भूलना मत सितारों की निगेहबानी को ;
याद रखना तुम खुदा की महरबानी को !
याद रखना तुम खुदा की महरबानी को !
फूल में ख़ुश्बू रंग हीना में डाल देता है ;
तासीर देता महकते इश्क जाफरानी को !
सींच काँटों को गुलशन बना वो देता है ;
जानेगा कैसे कोई उसकी बाग़वानी को !
गलतियाँ हर माफ करके प्यार देता है ;
प्यार से ऐसे भुलाता तेरी बदगुमानी को !
ये दरख़्त उजड़ते, साये बरगदों के क्यूँ ;
दिलफ़िगार करे किसी की बेज़ुबानी को !
तनु ख़तायें कर रहमत खफा ना करना तुम;
भूलता न कोई किसी की बेइमानी को !.... ''तनु''
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