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Sunday, March 3, 2019


चाहती हैं घनी घनी अलकें!
बोलती हैं बिछी बिछी पलकें!!

साथ फूल सजते रहे दिल में!
आज मैं भी चली उसी पल के!!

गूँजते भँवर फूल को चाहे!
कलियों की दिली खुशी छलके!!

आहटें हो गयी बहारों की!
 क्यारियाँ केशरी कली कलके!!

बात ने होंठ सी दिए मेरे!
आँख आँसू भरी भरी ढलके!! ---"तनु"

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