दुख की गोटी साँवली, सुख की धोली गोट,
जीवन झेलता ही गया,जंग नियति की ओट !
जंग नियति की ओट, न्यारी खेती कर्म की !
पाप पुण्य की चोट, कभी जागते मर्म की !!
मन मत रखना खोट, आयेगी छाँव सुख की,
उतरेगा यह कोट, जायगी बदली दुख की !!... ''तनु''
जीवन झेलता ही गया,जंग नियति की ओट !
जंग नियति की ओट, न्यारी खेती कर्म की !
पाप पुण्य की चोट, कभी जागते मर्म की !!
मन मत रखना खोट, आयेगी छाँव सुख की,
उतरेगा यह कोट, जायगी बदली दुख की !!... ''तनु''
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