कोरोना के राज में, तगड़ी भागमभाग! साफ सफाई का सभी, आलापे मिल राग!! आलापे मिल राग, हर पल भरम में रहते! धोते फल औ साग, बात भी दूर से करते!! बदल गये हैं भाग, हर तरफ को कोरोना! तगड़ी भागमभाग, खूब भगाय कोरोना!!... ''तनु''
दुख की गोटी साँवली, सुख की धोली गोट, जीवन झेलता ही गया,जंग नियति की ओट ! जंग नियति की ओट, न्यारी खेती कर्म की ! पाप पुण्य की चोट, कभी जागते मर्म की !! मन मत रखना खोट, आयेगी छाँव सुख की, उतरेगा यह कोट, जायगी बदली दुख की !!... ''तनु''
घायल मनवा चैन कहाँ, रिसते सगले घाव, रसना के रस गुम हुए , बैरी मन के चाव! दिन रुकता न रात रुकी, पल की क्या है बात ,, कर्मो की बिसात बिछी, अब विधना के गाँव!--''तनु''
नैया दरिया से दूर है, देखी ना पतवार ! दूर सजन का गाँव है , जाना सागर पार मरीचिका सी जिंदगी, जीना भी दुश्वार !! रोती जाती साँझ भी, जीवन है बस रार !!... ''तनु''
चलते रहना राह पर, रखना लक्ष्य निगाह ! जिंदगी अंक गणित है, दुखों से ही निबाह !! दुखों से ही निबाह, बस थोड़ी सी है ख़ुशी , ,, अंधी जग की राह, और साँसें बची खुची ! मंज़िल आती पास, रुक मत साँस के चलते! ! निश्छल है मन आस, राह पर रहना चलते !!... ''तनु''
ये अभिलाषा, भूखा ना हो ! भूखा ना हो, नंगा ना हो !! नंगा ना हो, सुख सारे हों ! सुख सारे हों, खुशियाँ हर-घर!! खुशियाँ हर-घर, सुख अपार हो! सुख अपार हो, ये अभिलाषा !!,,,, ''तनु''
आती जाती राह है, मंज़िल तू मत छोड़ ! जिंदगी अंक गणित है, ग़म कम कर सुख जोड़ !! ग़म कम कर सुख जोड़, ख़ुशी के बाग़ लगा ले, ,, अंधी जग की दौड़, घात से इसे बचा ले ! इस चातक की प्यास, बुझाये बूँद जो स्वाति ! निश्छल है मन आस, वह ही काम है आती !!... ''तनु''
शोहरत थोड़ी सी मिल गयी, बहुत है मग़रूर होने को! कभी भी फिसलके गिरने को, सारा ग़ुरूर खोने को!! नींद खोकर बेचैन होकर, बनते खेल खिलौनो से, ,, देखिये तरक़ीबें हैं कई, यहाँ मशहूर होने को !!... ''तनु''