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Monday, March 4, 2019

आज क्यों होंठ सी लिये मैंने

आज क्यों होंठ सी लिये मैंने!
आँख आँसू भरी भरी ढलके!! 

चाहती हैं  घनी घनी अलकें!
बोलती हैं बिछी बिछी पलकें!!

साथ फूल सजते रहे दिल में!
संग मैं भी चली उसी पल के!!

गूँजते भँवर फूल को चाहे!
कलियों की दिली खुशी छलके!!

आहटें हो गयी बहारों की!
 क्यारियाँ केशरी, कली कलके!!---"तनु" 

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