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Monday, December 25, 2017

सांता दिल की तुम सुन जाओ

सांता दिल की तुम सुन जाओ 
खुशियों के उपहार सजाओ 
आँसू ओ ग़मगीनी ना हो 
व्यर्थ नुक़्ताचीनी ना हो 
झोली भर कर हँसते आओ,
सांता दिल की तुम सुन जाओ 

जग में कितने दुखी हैं लोग 
ठंडी कितनी ठिठुरते लोग 
तन ढाँकने नहीं हैं कपडे
चिथड़े ही हैं उनके कपडे 
सबको कपडे देते जाओ 
उनको बिछौना देते जाओ,
सांता दिल की तुम सुन जाओ 

नहीं चाहिए मुझे चॉकलेट 
तुम तो सभी के भर दो पेट 
कोई जग में भूखा ना हो 
मानव मन भी रूखा ना हो 
घर घर क्रिसमस ट्री सजाओ 
उनपर तोहफ़े खूब सजाओ,
सांता दिल की तुम सुन जाओ 

देखो डरती रहती दुनिया 
आतंकवाद सहती दुनिया 
कितने ज़ुल्म सहती दुनिया
लालच दरिया बहती दुनिया 
झूठ कपट से हमें बचाओ 
सत्य प्रेम के भाव रचाओ, 
सांता दिल की तुम सुन जाओ ,... ''तनु''

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