कितना पानी कितना पानी ?
आँधी दिल में आँखों पानी !!
कितनी मौसम की मनमानी !
साया लिखता धूप कहानी !!
देखो पल में मिट्टी दुनिया !
मिटती पल में है ये फ़ानी !!
सपनों जैसी रची रचाई !
क्यों ना होगी फिर हैरानी !!
किसने फूलों को मसला है !
भूल नहीं, ना है नादानी !!
कितनी दरिया लील चुका है !
जलता रूखा रेगिस्तानी !!
आँख रो गयी देखा सबने !
आँसू सबसे सस्ता पानी !!
किसने सुख को नोचा है !
भूले निशां और कुर्बानी !!
बातें सभी भुला दी अब तो !
कहानी सच की है पुरानी !!..''तनु''
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