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Sunday, December 15, 2019

जुर्म की तहरीर, कहाँ दर्ज होती है थानों में ?

जुर्म की तहरीर, कहाँ दर्ज होती है थानों में ?
रौशनी जायेगी कैसे अँधेरे तहखानों में ??

आसमानों की ऊँचाइयाँ  ये नाप न पाएँगे !
परिंदों का यकीन टूटा, दम नहीं उड़ानों में!!

ये कैसी तरक्की है अजब सी बेतरतीबियाँ इसमें ?
कैसे कैसे लोग ढल रहे इस वक्त कारखानों में ??

असर से तुम्हारे,  चीखें निकलेंगी सादगी से !
चुप चुप है बग़ावत भी रोकर के बेजुबानों में !!

सब कुछ जान, पेट पर हाथ रख ताली बजाता है, 
यूँ  इक ही जिक्र होता रहा अब सारे मकानों में !

नुचती गयी डालियाँ चमन में गुंचे झुलसते हैं ,
बचाएँ  गुल -औ - कलियाँ चर्चा है बागबानों में !

जारी कर क़वायद अब खुद में कमियाँ ढूँढ़ने की !
मिलते हैं अब भी हीरे कोयले की खदानों में !!

कलम सोना, चाँदी सियाही तू  लिख के बोल !
तभी जिक्र होगा 'तनु'  का कभी तो दास्तानों में !!.... ''तनु''

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