसोट नहीं
मक्कारी की डकार नहीं
मिल कर मंगल गायेंगे 
हम समग्र हो जायेंगे 

राहें सबकी निष्कंटक 
जीवन सबका निष्कलंक
मिलकर दीप जलायेंगे
हम समग्र हो जायेंगे 

हारें नहीं जीते यहीं 
पाप व्यभिचार नहीं
योग की महिमा गायेंगे
हम समग्र हो जायेंगे ..........तनुजा ''तनु''  

  
  

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