Labels

Wednesday, October 7, 2015

शिव भोले भंडारी 



वो जटाएँ  कमाल रखते हैं !
पेंच ख़म में सवाल रखते हैं !!

नाग तम के जकड कर पाश में !
शीश शशिधर जमाल रखते हैं !!

भूल जाते बहुत बहुत भोले !
नाम लेकर मलाल गलते हैं !! 

लो चुग रहे हैं जहर भरे मोती !
पाप मोचन न' मराल थकते हैं !!

तीसरा नेत्र जो खुले भी तो !
जान लो जग, बवाल जलते हैं !!

जाप शिव का करो नित मनन कर !
सकल जग दुःख भगवान' हरते हैं !!… तनुजा ''तनु ''






No comments:

Post a Comment