हम तेरा एतबार करते रहे;
इश्क़ को दाग़दार करते रहे !
इश्क़ को दाग़दार करते रहे !
दिल लगा करके एक मूरत से;
खुद को ही दिलफ़िगार करते रहे !
प्यार की राह में मिला धोखा;
फिर अकेले अस्फ़ार करते रहे !
चाँदनी में बिखर-बिखर कर हम;
चाँद को तार - तार करते रहे !
ज़ख्मे - दिल दर्द, खून के आँसू;
झूठ का कारोबार करते रहे!
और दुनिया में कौन था किसकी;
बंदगी बार - बार करते रहे!
ग़र्क़ होना भँवर में था लाज़िम;
दर्द को तलबग़ार करते रहे!
तू तो सच्ची ''तनु''आइने जैसी;
तोड़कर खार-खार करते रहे!.......''तनु''
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