जन का मन और मन की जननी नारी,
यूँ ही नहीं सकल विश्व उसका आभारी!
वैभव , गौरव, श्रद्धा, विश्वास भाग्य जहां का, ,,
धरा धैर्य धरती सा, तुम्ही हो उपकारी!! ----"तनु"
यूँ ही नहीं सकल विश्व उसका आभारी!
वैभव , गौरव, श्रद्धा, विश्वास भाग्य जहां का, ,,
धरा धैर्य धरती सा, तुम्ही हो उपकारी!! ----"तनु"
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