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Friday, December 29, 2017
एक मोती ...दिन चुराय ले जात है , आसमान का चोर ;
दिन चुराय ले जात है , आसमान का चोर ;
रही दुपहरी पूछती , चलकर ढूँढूँ ठौर ??
रजनी पैर पसारती , कुछ पल का है चैन , ,,,
कलरव पंछी का कहे , गाती है फिर भोर !!... ''तनु ''
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