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Sunday, June 10, 2018

सच की कहानी है पुरानी


कितना पानी कितना पानी ?
आँधी दिल में आँखों पानी !!

कितनी मौसम की मनमानी !
साया लिखता धूप कहानी !!

देखो पल में मिट्टी दुनिया ! 
मिटती पल में है ये फ़ानी !!

सपनों जैसी रची रचाई ! 
क्यों ना होगी फिर हैरानी !!

किसने फूलों को मसला है !
भूल नहीं, ना है नादानी !!

कितनी दरिया लील चुका है !
जलता रूखा रेगिस्तानी !!

आँख रो गयी देखा सबने !
आँसू सबसे सस्ता पानी !!

किसने सुख को नोचा है !
भूले निशां और कुर्बानी !! 

 बातें सभी भुला दी अब तो !
 कहानी सच की है पुरानी !!..''तनु''



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