जुर्म की तहरीर, कहाँ दर्ज होती है थानों में ?
रौशनी जायेगी कैसे अँधेरे तहखानों में ??
आसमानों की ऊँचाइयाँ ये नाप न पाएँगे !
परिंदों का यकीन टूटा, दम नहीं उड़ानों में!!
ये कैसी तरक्की है अजब सी बेतरतीबियाँ इसमें ?
कैसे कैसे लोग ढल रहे इस वक्त कारखानों में ??
असर से तुम्हारे, चीखें निकलेंगी सादगी से !
चुप चुप है बग़ावत भी रोकर के बेजुबानों में !!
सब कुछ जान, पेट पर हाथ रख ताली बजाता है,
यूँ इक ही जिक्र होता रहा अब सारे मकानों में !
नुचती गयी डालियाँ चमन में गुंचे झुलसते हैं ,
बचाएँ गुल -औ - कलियाँ चर्चा है बागबानों में !
जारी कर क़वायद अब खुद में कमियाँ ढूँढ़ने की !
मिलते हैं अब भी हीरे कोयले की खदानों में !!
कलम सोना, चाँदी सियाही तू लिख के बोल !
तभी जिक्र होगा 'तनु' का कभी तो दास्तानों में !!.... ''तनु''
रौशनी जायेगी कैसे अँधेरे तहखानों में ??
आसमानों की ऊँचाइयाँ ये नाप न पाएँगे !
परिंदों का यकीन टूटा, दम नहीं उड़ानों में!!
ये कैसी तरक्की है अजब सी बेतरतीबियाँ इसमें ?
कैसे कैसे लोग ढल रहे इस वक्त कारखानों में ??
असर से तुम्हारे, चीखें निकलेंगी सादगी से !
चुप चुप है बग़ावत भी रोकर के बेजुबानों में !!
सब कुछ जान, पेट पर हाथ रख ताली बजाता है,
यूँ इक ही जिक्र होता रहा अब सारे मकानों में !
नुचती गयी डालियाँ चमन में गुंचे झुलसते हैं ,
बचाएँ गुल -औ - कलियाँ चर्चा है बागबानों में !
जारी कर क़वायद अब खुद में कमियाँ ढूँढ़ने की !
मिलते हैं अब भी हीरे कोयले की खदानों में !!
कलम सोना, चाँदी सियाही तू लिख के बोल !
तभी जिक्र होगा 'तनु' का कभी तो दास्तानों में !!.... ''तनु''
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