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Monday, August 1, 2016







रुग्ण औ निर्बल हुए,     आज हमारे तात !
जरावस्था बहुत बुरी , बिसराये सब बात !! 
बिसराये सब बात, विधना ये क्यों कर हुआ ?
बोलो दीनानाथ ,     तुम से हम करते  दुआ !
निरोगी रहें तात , और जीयें जुगन जुगन !
सबल मन रहे साथ, दूर भागे रोग रुगन !!... तनुजा ''तनु''

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